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शनिवार, जनवरी 25, 2025
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केंद्र सरकार ने पैसा देने से किया इंकार ! किसानों का भावान्तर योजना का पैसा अधर में लटका

किसानों को नहीं मिलेगी खरीफ 2018 की भावान्तर राशि

किसान अपनी फसल के मूल्यों को लेकर वर्ष 2017 में आन्दोलन करने लगा तो यह आंदोलन हिंसा में बदल गया | इस हिंसा में किसानों की जान भी चली गई थी  | इस आंदोलन के दवाब में सरकार ने भवान्तर भुगतान योजना लेकर आई थी | इस योजना के तहत किसानों को मंडी मे बेचने पर न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम मूल्य मिलने पर सरकार भरपाई करती थी |

क्या थी भावान्तर योजना 

इस योजना के तहत सरकार चार राज्यों के भाव के आधार पर एक माडल रेट तय करती है |सरकार किसानों को माडल रेट तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य के बीच के अन्तर की भरपाई करती है | भावान्तर योजना के तहत दिया जानेवाला पैसा केंद्र तथा राज्य सरकार दोनों मिलकर देती हैं | सरकार ने पिछले वर्ष नियम में बदलाव कर दिया गया था | इस नियम के तहत सरकार ने सोयाबीन तथा मक्के पर 500 रु./ किवंटल फ्लैट भावान्तर भुगतान करने का फैसला किया है | मतलब यह है की किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कितना भी कम मिल रहा हो लेकिन उसे 500 रु. / किवंटल दिया जायेगा |

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यहां पर सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है | पहले पिछली सरकार ने किसानों के लिए यह घोषणा की थी की 500 रु. / किवंटल फ्लैट दिया दीया  जायेगा | बाद में जो आदेश निकाला उसके अनुसार किसानों को अधिकतम 500 रु. / किवंटल तक दिया जायेगा | इसका मतलब यह हुआ की अगर किसी किसान को 500 रु. / किवंटल से कम न्यूनतम समर्थन मूल्य मिला है तो उस किसान को 500 रु . / किवंटल से कम पैसा मिलेगा |

अभी क्या हुआ भावान्तर योजना का

भावान्तर योजना मध्य प्रदेश में पिछले 2 वर्षों से चल रही थी लेकिन इस वर्ष सोयाबीन की खरीदी के बाद भी किसानों को भवान्तर का पैसा नहीं दिया गया है | अभी रबी फसल की खरीदी शुरू होने वाली  है लेकिन खरीफ फसल का भावान्तर का पैसा नहीं आया है |

मध्य प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने कहा है की केंद्र सरकार सोयाबीन के भावान्तर भुगतान  का अपना हिस्सा नहीं दे रही है | केंद्र सरकार को सोयाबीन के भावान्तर भुगतान का 1,000 करोड़ रु.की राशी देनी है | अगर केंद्र सरकार अपना हिस्सा राज्य सरकार को देगी तब उसमें राज्य सरकार अपना हिस्सा जोड़कर किसानों की भुगतान करेगी | पहले नियम में फेरबदल किया गया तो अब पैसे के भुगतान में देरी हो रही है | कुल मिलाकर यह हुआ की केंद्र तथा राज्य सरकार की लडाई में किसानों का नुकसान हो रहा है |

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