देश में गेहूं का उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा नई-नई क़िस्मों का विकास किया जा रहा है। जो देश के अलग-अलग जलवायु क्षेत्रों के लिए अनुकूल होने के साथ ही वहाँ लगने वाले कीट-रोगों के लिए प्रतिरोधी होती है। गेहूं की एक ऐसी ही किस्म पूसा मालवी HD 4728 का विकास देश के मध्य क्षेत्र की जलवायु के लिए किया गया है। यह किस्म गेहूं के पत्ती और तना रतुआ रोग के लिये प्रतिरोधी है।
केंद्रीय किस्म विमोचन समिति द्वारा इस किस्म को खेती के लिए वर्ष 2016 में जारी किया गया था। गेहूं की यह किस्म देश के मध्य क्षेत्र के लिए अधिसूचित की गई है। जिसमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, कोटा और राजस्थान के उदयपुर डिवीजन और उत्तर प्रदेश के झाँसी डिवीजन शामिल हैं। पूसा मालवी HD 4728 की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार है:-
गेहूं किस्म पूसा मालवी HD 4728 की विशेषताएँ
- पूसा मालवी किस्म को देश के मध्य क्षेत्र की जलवायु के लिए अधिसूचित किया गया है।
- यह किस्म रबी सीजन में समय से बुआई और सिंचित अवस्था के लिये अनुकूल है।
- HD 4728 क़िस्म 120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।
- यह किस्म पत्ती और तना रतुआ रोगों के प्रति उच्च स्तर की प्रतिरोधक क्षमता रखती है।
- इस किस्म के दाने मोटे और चमकदार होते हैं।
- यह किस्म सूजी आधारित उद्योग में उपयोग के लिए बहुत अधिक उपयुक्त है।
- पूसा मालवी किस्म (HD 4728 Wheat Variety Yield) की औसत उपज क्षमता 54.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और अधिकतम उपज क्षमता 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।