फसल उत्पादन में पानी की बचत के साथ ही फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा दिया जा रहे है। इसके लिए देशभर में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना “पर ड्रॉप मोर क्रॉप” योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। योजना के तहत किसानों को सूक्ष्म सिंचाई पद्धति अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु ड्रिप, स्प्रिंकलर आदि यंत्रों पर अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। इस कड़ी में गन्ना एवं चीनी विभाग उत्तर प्रदेश विभाग द्वारा गन्ना किसानों को ड्रिप इरीगेशन पर अनुदान दिया जाएगा।
गन्ना और चीनी आयुक्त ने बताया कि लघु व सीमांत किसानों एवं अन्य किसानों के हित को ध्यान रखते हुए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना पर ड्रॉप मोर क्रॉप (माइक्रो इरीगेशन) को गन्ना खेती में लागू कर उत्पादकता में वृद्धि के सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे गन्ना उत्पादकता में वृद्धि के साथ-साथ जल संरक्षण/पानी की बचत के क्षेत्र में दीर्घकालिक लाभ किसानों को मिल सके।
इस वर्ष 25 हजार किसानों को मिलेगा लाभ
गन्ना एवं चीनी आयुक्त प्रमोद कुमार उपाध्याय ने बताया कि गन्ना विकास विभाग द्वारा कृषि क्षेत्र में पानी के दोहन में कमी लाकर जल संरक्षण, गन्ना खेती के लागत में कमी लाने और किसानों की आमदनी में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए ड्रिप सिंचाई किसानों के अत्यंत उपयोगी है। इस संबंध में सभी गन्ना उत्पादक जिलों का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। वर्ष 2025-26 के लिए 25,000 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिससे लगभग 20-25 हजार किसान लाभान्वित होंगे।
50 प्रतिशत तक होगी पानी की बचत
गन्ने की खेती में ड्रिप इरीगेशन से प्रतिदिन जल स्तर में हो रही कमी में सुधार हेतु भू-जल संचयन, सिंचाई जल के उपयोग में कमी उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि के दृष्टिगत पारंपरिक सिंचाई विधियों की तुलना में ड्रिप सिंचाई प्रणाली बहुत प्रभावी तकनीक है। इससे पानी सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचता है और फलस्वरूप कम पानी में ही पौधों की जरूरत पूरी हो जाती है। जिससे खेती में 50 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है और गन्ना उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ जल व ऊर्जा की बचत होती है तथा खेत में खरपतवार में कमी आती है।
किसानों को मिलेगा 90 प्रतिशत तक का अनुदान
गन्ना आयुक्त ने बताया कि गन्ना विकास विभाग द्वारा वर्ष 2025-26 में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना “पर ड्रॉप मोर क्रॉप” योजना के अंतर्गत आर्थिक रूप से पिछड़े लघु एवं सीमांत किसानों को ड्रिप सिस्टम पर 90 प्रतिशत अनुदान दर पर 5,000 हेक्टेयर एवं अन्य श्रेणी के किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान दर पर 20,000 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए अनुदान दिया जाएगा। योजना के तहत वित्त वर्ष 2025-26 में गन्ना किसानों को कुल 25,000 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए अनुदान दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि गन्ने की खेती के लिए जल एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटक है, कृषि कार्यों के लिए दिन प्रतिदिन जल स्तर में हो रही कमी, पानी की घटती उपलब्धता एवं भू-गर्भ जल की महत्ता को देखते हुए पानी का सदुपयोग अत्यंत आवश्यक है। ड्रिप सिंचाई में पानी और पोषक तत्वों का सही मात्रा में, सही समय पर इस्तेमाल होता है। इससे पानी की बचत होती है और पौधों का विकास बेहतर होता है। उन्होंने बताया की ड्रिप सिंचाई को बढ़ावा दिए जाने तथा प्रगतिशील किसानों को योजना के मुख्य बिंदु से जोड़ने एवं इसका सफल व प्रभावी क्रियान्वयन की प्रक्रिया के संबंध में जनपद एवं परिक्षेत्रिय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।