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18 अक्टूबर के दिन 71 लाख से अधिक किसानों को जारी की जाएगी सीएम किसान सम्मान निधि योजना की किस्त 

प्रदेश के 71 लाख से अधिक किसानों को धनतेरस यानि 18 अक्टूबर के दिन मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की चौथी किस्त के रूप में 717.96 करोड़ रुपए की राशि जारी की जाएगी।

कृषि में निवेश के लिए किसानों को पूंजी उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा किसानों को सीधे आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की गई है, योजना के तहत किसानों को सालाना 6 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती है। ठीक इसी तर्ज पर राजस्थान सरकार द्वारा मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की गई है। योजना के तहत पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी किसानों को 3 हज़ार रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी। जिससे राजस्थान के किसानों को एक साल में 9,000 रुपए की राशि प्राप्त होगी।

इस कड़ी में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा 18 अक्टूबर 2025 को भरतपुर जिले के नदबई से मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की चौथी किस्त के रूप में 717.96 करोड़ रुपये की राशि किसानों के खातों में हस्तांतरित करेंगे। जिससे किसानों को 1000 रुपये की किस्त प्राप्त होगी।

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किसानों को एक वर्ष में मिलेगी 9 हजार रुपए की राशि

सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक ने बताया कि राजस्थान में मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना 30 जून, 2024 को लागू कर राज्य सरकार द्वारा किसानों को सौगात दी गई। इस योजना के तहत दी जाने वाली वार्षिक सहायता 6,000 रुपए से बढ़ाकर 8,000 रुपये कर दी गई। वित्तीय वर्ष 2025-26 में इसे और बढ़ाते हुए 9,000 रुपये प्रतिवर्ष करने की घोषणा की गई है। उन्होंने बताया कि अब राजस्थान के किसानों को केंद्र व राज्य सरकार की संयुक्त पहल से प्रति वर्ष 9,000 रुपए की आर्थिक सहायता पूर्ण पारदर्शिता के साथ उनके बैंक खातों में सीधे डीबीटी प्रणाली से मिलेगी। यह कदम न केवल किसानों की आय में वृद्धि करेगा बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त करेगा।

71 लाख से अधिक किसानों को मिलेगा लाभ

सहकारिता मंत्री ने कहा कि राज्य में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक 71.79 लाख किसानों को लाभ मिला है। उन्होंने बताया कि योजना के प्रचार-प्रसार में जमीनी कार्यकर्ताओं एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों को सक्रिय किया जा रहा है। जमीनी कार्यकर्ता योजना की जानकारी गाँव-गाँव, ढाणी-ढाणी तक पहुंचा रहे हैं, जिससे किसानों में जागरूकता और भागीदारी दोनों बढ़ रही हैं।

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इस योजना में किसानों की पात्रता की पुष्टि भूमि अभिलेखों, ई-केवाईसी, आधार और बैंक खातों के सत्यापन के बाद होती है। पात्र किसान परिवारों को ही इस योजना का लाभ दिया जाता है। प्रदेश में इस योजना का व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है। छोटी जोत वाले किसान जो पहले मौसम, बाजार या लागत की अनिश्चितताओं से जूझते थे, अब उनके पास बीज, उर्वरक और सिंचाई जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए एक स्थिर आर्थिक सहायता उपलब्ध है। यह समर्थन ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नकदी प्रवाह को बढ़ाता है, जिससे स्थानीय बाजारों में भी गति आती है।

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