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न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP से कम खरीद पर जेल साथ ही जुर्माना, राजस्थान में नए कृषि बिल पास

राजस्थान सरकार द्वारा बनाये गए नए कृषि विधेयक

पंजाब, छत्तीसगढ़ के बाद अब राजस्थान सरकार ने भी केंद्र सरकार द्वारा बनाये गए कृषि कानूनों के विरोध में विधेयक पारित कर दिए हैं | केन्द्रीय कानूनों को निष्प्रभावी बनाने  एवं किसान हितों की रक्षा करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा नए कृषि कानून बनाने के लिए विशेष सत्र का आहवान किया गया था | केन्द्रीय अधिनियम 5 जून 2020 से लागू किये गए है लेकिन राजस्थान सरकार द्वारा बनाये गए राजस्थान ऐमनडेट्स के साथ उस तिथि को लागू किये जाएगें जब भी सरकार द्वारा इसे नोटिफाई किया जाएगा | राजस्थान सरकार द्वारा ध्वनिमत से पारित किये गए तीनों विधयेक यह हैं:-

  1. कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) (राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2020,
  2. आवश्यक वस्तु (विशेष उपबंध और राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2020,
  3. कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार (राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2020

नए कृषि बिलों के मुताबिक अगर कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में किसान को एमएसपी न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP से नीचे फसल बेचने पर मजबूर किया जाता है, तो 3 से 5 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है | साथ ही 5 लाख रु. का जुर्माना भी लगेगा। केंद्रीय कानून में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट में किसानों और कंपनियों के बीच विवाद होने पर केवल एसडीएम तक ही केस लड़े जाने का प्रावधान है, जबकि नए कानून के तहत किसान सिविल कोर्ट में भी जा सकेंगे। इसके आलावा उपज का मूल्य भी तीन दिवस के भीतर किसान को चुकाना अनिवार्य होगा।

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आवश्यक वस्तु (विशेष उपबंध और राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2020

राजस्थान सरकार ने अधिनियम की धारा 3 की उपधारा (1ए) के दूसरे प्रोविजो के बाद राज्य सरकार के स्तर पर एक प्रोविजो जोड़ा गया है जिससे राज्य सरकार को अकाल, कीमत बढ़ोत्तरी और प्राकृतिक आपदा या अन्य कोई किसी स्थिति के अधीन आलू और प्याज, अनाज, दालें, खाद्य तेल और तिलहन के प्रोडक्शन, सप्लाई, डिस्ट्रीब्यूशन को नियंत्रित करने और स्टॉक लिमिट लगाने या उन पर रोक लगाने के आदेश जारी करने की शक्तियां दी गई है। इस प्रोविजो को डालने से राज्य सरकार के पास शक्तियां रहेगी कि राज्य सरकार जमाखोरी, ब्लैक मार्केटिग के अभिशाप को प्रभावी रूप से रोक सके। खण्ड 5 के द्वारा राज्य सरकार को इस विधेयक के प्रावधानों को लागू करने और कराने हेतु अथॉरिटी, जिसे राज्य सरकार उचित समझे को समय-समय पर निर्देश देने की शक्ति प्रदान की गयी है। इन निर्देशों की पालना करना और उस अथॉरिटी की ड्यूटी होगी । इस एक्ट के प्रोविजन्स का अन्य कानूनों पर ऑवरराइडिंग इफेक्ट रखा गया है। इस अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के लिए नियम बनाने की शक्तियां राज्य सरकार को दी गयी है।

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