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शनिवार, जनवरी 25, 2025
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कस्टम हायरिंग केंद्र की चाभी के साथ जाने क्या-क्या दिया गया किसानों को इस किसान सम्मलेन में

प्रगतिशील कृषक सम्मलेन

वित्तीय वर्ष 2019–20 का अंतिम समय चल रहा है इसलिए सभी राज्य सरकार अपनी-अपनी उपलब्धियों को बताने के साथ किसानों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए सरकारों द्वारा जगह-जगह पर किसान सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है | ऐसे ही उत्तर प्रदेश राज्य में सरकार द्वारा प्रगतिशील कृषक सम्मेलन का आयोजन किया गया | इस सम्मलेन का शुभारम्भ मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ एवं लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिडला के द्वारा लोकभवन में किया गया |

प्रगतिशील कृषक सम्मलेन में मुख्यमंत्री के द्वारा कृषि कल्याण केन्द्रों एवं नवीन कृषि विज्ञान केंद्र का शिलान्यास तथा दृष्टि योजनान्तर्गत चयनित कृषक उत्पादक संगठनों को स्वीकृति–पत्र/चेक एवं कस्टम हायरिंग सेंटर के लाभार्थियों को ट्रैक्टर/कृषि यंत्रों के वितरण समारोह जैसे कार्यक्रम आयोजित किये गए  |

5 किसान कल्याण केन्द्रों का शिलान्यास

इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष तथा मुख्यमंत्री जी ने एक ही छत के नीचे समस्त कृषि निवेश उन्नत तकनीक एवं प्रशिक्षण दिए जाने के उद्देश्य से 5 कृषि कल्याण केंद्रों का शिलान्यास किया गया। इसमें से जनपद बाराबंकी में फतेहपुर और रामनगर विकास खंड में तथा हरदोई के मल्लावा, टोडरपुर एवं पाली विकासखंड में स्थापित होंगे

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कृषक उत्पदक संगठनों  को दिए गए चेक

प्रगतिशील कृषक सम्मेलन में मा. लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिडला  मुख्यमंत्री ने 11 कृषक उत्पादन संगठनों को 60 लाख रुपए का स्वीकृत पत्र देते हुए, प्रथम किस्त के रूप में 18 लाख रुपये का डेमो चेक दिया।

किसानों को दी गई कस्टम हायरिंग केंद्र की चाभी

राज्य में चल रही कस्टम योजना के तहत चयनित लाभार्थियों को मुख्यमंत्री ने राज्य के 9 किसानों को कस्टम हायरिंग सेन्टर का प्रतीकस्वरूप चाभी भेंट की गई |

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में क्या कहा

  • पहली बार जून महीने के मध्य तक प्रदेश में चीनी मिलें चलती दिखाई दीं और ₹82,000 करोड़ का भुगतान गन्ना किसानों को किया गया। जहां महाराष्ट्र और कर्नाटक में आधी से ज्यादा चीनी मिलें बंद हुईं वहीं उत्तर प्रदेश में 121 चीनी मिलें चल रही हैं |
  • वर्ष 2019 में 50 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद उ.प्र. सरकार की प्रोक्योरमेंट नीति के अंतर्गत की जा चुकी है। ढुलाई, छनाई के लिए अतिरिक्त पैसा भी मण्डी परिषद के माध्यम से दिया जा रहा है |
  • हमारा प्रयास रहा है कि किसानों की लागत कम हो और उनकी उत्पादकता बढ़े। इसके लिए 80-90% सब्सिडी पर ड्रिप इरिगेशन को बढ़ावा दिया गया। साथ ही अन्य तकनीकों को भी कृषि से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है |
  • प्रदेश में 352 कृषि उत्पादक संगठन हैं। प्रथम चरण में हमने तय किया है कि प्रदेश के 823 विकासखण्डों में 1-1 कृषि उत्पादक संगठन अनिवार्य रूप से कार्य करना प्रारंभ करे | द्वितीय चरण में 8,000 से अधिक न्याय पंचायतों के स्तर पर 1-1 कृषि उत्पादक संगठन हो और तृतीय चरण में लगभग 60,000 ग्राम पंचायतों में 1-1 कृषि उत्पादक संगठन अवश्य हो |
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