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बुधवार, नवम्बर 6, 2024
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खेती एवं घर से निकलने वाले कचरे से घर बैठे बनायें खाद

खेती से निकलने वाले कचरे से खाद बनायें

भारत में प्रति वर्ष लगभग 6 करोड़ 20 लाख टन जैव – कचरे का उत्पादन होता है न केवल कचरे की मात्रा में वृद्धि हुई है बल्कि एक अवधि में कचरे की प्राकृती में भी काफी बदलाव आया है | भारतीय शहरों में प्रति व्यक्ति कचरे का प्रतिदिन उत्पादन 200 ग्राम से लेकर 600 ग्राम तक होता है | हालाँकि प्रत्येक गाँव में औसतन 300 – 400 परिवार प्रतिदिन लगभग 2 टन कचरा पैदा करते हैं, जो बड़े पैमाने पर गाय के गोबर गाय बांधने के स्थान का कचरा और फसल अवशेष (भूसा, कचरा,बायोमास, डंठल आदि) से उत्पन्न होता है | इसके आलावा यह भी पाया गया है कि प्रतिवर्ष गौशालाओं में 1 करोड़ टन गोबर का उत्पादन होता है |

वर्तमान में एसे कचरे को आमतौर से जला दिया जाता है यह उन्हें सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है | इस समस्या को दूर करने के लिए. गाजियाबाद में राष्ट्रीय जैविक खेती केंद्र ने कचरा अपघटक (waste decomposer) नामक एक उत्पाद विकसित किया | यह लाभकारी सूक्ष्मजीवों से निर्मित किया गया है |

एक बोतल वेस्ट डीकंपोजर से और अधिक वेस्ट डीकंपोजर का निर्माण

वेस्ट डीकंपोजर किसानों का छोटी सी बोतलों में दिया जाता है और वे खुद किसी भी अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किये बिना इससे और अधिक वेस्ट डीकंपोजर तैयार कर सकते हैं |

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बनाने का तरीका :-

  • 2 किलोग्राम गुड लेकर इसे 200 लीटर पानी भरे प्लास्टिक ड्रम में मिला दें |
  • अब कचरा डीकंपोजर की एक बोतल ले और इस बोतल में उपस्थित सामग्री को गुड वाले प्लास्टिक ड्रम में डाल दें |
  • ड्रम में कचरा डीकंपोजर को अच्छे तरह घोलने के लिए एक लकड़ी की छड़ी से इसे ठीक तरह से मिलाएं |
  • एक कागज या कार्डबोर्ड द्वारा ड्रम को ढक दें और प्रतिदिन इसे एक – दो बार हिला दें |
  • पांच दिनों के बाद ड्रम में मौजूद घोल की उपरी साथ झागदार और घोल मटमैला हो जायेगा |
  • नोट:- किसान उपर्युक्त निर्मित घोल से बार – बार वेस्ट डीकंपोजर का निर्माण कर सकते हैं | इसके लिए 20 लीटर वेस्ट डीकंपोजर घोल दो किलो गुड के साथ ड्रम में 200 लीटर पानी में मिला दें | फिर से यह सात दिनों में तैयार हो जायेगा |

शीघ्र कम्पोस्टिंग :-

एक बोतल द्वारा कचरा डीकंपोजर से आगे बनाए गए कचरा डीकंपोजर का उपयोग जैव – कचरे को विघटित करके जैविक खाद तैयार करने के लिए किया जा सकता है |

  • एक टन जैव – कचरे जैसी कृषि कचरा, रसोई कचरा, गाय का गोबर आदि की 18 – 20 सेमी मोटी परत जमीन पर ढेर ढक दी जाती है |
  • वेस्ट डीकंपोजर के घोल के साथ कचरे को गिला कर दें |
  • जैव – कचरे की एक और 18 – 20 सेंटीमीटर मोटी परत बनाई जाती है और वेस्ट डीकंपोजर के घोल से दोबारा गीला कर देते हैं |
  • जब तक कि 30 – 45 सेन्टीमीटर की मोटी परत न बन जाए, ऊपर की प्रक्रियाएं दोहराते रहते हैं |
  • सामान कम्पोस्टिंग के लिए हर सत दिनों के अंतराल पर ढेर को उलट – पलट करते रहें और इस ढेर पर हर बार वेस्ट डीकंपोजर का घोल डालते रहें |
  • कम्पोस्टिंग की पूरी अवधि के दौरान 60% नमी बनायें रखें | यदि आवश्यक हो तो और घोल मिला दें |
  • कम्पोस्ट खाद 30 – 40 दिनों के बाद उपयोग करने के लिए तैयार हो जाती है |
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कम्पोस्ट खाद की कुछ विशेषता :-

कचरा डीकंपोजर के उपयोग से तैयार होने वाली खाद, सुखी, गहरे भूरे रंग की और गंधरहित होती है | यह गर्म भी नहीं होती और बहुत अच्छी गुणवत्तायुक्त होती है, जो उच्च जैविक कार्बन की मात्रा और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होती है | यह मक्खियों और कीड़ों को आकर्षित नहीं करती है , जो वास्तव में स्वस्थ खाद के लिए एक अच्छा संकेत है |

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