ऋणी किसानों को राहत देने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा एकमुश्त समझौता योजना योजना शुरू की गई है। 14 मई के दिन सहकारिता राज्य मंत्री गौतम कुमार दक ने नेहरू सहकार भवन स्थित राजस्थान राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक कार्यालय का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने बैंक अधिकारियों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत एकमुश्त समझौता योजना की प्रगति जानकारी प्राप्त की। सहकारिता मंत्री ने इस अवसर पर अधिक से अधिक पात्र ऋणी सदस्यों को योजना का लाभ देने के निर्देश दिए।
21 हजार से अधिक किसानों को दिए गए नोटिस
इस अवसर पर सहकारिता राज्य मंत्री ने अधिकारियों से योजना के संबंध में की जा रही कार्यवाही और अब तक की प्रगति की जानकारी ली। एसएलडीबी के प्रबंध निदेशक जितेन्द्र प्रसाद ने बताया कि योजना के तहत 13 मई तक 21 हजार 812 पात्र ऋणियों को नोटिस तामील करवाये जा चुके हैं तथा कुल 921 मामलों में 21.96 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक भूमि विकास बैंकों के स्तर पर वसूली में सहयोग एवं प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए एसएलडीबी से प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
सहकारिता मंत्री ने निर्देश दिए कि जिन प्राथमिक बैंकों में प्रगति आशा के अनुरूप नहीं है, वहां अधिक फोकस किया जाए। उन्होंने कहा कि 70 वर्ष में पहली बार राज्य सरकार भूमि विकास बैंकों के ऋणी सदस्यों के लिए यह महत्वपूर्ण योजना लेकर आई है, जिससे भूमि विकास बैंकों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी और ऋणी सदस्यों को मुख्यधारा में आने व पुनः निवेश ऋण प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। अतः अधिकारी पूरे मनोयोग से प्रयास करते हुए योजना की सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करें।
क्या है एकमुश्त समझौता योजना
मुख्यमंत्री ब्याज राहत एकमुश्त समझौता योजना के तहत 1 जुलाई 2024 तक अवधिपार हो चुके समस्त ऋण मामले में किसानों को राहत दी जाएगी। अवधिपार मूलधन और बीमा प्रीमियम की सम्पूर्ण राशि ऋणी द्वारा जमा कराये जाने पर राज्य सरकार द्वारा अवधिपार ब्याज और दण्डनीय ब्याज में 100 प्रतिशत राहत दी जाएगी। इसके लिए सरकार ने योजना के तहत 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।