कृषि भवन के सभागार में एग्रीस्टैक (डिजिटल क्रॉप सर्वे) विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रदेश के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि किसानों के हित में डिजिटल प्लेटफार्म बनाया जा रहा है, जिस पर फसल, खेत का रक़बा और किसानों का पूरा डिटेल उपलब्ध रहेगा।
डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध विवरण के आधार पर किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा सकेगा। पीएम किसान सम्मान निधि, केसीसी की स्वीकृति, फसलों की अधिप्राप्ति, नुकसान होने पर मुआवजे से संबंधित सारी जानकारी उपलब्ध रहेगी। इन कार्यों में एग्रीस्टैक के द्वारा समय पर फैसला लिया जा सकेगा। एग्रीस्टैक पर किसानों से संबंधित पूरे आँकड़े मौजूद रहेंगे साथ ही सरकार की योजना की भी जानकारी उपलब्ध रहेगी।
20 जिलों में किया जा रहा है डिजिटल क्रॉप सर्वे
कृषि मंत्री ने कहा कि बजट 2024 में भारत सरकार ने देश के 400 जिलों में डिजिटल क्रॉप सर्वे कराने की घोषणा की है। अगले 3 वर्षों में डिजिटल पब्लिक आधारभूत संरचना का विकास किया जाएगा। इसका उद्देश्य किसान और भूमि से संबंधित आँकड़ों को संग्रहित करना है। पिछले रबी फसल मौसम से ही डिजिटल क्रॉप सर्वे का कार्य 20 जिलों में कराया जा रहा है।
वहीं कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि पिछले रबी फसल मौसम में 20 जिलों के 2069 गाँव में डिजिटल क्रॉप सर्वे कराया गया है। इस खरीफ फसल मौसम में राज्य के 28 जिलों के 10,000 गांव में सर्वे कराने का लक्ष्य रखा गया है। डिजिटल क्रॉप सर्वे के माध्यम से किसानों के खेत में वास्तविक रूप से उगाये जा रहे फसल का विवरण और क्षेत्रफल का डेटाबेस तैयार किया जाएगा। इससे फसल के आच्छादन एवं उत्पादन का सटीक आँकड़ा प्राप्त होगा।