गर्मी के सीजन में किसान विभिन्न फसलों की खेती कर अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे में जो किसान गर्मी में मूंग, मक्का, भिंडी, लोबिया आदि फसलें लगाना चाहते हैं वे किसान गेहूं, चना, मसूर, तिवड़ा आदि की कटाई के तुरंत बाद पानी की पर्याप्त व्यवस्था होने पर बुआई के लिए खेत की तैयारी कर लें। एमपी के सीहोर कृषि वैज्ञानिक के अनुसार ग्रीष्मकालीन मक्का, भिण्डी एवं लोबिया के लिए बलुई दोमट या दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है जिसका पी.एच. मान 6 से 7 के बीच हो।
कृषि वैज्ञानिक के अनुसार एक बार मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई करने के बाद 2-3 बार कल्टीवेटर से जुताई कर खेत की मिट्टी को भुरभुरी व महीन बना लें। किसान ग्रीष्मकालीन मक्का, भिंडी एवं लोबिया के बीज को भूमि जनित रोगों से बचाने के लिए फफूँदनाशक दवा कार्बोण्डाजिम+मैन्कोजेब 2 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचार करें।
गर्मी में मक्का की बुआई कैसे करें
किसान गर्मी में मक्का की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए मक्का की उन्नत किस्मों जैसे PMH-7, PMH-8, PMH-10, कंचन, गौरव, विवेक मक्का, हाइब्रिड-27 आदि उपलब्ध किस्मों का चयन करें। किसान बुआई के लिए प्रमाणित बीजों का ही इस्तेमाल करें। सामान्यतः मक्का के लिए बीज दर 18 से 20 किग्रा व संकर मक्का के लिए 12 से 15 किग्रा प्रति हेक्टेयर रखें। बुवाई के लिए कतार से कतार की दूरी 60 सेमी एवं पौध से पौध की दूरी 30 सेमी रखें। अच्छे उत्पादन के लिए नाइट्रोजनः स्फुरः पोटाश की मात्रा 120:60:40 किग्रा प्रति हेक्टेयर रखें। इसमें स्फुर व पोटाश की पूरी मात्रा एवं नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई के समय एवं शेष आधी नाइट्रोजन की मात्रा को दो भाग में दें।
गर्मी में भिण्डी की बुआई कैसे करें
जो किसान अभी गर्मी में भिण्डी की खेती करना चाहते हैं वे किसान ग्रीष्मकालीन भिण्डी उन्नत किस्म पूसा सावनी, पूसा मखमली, परभनी क्रांति, अर्का अनामिका आदि का चयन करें। किसान 1 हेक्टेयर क्षेत्र में भिंडी की बुआई के लिए 20 से 22 किलोग्राम बीज का उपयोग करें। बुवाई के लिए कतार से कतार की दूरी 45 सेमी व पौध से पौध दूरी 20 सेमी रखें। अच्छे उत्पादन के लिए नाइट्रोजनः स्फुरः पोटाश की मात्रा 40:50:60 किग्रा प्रति हेक्टेयर रखें। इसमें स्फुर व पोटाश की पूरी मात्रा व नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई के समय एवं शेष आधी नाइट्रोजन की मात्रा को दो भाग में दें।
गर्मी में लोबिया की बुआई कैसे करें
किसान ग्रीष्मकालीन लोबिया की खेती करने के लिए लोबिया की उन्नत किस्में जैसे पूसा कोमल, पूसा सुकोमल, काशी गौरी, काशी कंचन आदि का चयन करें। एक हेक्टेयर में लोबिया की खेती के लिए 18 से 20 किलोग्राम बीज पर्याप्त होता है। बुआई के समय किसान कतार से कतार की दूरी 45 से 60 सेमी व पौध से पौध दूरी 10 सेमी रखें। अच्छे उत्पादन के लिए नाइट्रोजनः स्फुरः पोटाश की मात्रा 20:60:50 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखें। इसमें स्फुर और पोटाश की पूरी मात्रा एवं नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई के समय एवं शेष आधी नाइट्रोजन की मात्रा को दो भाग में दें।