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शुक्रवार, अप्रैल 19, 2024
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केसीसी पर किसानों को कृषि, पशुपालन एवं मछली पालन के लिए दिया जा रहा है ऋण

किसान क्रेडिट कार्ड पर ऋण

वर्ष 1998 से कृषि कार्यों के लिए देश के किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड पर कम ब्याज दरों पर ऋण दिया जा रहा है | योजना की शुरुआत से लेकर अभी तक किसान हित में कई परिवर्तन किए गए हैं | अभी हाल के वर्षों में पशुपालन एवं मछली पालन को भी किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ दिया गया है, जिससे किसान इन कार्यों के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड पर बैंक से लोन ले सकते हैं| जिससे उन सभी किसानों को फायदा होगा जिनके पास कम भूमि है लेकिन कृषि के अलावा अन्य कार्य करना चाहते हैं | अब किसान क्रेडिट कार्ड से 1.6 लाख रूपये तक का कर्ज बिना किसी गारंटी के लाभार्थी को दिया जाता है |

2 लाख से अधिक किसानों के केसीसी ऋण स्वीकृत

झारखंड सरकार ने राज्य के किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से कृषि, पशुपालन तथा मत्स्य पालन के लिए लोन दे रही है | राज्य सरकार की तरफ से जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि राज्य के 24 जिलों में 2 लाख 1 हजार 687 किसानों को बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड बनाए गए हैं | इन सभी किसानों को 68,516 करोड़ रूपये का ऋण स्वीकृत किया गया है |

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इसी तरह मत्स्य पालन के लिए 1,359 लाभुकों को किसान क्रेडिट कार्ड से 7.345 करोड़ रूपये का ऋण दिया गया है | इसके अलावा दुग्ध उत्पादकों को डेयरी डेवलपमेंट के माध्यम से 2,452 लाभुकों के आवेदन स्वीकार कर बैंकों द्वारा 15.451 करोड़ रूपये का ऋण स्वीकृत किया गया है | झारखंड स्टेट मिल्क फेडरेशन की ओर से 2,701 लाभुकों का 6.629 करोड़ रूपये का ऋण बैंक के द्वारा स्वीकृत हुआ है |

केसीसी योजना पर लगने वाला ब्याज

किसान क्रेडिट कार्ड योजना पर वैसे तो ऋण लेने पर 9 प्रतिशत की ब्याज दर रहती है परन्तु भारत सरकार इस पर 2 प्रतिशत की सब्सिडी देती है और समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को अतरिक्त 3 प्रतिशत की प्रोत्साहन छूट देती है। इस तरह केसीसी पर सालाना ब्याज़ दर 4 प्रतिशत की आती है। सरकार ने 2019 में केसीसी में ब्याज़ दर में आर्थिक सहायता का प्रावधान शामिल करते हुए इसका लाभ डेयरी उद्योग समेत पशुपालकों और मछ्ली पालकों को भी देने की व्यवस्था की है। साथ ही बिना किसी गारंटी के दिये जाने वाले केसीसी ऋण की सीमा को 1 लाख से बढ़ाकर 1.60 लाख कर दिया है।

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