वैसे तो अभी पूरे देश से मानसून की विदाई नई हुई है, अभी देश के कुछ हिस्सों से ही मानसून लौटा है। लेकिन मानसून सीजन जो की जून से सितंबर तक माना जाता है वह अवधि अब खत्म हो गई है। जिसको देखते हुए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD ने इस बार देश में मानसून 2024 कैसा रहा इसकी जानकारी दी है। मौसम विभाग के मुताबिक़ इस बार मानसून सीजन 2024 में पूरे भारत में औसत एलपीए की 108 प्रतिशत बारिश हुई है जो की सामान्य से ज्यादा है। इस बार मानसून सीजन में सबसे अधिक बारिश मध्य भारत में हुई है जो कि सामान्य से 119 प्रतिशत है।
मौसम विभाग के मुताबिक इस बार मानसून सीजन (जून-सितम्बर) में पूरे देश में 934.8 मिलीमीटर बारिश हुई है जो की औसत एलपीए 868.6 के 108 फीसदी है। वहीं उत्तर पश्चिम भारत में एलपीए की 107 प्रतिशत, मध्य भारत में 119 प्रतिशत, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 86 प्रतिशत, दक्षिण प्रायद्वीप में 114 प्रतिशत और मानसून कोर जोन में एलपीए की 122 प्रतिशत बारिश हुई है। यानी की पूर्व और पूर्वोत्तर भारत को छोड़कर देश के सभी भागों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है।
इस साल समय से पहले पहुँचा मानसून
देश में इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून समय से दो दिन पहले 19 मई 2024 को दक्षिण अण्डमान सागर और निकोबार द्वीप समूह पर आ गया था वहीं समय से दो दिन पहले ही यानि की 30 मई को मानसून केरल में पहुँच गया था। वहीं इस साल मानसून ने 2 जुलाई को ही पूरे देश को कवर कर लिया था जो कि सामान्यतः 8 जुलाई तक होता है। इसके अलावा मानसून की वापसी 23 सितम्बर से शुरू हुई है जो की समय से 6 दिन लेट है।
किस महीने हुई कैसी बारिश
मानसून सीजन 2024 के दौरान सबसे अधिक बारिश अगस्त महीने में दर्ज की गई जो औसत एलपीए का 115 प्रतिशत रही। वहीं सबसे कम वर्षा जून महीने में दर्ज की गई जो एलपीए का 89 प्रतिशत रही। इसके अलावा जुलाई महीने में एलपीए का 109 प्रतिशत, सितम्बर महीने में एलपीए का 112 प्रतिशत वर्षा दर्ज की गई।
इस वर्ष मानसून सीजन में सबसे कम वर्षा अरुणाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में दर्ज की गई। वहीं सबसे अधिक वर्षा पश्चिमी राजस्थान और गुजरात में हुई। मौसम विभाग के मुताबिक़ देश के कुल 36 उपविभागों में से 2 उपविभागों में बहुत अधिक वर्षा हुई जो की देश का 9 प्रतिशत हिस्सा है। वहीं 10 उपविभागों में जो की कुल क्षेत्रफल का 26 प्रतिशत हैं में अधिक वर्षा दर्ज की गई। 21 उप विभागों में सामान्य वर्षा हुई जो की देश के कुल क्षेत्रफल का 54 फीसदी हिस्सा है। वहीं 3 उपखंडों जिसमें अरुणाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कम वर्षा हुई जो देश के कुल क्षेत्रफल का 11 फीसदी हिस्सा है।