चना एवं सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीद
देश के अधिकांश राज्यों में गेहूं, चना, सरसों सहित अन्य रबी फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीद का काम शुरू हो गया है। ऐसे में किसान अपनी उपज मंडियों में लाने लगे हैं। राजस्थान में राज्य के सभी खरीद केंद्रों पर चना एवं सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीदी का काम ज़ोरों पर चल रहा है। इस बीच राजस्थान के प्रबंध निदेशक राजफैड श्रीमती सुषमा अरोड़ा ने कहा कि समर्थन मूल्य पर सरसों एव चना की गुणवत्तायुक्त कृषि जिन्स की खरीद की जाए। गुणवत्तायुक्त कृषि जिन्स नहीं होने पर वेयर हाउस में जिन्स जमा नहीं हो पाएगी एवं समितियों को भी हानि होगी। अतः किसी भी परिस्थति में नॉन एफएक्यू जिन्स नहीं खरीदी जाए।
किसानों को दी जाएगी रिजेक्शन स्लिप
श्रीमती अरोड़ा समर्थन मूल्य योजना के तहत खरीद तैयारियों एवं प्रगति की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि यदि किसान खरीद केन्द्र पर नॉन एफएक्यू जिन्स लेकर आता है तो रिजेक्शन स्लिप पर कारणों को दर्शाते हुए किसान से पुष्टि ली जाए एवं सैम्पल भी लिया जाए। खरीद केन्द्र पर खरीद की व्यवस्थाएँ सुचारू हो इसे सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि खरीद केन्द्र संचालन में किसी प्रकार की कठिनाई महसूस हो, तो तत्काल अवगत कराए। उन्होंने निर्देश दिए कि न्यूनतम समर्थन मूल्य राशि, किसान द्वारा वहनीय खर्चों का विवरण खरीद केन्द्र पर प्रदर्शित की जाए एवं पेयजल व छाया व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।
बारदाना की आवश्यकता होने पर पहले करें मांग
श्रीमती अरोड़ा ने समस्त उपस्थित केन्द्र प्रभारियों से बारदाने की उपलब्धता के बारे में निर्देश देते हुए कहा कि बारदाना की आवश्यकता होने पर मांग क्षेत्रीय कार्यालय के माध्यम से अविलम्ब भिजवाये, क्योंकि बारदाना नेफेड के माध्यम से कलकत्ता से क्रय किया जा रहा है। कलकत्ता से बारदाना आने में लगने वाले समय को ध्यान में रखते हुए ही मांग प्रस्तुत की जाए।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में इस वर्ष गेहूं खरीद के लिए पंजीयन की व्यवस्था ऑनलाइन की गई है। कोटा संभाग में 15 मार्च से गेहूं खरीद प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है। प्रदेश में चने के 635 एवं सरसों के 635 सहित कुल 1270 क्रय केन्द्रों पर सरसों एवं चने की समर्थन मूल्य पर खरीद की जा रही है वहीं पूरे प्रदेश में 389 क्रय केन्द्रों पर गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद की प्रक्रिया चल रही है ।