दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए पशुओं को हरा चारा देना आवश्यक है। इसके लिए किसान पशुओं को हरा चारा उपलब्ध कराने के लिये कई तरह के चारा लगाते हैं परंतु नेपियर घास एक ऐसी घास है जिससे एक बार इसकी कटिंग लगाने के बाद कई वर्षों तक पशुओं को पौष्टिक हरा चारा आसानी से उपलब्ध होता रहता है। पिछले साल राजस्थान सरकार ने खेतों में नेपियर घास लगाने के लिए किसानों को अनुदान उपलब्ध कराया था जिसका परिणाम सामने आने लगा है। किसानों के खेतों में नेपियर घास तैयार हो गई है।
दौसा के कृषि अधिकारी अशोक कुमार मीणा ने बालाजी क्षेत्र के सुरैर गांव में किसान हजारी लाल मीणा द्वारा कृषि विभाग द्वारा देय अनुदान की सहायता से उगाई गई नेपियर घास का निरीक्षण किया। मीणा ने बताया कि गत वर्ष विभाग द्वारा अनुदान पर नेपियर घास लगवाई गई थी जिस पर विभाग द्वारा 10 हजार रुपये का अनुदान दिया गया है।
किसानों को उपलब्ध कराई जा रही है कटिंग
पिछले वर्ष सरकारी अनुदान पर किसान हजारीलाल मीणा ने लगभग दो बीघा जमीन में नेपियर घास लगाई थी। जिससे प्रतिदिन पशुओं के लिए हरा पौष्टिक चारा मिल रहा है। इसके साथ ही किसान हजारीलाल मीणा द्वारा किसानों को इसकी कटिंग भी विक्रय की जाती है, यदि कोई भी किसान नेपियर घास लगाना चाहते हैं तो इनसे उचित दर पर खरीद कर अपने खेत में नेपियर घास लगा सकते हैं। ये आस-पास के किसानों को नेपियर घास के बारे में जागरूक कर रहे हैं एवं उनके द्वारा आसपास के कई किसानों को भी नेपियर घास के बारे में जानकारी देकर उनके खेतों पर भी नेपियर घास लगवाई गई है।
किसान हजारी लाल मीना प्रगतिशील किसान है, जो की नवीनतम कृषि तकनीकियों को अपनाते रहते हैं इनके द्वारा अभी 02 बीघा भूमि में जाल पर लौकी लगा रखी है एवं अन्य सब्जियां मेड पर मल्चिंग व ड्रिप के माध्यम से भी लगा रखी है। इनको देखकर क्षेत्र के अन्य किसान प्रेरित होते हैं।
कटिंग लगा कर पैदा कर सकते हैं नेपियर घास
कृषि अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि नेपियर घास से दूध उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है एवं एक बार लगाने के बाद आसानी से कई वर्षों तक लगातार हरा चारा मिलता रहता है। इसकी एक बार कटाई के बाद पुनः फुटान होती रहती है। इसकी कटिंग लगाकर किसान नेपियर घास पैदा कर सकते हैं।