दूध उत्पादन बढ़ाने के साथ ही पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और म.प्र. राज्य सहकारी दुग्ध संघ के बीच अनुबंध हुआ है। ऐसे में प्रदेश के किसानों को इस अनुबंध का अधिकाधिक लाभ मिल सके इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा 5 मई के दिन समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करना हमारा संकल्प है। इसके लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की डेयरी क्षेत्र में विशेषज्ञता का लाभ संपूर्ण प्रदेश को समान रूप से मिले यह सुनिश्चित करना आवश्यक है। सहकारी संघों के साथ निजी डेयरी संचालकों को भी आवश्यक कंसल्टेंसी उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए अन्य राज्यों की बेहतर नस्ल की गाय-भैंसों को प्रदेश में लाने और उन्हें किसानों को उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है कि प्रदेश में उत्पादित दूध के वैल्यू एडिशन के बाद ही डेयरी उत्पाद प्रदेश के बाहर जाएं।
किसानों को मिलेगा लाभ
बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड अगले पांच साल में प्रदेश के कम से कम 50 प्रतिशत गांवों में प्राथमिक डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना के लक्ष्य के साथ कार्य कर रहा है। इससे बड़ी संख्या में किसानों को लाभ मिलेगा। किसानों को दूध का उचित मूल्य दिलाने के उद्देश्य से दुग्ध संघों द्वारा दूध खरीदने की दर में वृद्धि की गई है। दुग्ध संकलन, गुणवत्ता नियंत्रण, भंडारण व्यवस्था आदि की विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा की जा रही है। सम्पूर्ण डेयरी वैल्यू चेन के डिजिटलाईजेशन के अंतर्गत ऑटोमेटिक मिल्क कलेक्शन सिस्टम का क्रियान्वयन प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बड़ी गौशालाएं विकसित की जा रही हैं। इनके विकास और बेहतर प्रबंधन से भी दूध उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि निजी विश्वविद्यालय भी डेयरी टेक्नोलॉजी और एनिमल हसबेंडरी संबंधी कोर्स संचालित करें। विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थाओं के तकनीकी विशेषज्ञों को गौशालाओं से जोड़कर उनके मार्गदर्शन और निर्देशन से गौशालाओं के प्रबंधन को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
मध्यप्रदेश डेयरी विकास योजना के अंतर्गत डेयरी सहकारी कव्हरेज के विस्तार और सुदृढ़ीकरण के साथ ही दूध और दूध के उत्पादों के विपणन में सुधार के लिए कोल्ड चैन इन्फ्रास्ट्रक्चर, मिल्क पार्लर स्थापना, ब्राण्ड प्रमोशन, मार्केट स्टडी प्रस्तावित है। दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए पशुओं के पोषण और स्वास्थ्य के संबंध में विशेषज्ञतापूर्ण गतिविधियां संचालित की जाएंगी। साथ ही राज्य शासन की किसान कल्याण योजनाओं की डेयरी सहकारी संस्थाओं के समन्वय से क्रियान्वयन के लिए भी पहल होगी।
Ret badna cahiye
एमपी में किसानों को जल्द ही दूध उत्पादन पर बोनस भी मिलेगा।
Badhna cahiye
प्रति लीटर दूध का रेट किसानों को क्या मिल रहा है और प्राइवेट डेयरी पर तो 70 रुपए प्रति लीटर किसानों को वर्तमान में प्राप्त हो रहा है । 8.60 पैसे प्रति फैट से किसानों को प्राप्त हो रहा है
सर सरकार ने किसानों को 5 रुपए बोनस देने की भी घोषणा की है। आगे चलकर किसानों को और अच्छे दाम मिलेंगे।