देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें किसानों को गुणवत्तापूर्ण कृषि सामग्री उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हें खेती-किसानी में आ रही समस्याओं का समाधान करना भी शामिल है। इस कड़ी में हरियाणा सरकार राज्य में प्लांट क्लिनिक के साथ ही हाईटेक प्रयोगशालाएँ बनाने जा रही है। जहां किसान मिट्टी, पानी, कीटनाशक एवं खाद-उर्वरक की जाँच आसानी से करा सकेंगे।
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कंवरपाल ने यमुनानगर में आयोजित किए गए कृषि कल्याण सम्मेलन में कृषि एवं बागवानी विभाग के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा में हरियाणा मेडिकल काउंसिल की तर्ज पर ‘हरियाणा कृषि समिति’ का गठन किया जाएगा। इससे कृषि, शिक्षा और कृषि संबंधित अन्य कार्यों को सुचारु रूप से नियंत्रित किया जा सकेगा। सरकार का यह कदम हरियाणा में कीटनाशकों के उपयोग पर भी रोक लगाएगा और साथ ही कृषि की बढ़ती लागत से किसानों को राहत दिलाएगा।
राज्य में स्थापित की जाएंगी हाईटेक प्रयोगशालाएँ
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि अभी हमारे पास प्रयोगशालाएं हैं, परन्तु वे हाईटेक प्रयोगशालाएं नहीं हैं। हमारा प्रयास है कि इन प्रयोगशालाओं में मिट्टी, पानी, पेस्टीसाइड, फर्टिलाइजर की जांच हो सके और उनकी गुणवत्ता को परखा जा सके। यहाँ विश्व स्तर के कृषि उत्पाद की गुणवत्ता की जांच भी हो सकेगी। बागवानी विभाग के तर्ज पर ही कृषि विभाग में भी विश्व स्तरीय टेक्निकल एंड एक्सीलेंस सैंटरस आरम्भ किए जाएंगे जिनमें गन्ना, कपास, ऑयल सीड, मक्का, मोटा अनाज, चावल, कृषि अभियान्त्रिकी शामिल होंगे। जिससे किसानों को अच्छा बीज एवं गुणवत्ता वाले उत्पाद पैदा करने में सहायता मिलेगी।
किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी सुविधा
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में हाई-टेक एडीओ/एचडीओ ऑफिस बनाए जाएंगे जिसको प्लांट क्लीनिक कहा जाएगा। यहाँ किसान को सभी सुविधा उनके गांव के आस-पास मुहैया करवाई जाएगी। सरकार हर किसान तक पहुंचेगी, किसान को कृषि सुविधाओं के लिए इधर-उधर नहीं जाना पड़ेगा। अगर किसान को लगता है उसका खरीदा गया कीटनाशी नकली है या ठीक नहीं है तो वह उसकी जाँच करवा सकेगा। किसान की भारी समस्या है कि खाद के साथ उसको दूसरा समान भी लेना पड़ता है। खाद समय पर नहीं मिलना भी अड़चन है। इसके लिए हर ब्लॉक में एक हेल्पलाइन नम्बर जारी किया जाएगा। इस नंबर पर किसान अपनी समस्या बता सकेंगे और समस्या के समाधान के लिए खंड कृषि अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
उन्होंने कहा कि हर सीजन से पहले कृषि विकास अधिकारी और खंड कृषि अधिकारी अपने अधीन क्षेत्र के खाद बीज के स्टॉक की वेरिफिकेशन करेंगे ताकि सीजन के समय किसान को आसानी से खाद बीज मिल सके, कालाबाजारी भी बंद हो सके।