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मंगलवार, जनवरी 14, 2025
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मोदीजी के नए भारत बजट में किसानों को नहीं मिली जगह

नई मोदी सरकार ने वर्ष 2019-20 के लिए पेश किया बजट

केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने 5-जुलाई को लोकसभा 2019-20 का केन्‍द्रीय बजट पेश किया | यह बजट मोदी सरकार दुसरे कार्यकाल का चुनाव जीतने के बाद पहला बजट है | इस बजट को नए भारत का बजट Budget For New India 2019 के नाम से पेश किया गया | इससे पूर्व फरवरी में सरकार द्वारा चुनाव पूर्व अंतरिम बजट था जिसमें किसानों के लिए सरकार ने पिटारा खोल दिया था | वहीँ चुनाव के बाद पेश हुए इस बजट में किसानों के लिए किसी प्रकार की घोषणा नहीं की गई न ही किसानों पर जोर ही दिया गया |  न किसानों की आर्थिक दशा पर बात हुई न सूखे पर बात हुई | इससे पूर्व आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया था की धान एवं गन्ने की फसल में सिंचाई में कुल सिंचाई का 60 प्रतिशत से अधिक पानी लगता है जिससे जमीन में उपस्थित पानी Ground WATER में लगातार कमी हो रही है | इसको लेकर भी किसी प्रकार की कोई चर्चा नहीं की गई |

किसानों के मुख्य मुद्दों पर नहीं हुई चर्चा 

2022 तक किसानों की आय दोगुनी कैसे होगी, ये भी नहीं बताया गया। हां ये जरूर कहा गया कि सरकार का लक्ष्य है कि किसानों को उनकी उपज की सही कीमत मिले, लेकिन कैसे ? उम्मीद की जा रही थी कि किसान सम्मान निधि की राशि में बढ़ोतरी होगी। ऐसा भी नहीं हुआ न ही सभी किसानों को इस योजना में कब तक शामिल किया जायेगा इसका भी जिक्र नहीं हुआ । MSP का लाभ किसानों को कैसे मिलेगा और आवारा पशुओं से निपटने की योजना पर भी कोई चर्चा नहीं हुई।  इसके आलावा स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट का ही कहीं जिक्र हुआ |

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स्वराज इंडिया के संस्था पार्टी के संस्थापक और किसान नेता योगेंद्र यादव ने ट्वीट कर कहा ” कम से कम किसान के लिए तो यह “ज़ीरो बजट स्पीच” थी। न सूखे का जिक्र, न आय दोगुना करने की योजना, न किसान सम्मान निधि का विस्तार, न MSP रेट किसान को दिलवाने की पुख्ता योजना, न आवारा पशु से निपटने की कोई तरकीब।”

बजट में कृषि और सम्बंधित क्षेत्रों को यह दिया गया

वैसे किसान समाधान ने बजट देखने के बाद एवं बहुत प्रयास के बाद जो कुछ भी किसानों क लिए सरकार ने अपने बजट में देने की बात कही है हम आपके लिए खोज कर लाएं है |

  • 2019-20 में 80 आजीविका व्यापार इंक्यूबेटर (एलबीआई) और 20 औद्योगिकी व्यापार इंक्यूबेटर (टीबीआई) स्थापित किए जाएंगे।
  • कृषि – ग्रामीण उद्योग क्षेत्र में 75,000 उद्यमियों को कौशल प्रदान किया जाएगा।
  • किसानों के उत्पादों को उनके खेतों से मूल्य संवर्द्धन को बढ़ावा देने और संबंधित क्रियाकलापों में लगे निजी उद्यमियों को सहायता दी जाएगी।
  • पशुओं के लिए चारे का उत्पादन, दूध की खरीद, प्रसंस्करण और विपणन के लिए अवसंरचना तैयार करके सहकारी संस्थाओं के माध्यम से दूथ उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • किसानों की बेहतर आर्थिक स्थिति सुनिश्चित करने के लिए 10,000 नये किसान उत्पादक संगठन बनाए जाएंगे।
  • सरकार ई-नाम से किसानों को लाभान्वित करने के क्रम में राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेगी।
  • जीरो बजट फार्मिंग, जिसमें कुछ राज्यों के किसानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
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प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना

  • प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के माध्यम से मत्स्य विभाग द्वारा एक मत्स्यपालन प्रबंधन संरचना स्थापित की जाएगी।
  • अवसंरचना, आधुनिकीकरण, पता लगाने की योग्यता, उत्पादन, उत्पादकता, फसल कटाई पश्चात प्रबंधन और गुणवत्ता नियंत्रण सहित मूल्य श्रृंखला में अत्यधिक अंतर को हल करना।

जो भी हो केंद्र सरकार का कहना है की यह बजट गाँव, गरीब, किसान एवं महिलाओं के लिए हैं | केंद्र सरकार बजट 2019-20 की पूरी जानकारी यहाँ देखें |

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