किसान आन्दोलन: सरकार और किसान नेताओं के बीच बातचीत बेनतीजा, अब 3 दिसम्बर को होगी बातचीत

सरकार और किसानों के बीच हुई तीसरे दौर की चर्चा

नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के “दिल्ली चलो” आन्दोलन के 5 दिन बीत जाने के बाद 6वें दिन 1 दिसंबर को सरकार ने 30 से अधिक किसान प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए बुलाया था यह किसान नेता पहले भी बातचीत में शामिल हो चुके हैं | सरकार ने किसान प्रतिनिधियों से बात करने के लिए उन्हें दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में बुलाया था जिसमें सरकार का प्रतिनिधित्व केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किया | इसके अलावा रेल मंत्री पीयूष गोयल भी इस बैठक में मौजूद थे।

केंद्र सरकार ने 2 फेज में करीब ढाई घंटे तक बातचीत की। 3 बजे से शाम 5 बजे तक पहले दौर की बातचीत हुई। इसके बाद करीब 6 बजे फिर चर्चा शुरू हुई और करीब 30 मिनट में खत्म हो गई। सरकार ने किसान प्रतिनिधियों के सामने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर प्रेजेंटेशन दिया। उनके सामने प्रस्ताव रखा कि नए कानूनों पर चर्चा के लिए कमेटी बनाई जाएगी परन्तु किसान प्रतिनिधियों ने यह पेशकश सिरे से खारिज कर दी।

सरकार ने रखा कमेटी बनाने का प्रस्ताव

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों से कहा कि 4 से 5 नाम अपने संगठन से दें | एक समिति बना देते है जिसमें सरकार के लोग भी होंगे, कृषि एक्सपर्ट भी होंगे, नए कृषि कानून पर चर्चा करेंगे | बैठक से निकलते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि आज किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से तीसरे दौर की चर्चा, सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई । सरकार किसानों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है और सभी विषयों पर चर्चा करने हेतु सहमत है। उन्होंने कहा कि कानूनों से जुड़ी खास परेशानियों को बुधवार तक बताएं ताकि 3 दिसंबर को होने वाली मीटिंग में इस पर चर्चा हो सके।

किसान प्रतिनिधियों ने क्या कहा

बैठक में शामिल किसान प्रतिनिधियों ने कमेटी बनाने की सिफारिश को खारिज कर दिया | उन्होंने कहा कि पहले भी ऐसी कमेटियां बनाई गईं, पर कोई नतीजा हासिल नहीं हो सका। जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं, पूरे देश में आंदोलन और तेज किया जाएगा। किसान नेताओं ने कहा कि तीन दिसंबर की वार्ता के लिए वह लोग तैयार हैं, लेकिन किसानों का आंदोलन लगातार जारी रहेगा जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं लिया जाता |

दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात के बाद किसान प्रतिनिधिमंडल के सदस्य चंदा सिंह ने कहा कि हमारा आंदोलन जारी रहेगा। सरकार से कुछ लेकर जाएंगे। सरकार अगर शांति चाहती है तो लोगों का मुद्दा हल करे। हम मुलाकात के लिए परसों फिर आएंगे |

ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के अध्यक्ष प्रेम सिंह ने कहा कि सरकार अपने स्टैंड से थोड़ा पीछे हटी है। 3 दिसंबर को अगली बैठक है, उसमें हम सरकार को यकीन दिला देंगे कि इन क़ानूनों में कुछ भी किसानों के पक्ष में नहीं है। हम इन क़ानूनों को रद्द करवा के जाएंगे |

सरकार और किसान संगठनों के बीच तीसरे दौर की वार्ता भी रही बेनतीजा

यह सरकार और किसानों के बीच तीसरे दौर की वार्ता है। इससे पहली वार्ता सचिव स्तर की दिल्ली के कृषि भवन में हुई थी जिसमें मंत्रियों के शामिल न होने पर पंजाब के किसान नेता बैठक छोड़कर चले गए थे। दूसरी बैठक दिल्ली के विज्ञान भवन में 13 नवंबर को हुई थी। ये बैठक भी बेनतीजा रही थी। किसान नेताओं ने उस वक्त कहा था कि सरकार कानूनों की खूबियां गिना रही थी, लेकिन वे लोग कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े थे। 1 दिसम्बर को हुई तीसरे दौर की वार्ता भी बिना किसी नतीजे के ख़त्म हुई | 

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