कृषि कार्यों के लिए बिजली आपूर्ति
देश में पड़ रही भीषण गर्मी के चलते लगातार बिजली की माँग बढ़ी है। इससे सभी क्षेत्रों में बिजली कटौती की शुरुआत की जा चुकी है। देश में बिजली संकट ना केवल माँग बढ़ने के कारण है बल्कि यह संकट कोयले की कमी के कारण भी गहरा गया है। कई राज्यों में बिजली की आपूर्ति सामान्य होने में अभी समय लग सकता है | ऐसे में सबसे अधिक असर कम्पनियों एवं किसानों के ऊपर होगा। अभी जहां कई किसानों ने अपने खेतों में ग्रीष्मकालीन फसलें लगा रखी है तो कई किसान मई अंत से खरीफ फसल की तैयारी में जुट जाएँगे।
इस परिस्थिति को देखते हुए राजस्थान सरकार बिजली की समस्या तथा खरीफ फसल की बुवाई को ध्यान में रखते हुए किसानों को कृषि कार्यों के लिए रोस्टर पद्धति से बिजली आपूर्ति करने का फैसला लिया है। यह बिजली आपूर्ति किसानों को 3 खण्डों में की जाएगी। जिससे किसान कृषि के कार्य आसानी से कर सकते हैं |
किसानों को रोस्टर पद्धति के अनुसार दी जाएगी बिजली
राजस्थान में बिजली की मांग व आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक आयोजित की गई। बैठक में बिजली की मांग व आपूर्ति की स्थिति पर विस्तार से विचार-विमर्श करने के उपरान्त बिजली आपूर्ति व्यवस्था में कुछ बदलाव करने के निर्णय लिए गए है। इसके तहत कृषि उपभोक्ताओं को कृषि कार्य के लिए 4 घण्टे के 3 ब्लॉक में बिजली आपूर्ति करने का निर्णय लिया गया है। अर्थात् किसानों, ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र में रोस्टर पद्धति के अनुसार बिजली की कटौती की जाएगी।
किस समय दी जाएगी किसानों को बिजली
किसानों को कृषि कार्यों के लिए 24 घंटे में से 4-4 घंटो के लिए अलग-अलग समय पर बिजली दी जाएगी। जिसमें एक बार में 4 घंटे के क्रम में 3 बार बिजली आपूर्ति की जाएगी। यह समय इस प्रकार है :-
- रात्रि में 2 बजे से सुबह 6 बजे तक,
- प्रातः 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक एवं
- अपरान्ह 12 बजे से सायं 4 बजे तक