सीहोर का शरबती गेहूं पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है, इसकी मांग आज के समय में बहुत अधिक होने से किसानों को इसके अच्छे भाव भी मिल रहे हैं। इसके अलावा शरबती गेहूं को जीआई टैग भी मिल चुका है। वर्तमान में सीहोर जिले में शरबती गेहूं का क्षेत्रफल 40390 है, जो निरंतर बढ़ रहा है। ऐसे में अधिक से अधिक किसानों को शरबती गेहूं की उन्नत किस्मों का बीज उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि इसके उत्पादन को बढ़ाया जा सके। इसके लिए कृषि विभाग द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं।
इस संबंध में सीहोर जिले के किसान कल्याण तथा कृषि विभाग के उप संचालक केके पांडे ने बताया कि जिले के कुछ ग्रामों की मिट्टी शरबती गेहूँ के उत्पादन के लिए उपयुक्त है। शरबती गेहूं की उत्पादकता 2700 से 2800 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर होती है। शरबती गेहूं की विशेषता है कि इसका उत्पादन कम पानी में भी लिया जा सकता है इसलिए इसे “दो पानी का गेहूं” भी कहा जाता है।
किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं उन्नत किस्मों के बीज
कृषि विभाग के उप संचालक ने बताया कि कृषि उपज मंडी सीहोर में व्यापारियों द्वारा शरबती गेहूं प्रोसेसिंग कर महानगरों में भेजा जाता है। उनकी उत्पादकता बढ़ाने के लिए नवीन उन्नत किस्मों के बीजों का वितरण कर बीज समितियों एवं FPO द्वारा शरबती गेहूं का बीज उत्पादन कराया जा रहा है तथा उत्पादकता बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे है। शरबती गेहूं की उत्पादकता एवं उत्पादन बढ़ाने के लिए सुजाता C-306, HI-1531, HI-1544, HI-1634, HI-1636, HI-1650 किस्मों का बीज किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
जिले को जीआई टैग प्राप्त होने के बाद रेवा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड ग्राम जमोनिया तालाब द्वारा 515 किसानों के आवेदन रजिस्टर्ड हो चुके है तथा जिले में 20,390 हेक्टेयर रकबा की वृद्धि हुई है। शरबती गेहूं का रकबा, उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों को किसान खेत पाठशाला प्रशिक्षण, कृषक संगोष्ठी आयोजित की जा रही है।