लेजर लैंड लेवलर (Laser Land Leveller) कृषि यंत्र का उपयोग खेत को तैयार करने में किया जाता है। इस कृषि यंत्र का प्रयोग मुख्य रूप से भूमि को एक अथवा दोनों दिशाओं से सटीकता से समतल करने में होता है। इस कृषि यंत्र की मदद से किसान खेत की भूमि को सटीकता से समतल कर सकते हैं इसलिए इसे लेजर समतल भी कहा जाता है। इससे खेत समतल कर सिंचाई जल में 30 प्रतिशत तक की बचत की जा सकती है और औसतन 8 प्रतिशत तक पैदावार बढ़ सकती है। इसके अलावा समतल खेत में फसल उत्पादन की लागत में भी कमी भी आती है।
इस कृषि यंत्र में भूमि को समतल करने के लिए लेजर निर्देशित लेजर ट्रांसमीटर, एक लेजर रिसीवर, एक इलेक्ट्रिकल कंट्रोल पैनल, एक ट्विन सालनायड हाइड्रोलिक नियंत्रित वॉल्व, दो पहिए और समतल करने वाला खोल लगा होता है।
लेजर लैंड लेवलर कैसे काम करता है?
लेजर ट्रांसमीटर लेजर बीम को भेजता है जिसे लेजर रिसीवर (जो लेवलिंग बकेट पर लगा हुआ होता है) के द्वारा पकड़ लिया जाता है। ट्रैक्टर पर लगे कंट्रोल पैनल द्वारा रिसीवर के सिग्नल का विवेचन किया जाता है तथा हाइड्रोलिक नियंत्रण वाला वॉल्व को खोलता एवं बंद करता है, जो खोल को ऊपर या नीचे करता है। कुछ लेजर ट्रांसमीटर 0.01 से 15 प्रतिशत वर्गीकृत ढाल पर काम करने की क्षमता से युक्त होते हैं तथा भूमि पर दोहरे नियंत्रण ढाल बनाने के लिए प्रयुक्त होते हैं। नियंत्रण खोल ट्रैक्टर के 3-पॉइंट पर लगाकर अथवा ट्रैक्टर के ड्रॉ बार से खींचा जा सकता है। खोल के आयाम, पहियों की संख्या और क्षमता, शक्ति स्रोत तथा क्षेत्र की परिस्थिति के अनुसार कम या अधिक हो सकती है।
सामान्यतः लेजर लैंड लेवलर की कीमत 3,50,000 रुपये से शुरू होती है। किसान निर्मता/ डीलर से मोल भाव कर अपनी पसंदीदा कंपनी का लेजर लैंड लेवलर कृषि यंत्र खरीद सकते हैं। सरकार द्वारा इस कृषि यंत्र पर सब्सिडी दिये जाने का भी प्रावधान है। लेजर लैंड लेवलर को चलाने के लिए 45 से 60 हॉर्स पॉवर तक के ट्रैक्टर की आवश्यकता होती है। सामान्यतः एक एकड़ भूमि को समतल बनाने के लिए लगभग दो से ढाई घंटे का समय लगता है। यदि भूमि काफी ऊबड़-खाबड़ है तो इससे अधिक समय भी लग जाता है।
लेजर लैंड लेवलर कृषि यंत्र पर दिया जाने वाला अनुदान (Subsidy)
केंद्र सरकार द्वारा देशभर में सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन योजना (SMAM) चलाई जा रही है। योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु, सीमांत एवं महिला किसानों को कृषि यंत्र की कीमत पर 50 प्रतिशत अधिकतम 2,00,000 लाख रुपये एवं अन्य किसानों को 40 प्रतिशत अधिकतम 1,60,000 रुपए तक की सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है। वहीं कुछ राज्य सरकारों के द्वारा अलग-अलग योजनाओं के तहत 40 से 80 प्रतिशत तक की भी सब्सिडी दी जाती है। किसान अपने पसंद के डीलर या निर्माता कंपनी से मोल भाव कर इस कृषि यंत्र को खरीद सकते हैं।