सब्सिडी पर आलू उत्पादन एवं बैंक ऋण
देश में बागवानी फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं जिसके तहत किसानों को सब्सिडी एवं आसानी से बैंक से ऋण उपलब्ध कराया जाता है। ताकि किसानों को फसलों के उत्पादन में किसी तरह की आर्थिक परेशानियों का सामना ना करना पड़े। ऐसी ही एक योजना “एक ज़िला एक उत्पाद” का क्रियान्वयन देश भर में किया जा रहा है। जिसमें ज़िलेवार अलग-अलग फसलों का चयन किया गया है। मिनी मुम्बई कहा जाने वाला इंदौर के किसान आलू उत्पादन कर अच्छा लाभ कमा रहे हैं, सरकार द्वारा इसके लिए किसानों की मदद भी की जा रही है।
मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में शुगर फ्री आलू का उत्पादन किया जा रहा है। न के बराबर शुगर होने से शुगर-फ्री आलू के नाम से इसकी लोकप्रियता देश ही नहीं विदेश में भी बढ़ रही है। जिले में हर साल 45 हजार हेक्टेयर में लगभग 20 लाख मीट्रिक टन आलू उत्पादन होता है। प्रदेश का ही नहीं, देश का भी प्रमुख आलू उत्पादक जिला होने से इंदौर में ‘एक जिला-एक उत्पाद’ योजना में आलू का चयन किया गया है।
शुगर-फ्री आलू उत्पादन पर दिया जाने वाला ऋण एवं सब्सिडी
शुगर-फ्री आलू की चिप्स तलने के बाद लाल नहीं होती, सफेद बनी रहती है। आलू उत्पादन के लिये जिले में किसानों को 25 से 35 लाख रूपये तक का ऋण मुहैया कराया जा रहा है, जिसमें अधिकतम 10 लाख रूपये की सब्सिडी दी जा रही है। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना में 35 प्रतिशत क्रेडिट लिंक्ड अनुदान पर आलू फसल आधारित नवीन सूक्ष्म उद्योग लगाने की ओर युवा वर्ग प्रेरित हो रहा है। इंदौरी आलू की विशेषताओं के चलते अनेक छोटी कंपनियों के साथ प्रतिष्ठित कंपनियों ने भी इंदौर में कारखाने स्थापित किये हैं।
किसान ने प्राप्त किया प्रति हेक्टेयर 400 क्विंटल आलू का उत्पादन
ज़िले में आलू महू क्षेत्र के ग्राम गवली, पलासिया, जामली, बिचौली, कोदरिया, बड़गोंदा, हरसोला, दतोदा, हासलपुर, मेमदी, कुवाली, मानपुर, टीही, राउ, रंगवासा, कैलोद और मेण में प्रमुख रूप से आलू की खेती की जा रही है। आमतौर पर एक हेक्टेयर में 220 में 240 क्विंटल तक आलू का उत्पादन होता है, लेकिन देपालपुर तहसील के ग्राम चितोड़ा के किसान भरत पटेल ने उन्नत तकनीक अपनाकर प्रति हेक्टेयर 400 क्विंटल आलू उत्पादन में अद्भुत सफलता हासिल की है। उन्होंने 7 वेरायटी का आलू उत्पादन किया।