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गुरूवार, अप्रैल 25, 2024
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मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना को मिली मंजूरी, मछली पालन के लिए मिलेगी 40 प्रतिशत सब्सिडी

मत्स्य सम्पदा योजना के तहत दिया जाएगा अनुदान

देश भर में मछली उत्पादन को बढ़ावा देने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के उद्देश्य से “प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना” चलाई जा रही है। ठीक इसी तर्ज़ पर उत्तर प्रदेश सरकार भी राज्य में मछली पालकों के लिए “मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना” शुरू करने जा रही है। मंत्री परिषद ने इसके क्रियान्वयन से सम्बंधित दिशा-निर्देशों को मंजूरी दे दी है। साथ ही मंत्री परिषद ने यह भी निर्णय लिया है कि योजना के दिशा-निर्देशों में संशोधन के लिए मुख्यमंत्री अधिकृत होंगे।

बता दें कि मत्स्य उत्पादन में प्रचुर बढ़ोतरी किए जाने तथा मछुआ समुदाय एवं मत्स्य पालकों की स्थिति में समग्र रूप से गुणात्मक विकास लाए जाने हेतु भारत सरकार द्वारा मई 20 मई 2020 से “प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना” लागू की गई है। मत्स्य क्षेत्र से प्रदेश में लगभग 39 लाख मछुआरों एवं मत्स्य पालकों को आजीविका प्राप्त होती है। 

मत्स्य उत्पादन को 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक बढ़ाया जाएगा 

उत्तर प्रदेश में ग्राम सभा के तालाबों में मत्स्य पालन का कार्य स्थानीय मछुआरों व पट्टाधारकों द्वारा परम्परागत तरीक़े से किया जा रहा है। इन तालाबों की वार्षिक मत्स्य उत्पादकता मात्र 25-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इन तालाबों का मनरेगा के माध्यम से सुधार कराकर अथवा स्वयं के संसाधन से सुधारे गए ग्राम सभा एवं अन्य पट्टे के तालाबों में मत्स्य पालन हेतु अनुदान उपलब्ध कराते हुए मत्स्य उत्पादकता को 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर प्रति वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। 

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मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत दिया जाएगा 40 प्रतिशत अनुदान

अभी केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना में ग्राम सभा के पट्टे पर आवंटित तालाबों पर कोई परियोजना अनुमन्य नहीं है। इसी की भरपाई करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना शुरू की जा रही है। योजना का क्रियान्वयन 02 उप योजनाओं -‘कंपोनेंट ए’ एवं ‘कंपोनेंट बी’ के माध्यम से किया जाएगा। ‘कंपोनेंट ए’ के तहत मनरेगा कंवर्जंस अथवा पट्टा धारक स्वयं तथा अन्य विभागों के माध्यम से सुधारे गए ग्राम सभा व अन्य पट्टे के तालाबों में प्रथम वर्ष पर अनुदान हेतु इकाई लागत 04 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।

‘कम्पोनेंट बी’ के तहत मनरेगा कंवर्जेंस अथवा पट्टाधारक स्वयं तथा अन्य विभागों के माध्यम से सुधारे गए ग्राम सभा व अन्य पट्टे के तालाबों में मत्स्य बीज बैंक की स्थापना योजना हेतु इकाई लागत 04 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना 05 वर्षों (वर्ष 2022-23 से वर्ष 2026-27 तक) के लिए संचालित की जाएगी।

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निगरानी के लिए कमेटी का होगा गठन

मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के कार्यान्वयन के लिए जिला स्तर पर लाभार्थी चयन, योजना के पर्यवेक्षण व निगरानी के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। मत्स्य विभाग का जिला स्तरीय अधिकारी इस समिति का सदस्य सचिव होगा। लाभार्थियों का चयन जिला स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा। इच्छुक लाभार्थियों के आवेदन विभागीय पोर्टल पर आनलाइन प्राप्त किए जाएंगे। पट्टा धारक को किसी भी एक परियोजना में एक बार ही लाभ देय होगा।

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