कृषि बजट मध्यप्रदेश 2022-23
मध्य प्रदेश सरकार ने आज वर्ष 2022–23 के लिए अपना बजट पेश कर दिया है| वर्ष 2022–23 के लिए राज्य का कुल कुल बजट 2 लाख 79 हजार 237 करोड़ रूपये का है | यह बजट पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 30 हजार 592 करोड़ रुपए अधिक है | वर्ष 2021–22 के कुल व्यय का बजट अनुमान 2 लाख 17 हजार 123 करोड़ रुपया था | मध्य प्रदेश सरकार का राजस्व व्यय 1 लाख 98 हजार 916 करोड़ रुपया है तथा पूंजीगत व्यय 48 हजार 800 करोड़ रुपए का है |
मध्य प्रदेश सरकार ने कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रों के लिए वर्ष 2022-23 में 40 हजार 916 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा है। इसमें कृषि, बागवानी, पशुपालन एवं मछली पालन शामिल है। इस वर्ष जहां राज्य सरकार ने पहले से चली आ रहीं कई योजनाओं को आगे भी जारी रखा है वहीं कई नई योजनाएँ भी शुरू करने का प्रस्ताव रखा है। किसान समाधान मध्य प्रदेश सरकार के इस बजट में कृषि एवं सम्बंधित के लिए किए गए प्रस्तावों को लेकर आया है।
कृषि क्षेत्र में इन नई योजनाओं को किया जायेगा शुरू
मध्य प्रदेश सरकार ने अपने बजट में कृषि के विकास एवं किसानों के कल्याण हेतु माँग आधारित कृषि विविधीकरण, जैविक खेती के प्रोत्साहन हेतु प्रचार-प्रसार, एक जिला एक उत्पाद के संचालन की योजना, मध्य प्रदेश की विशिष्ट फसलों/किस्मों के लिए जी.आई. टैग, म.प्र. मिलेट मिशन, कृषक उत्पादन संगठनों का गठन एवं संवर्धन, कृषि फसलों के निर्यात प्रोत्साहन को बढ़ावा देने के लिए योजनाएँ प्रारंभ करने का प्रस्ताव रखा है।
पशु पालन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की जाएगी नई योजना
मध्य प्रदेश दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में तीसरे स्थान पर पहुँच गया है | इस क्षेत्र में और अधिक उत्पादन तथा रोजगार सृजन के लिए एक अलग से योजना की शुरुआत करने की घोषणा बजट में की गई है | इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं को देखते हुए “मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना” को प्रारंभ किया गया है | इसके लिए 150 करोड़ रूपये का बजट में प्रावधान रखा गया है।
घर पर किया जायेगा पशुओं का इलाज
पशुओं का उपचार पशुपालकों के पास घर–घर जाकर हो सके, इस हेतु भारत सरकार द्वारा एक नई योजना प्रारम्भ की गई है। जिसके अंतर्गत प्रदेश में 406 नये पशु चिकित्सा वाहन दिये जाएंगे। पशु चिकित्सा वाहनों के माध्यम से पशु चिकित्सक तथा सहयोगी, घर-घर जाकर पशु चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराएँगे। इस योजना के लिए 142 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है |
कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए शुरू की जाएगी नई योजना
राज्य में उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र प्रायोजित “एक जिला एक उत्पाद” योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत ज़िलों का चयन कर विशेष फसलों के उत्पादन पर ज़ोर दिया जा रहा है। अब राज्य सरकार इन उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इस बजट में एक नई योजना “निर्यात प्रोत्साहन योजना” प्रारम्भ करने जा रही है। इसके साथ ही उद्यानिकी फसलों को सुरक्षित रखने हेतु एक लाख मीट्रिक टन के भंडारण की क्षमता चरणवद्ध तरीक़े से विकसित करने का प्रस्ताव भी बजट में रखा गया है।
मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की जाएगी नई योजना
राज्य में मत्स्य पालन में रोजगार की अपार संभावनाओं के दोहन के लिए “मुख्यमंत्री मत्स्यपालन विकास योजना” प्रारम्भ की जाएगी। इस योजना हेतु इस वर्ष बजट में 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
सहकारी संस्थाओं में किया जायेगा निवेश
वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि सहकारी संस्थाओं की किसानों को खाद, बीज, ऋण उपलब्ध कराने तथा उपार्जन कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान है। इसके लिए सहकारी संस्थाओं को मजबूत बनाने के लिए अंशपूँजी को बढ़ाया जायेगा, जिसके अंतर्गत 1 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जायेगा। साथ ही जैविक कृषि, उद्यानिकी, पर्यटन, ऊर्जा आदि के लिए सहकारी आंदोलन का विस्तार किया जा रहा है।
सिंचित क्षेत्र को बढ़ाया जायेगा
मध्य प्रदेश सरकार राज्य में सिंचाई क्षमता बढ़ाने पर ज़ोर दिया है| सिंचाई क्षेत्र के लिए वर्ष 2022–23 का बजट अनुमान 9 हजार 267 करोड़ रूपये का प्रस्ताव रखा है। राज्य में वर्ष 2025 तक सिंचाई का क्षेत्रफल 65 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। मौजूदा समय में सिंचाई क्षमता 43 लाख हेक्टेयर है | जल संसाधन विभाग के अंतर्गत लगभग 23 लाख 21 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता की 27 वृहद्, 46 मध्यम एवं 288 लघु सिंचाई परियोजनाएं निर्माणाधीन है | नर्मदा घाटी विकास विभाग के अंतर्गत लगभग 20 लाख 50 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता की 37 परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं |
ऊर्जा के लिए बजट में प्रावधान
ऊर्जा के क्षेत्र में सौर ऊर्जा तथा किसानों को 24 घंटे बिजली मिल सके इसके लिए बजट में व्यवस्था की गई है | मध्य प्रदेश सरकार ने वर्ष 2022–23 के लिए 23 हजार 255 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है | पिछले वर्ष इस क्षेत्र के लिए 17 हजार 908 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया था | राज्य में कृषि में सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जा रही है | इस वर्ष भी किसानों को सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली दी जाएगी | गैर कृषि कार्यों के लिए 24 घंटे विद्युत देने का लक्ष्य बजट में रखा गया है | इसके लिए राज्य सरकार 21 हजार करोड़ रूपये की सब्सिडी दे रही है |
Krishi samadhan nice app
जी सर धन्यवाद।