देश में किसानों को कृषि क्षेत्र में निवेश के लिए पूंजी उपलब्ध कराने के उद्देश्य सरकार द्वारा कम ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। इस कड़ी में राजस्थान के सहकारिता राज्यमंत्री गौतम कुमार ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि प्रदेश के जरूरतमंद किसानों को साख सीमा के अनुरूप अधिकतम ऋण उपलब्ध करवाने के पूरे प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष 5 लाख नए कृषकों को ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।
किसानों को उपलब्ध कराये जाएंगे मध्यकालीन ऋण
सहकारिता राज्यमंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए बताया कि वर्ष 2023-24 में केन्द्रीय सहकारी बैंक द्वारा रतनगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 10 हजार 162 किसानों को 5704.72 लाख रुपए एवं चूरू जिले में 86 हजार 853 किसानों को 4639.66 लाख रुपए का अल्पकालीन ऋण वितरित किया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि चूरू जिले तथा रतनगढ़ विधानसभा क्षेत्र में पिछले चार सालों में मध्यकालीन ऋण के लिए कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुए हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि मध्यकालीन ऋण के आवेदन प्राप्त होने पर ऋण उपलब्ध कराया जायेगा।
किसानों को दिया जाता है 10 लाख रुपये तक का लोन
इससे पहले विधायक पूसाराम गोदारा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में सहकारिता राज्यमंत्री ने बताया कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा किसानों को 1.50 लाख रूपये तक अल्पकालीन ऋण की साख सीमा एवं केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा सीधे किसानों को कृषक मित्र योजना के अन्तर्गत 3 लाख रूपये तक अल्पकालीन साख सीमा दिये जाने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि मध्यकालीन ऋण अन्तर्गत केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा किसानों को 10 लाख रूपये तक की साख सीमा उपलब्ध करायी जाती है।
सहकारिता राज्यमंत्री ने बताया कि सहकारी बैंकों के पास सीमित वित्तीय संसाधनों के दृष्टिगत उक्त साख सीमा को वर्तमान में बढाया जाना विचाराधीन नहीं है। उन्होंने बताया कि सहकारी समितियों में लंबे समय से कार्यरत व्यवस्थापकों को नियमित करने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।