मार्च माह में पशुधन सम्बंधित कार्य
मार्च माह में पशुपालक अपने पशुओं का ध्यान रखकर उन्हें स्वस्थ रखें | जानें मार्च माह में पशुओं में कोन- कोन से रोग होने की संभावनाएं रहती हैं एवं पशुपालक अपने पशुओं को उससे किस प्रकार बचा सकते हैं |
- ब्याने वाले पशुओं को प्रसूति बुखार से बचाने के लिए खनिज मिश्रण 50 – 60 ग्राम प्रतिदिन दें |
- पशु ब्याने के 1 – 2 घन्टे के अन्दर नवजात बछड़ों – बछ्ड़ियों को खीस अवश्य पिलायें |
- नवजात बछड़ों – बछ्ड़ियों को 10 – 15 दिन की आयु पर सींग रहित करवायें |
- पशुओं को बाह्य पर्जिविओं से बचाने के लिए पशुचिकित्सक की सलाह अनुसार उपयुक्त दवाई का छिड़काव नियमित करें |
- पशुओं को संक्रमक रोगों के रोगरोधी टीके समय – समय पर आवश्य लगवाएं |
- बरसीम फसल की सिंचाई अधिक गर्मी होने पर सायं काल में करें |
- हरे चारे की फसल से अधिक उत्पादन लेने के लिए उन्नत किस्म के बीज का प्रयोग करें |
- खरीफ में हरा चारा लेने के लिए ज्वार एवं मक्का की बिजाई करें |