डेयरी उद्योग को आमदनी का जरिया बनायें
परिचय
डेयरी उद्योग को आमदनी का जरिया बनायें खेती में लगातार हो रही हानि को कम करने एवं रोजाना कुछ आमदनी करने के लिए डेयरी एक सही विकल्प के रूप में सामने आया है |
पशुपालन हमारे देश में ग्रामीणों के लिए आरम्भ से ही आमदनी का जरिया रहा है, लेकिन जानकारी के अभाव में अकसर लोग पशुपालन का पूरा फायदा नहीं उठा पाते| इस काम से संबंधित थोड़ा-सा ज्ञान और सही दिशा में की गयी योजना आपको बेहतरीन मुनाफा कमाने का रास्ता दिखा सकती है|
डेयरी उद्योग में दुधारू पशुओं को पाला जाता है| इस उद्योग के तहत भारत में गाय और भैंस पालन को ज्यादा महत्व दिया जाता है, क्योंकि इनकी अपेक्षा बकरी कम दूध देती है| इस उद्योग में मुनाफे की संभावना को बढ़ाने के लिए पाली जानेवाली गायों और भैंसों की नस्ल, उनकी देखभाल व रख-रखाव की बारीकियों को समझना पड़ता है|
फायदेमंद प्रजातियां
भारत में अनेक तरह की गायें पायी जाती हैं| गायों की प्रजातियों को तीन रूप में जाना जाता है, ड्रोड ब्रीड, डेयरी ब्रीड और ड्यूअल ब्रीड| इनमें से डेयरी ब्रीड को ही इस उद्योग के लिए चुना जाता है| दुग्ध उत्पादन की दृष्टि से भारत में तीन तरह की भैंसें मिलती हैं, जिनमें मुर्रा, मेहसाणा और सुरती प्रमुख हैं| मुर्रा भैंसों की प्रमुख ब्रीड मानी जाती है| यह ज्यादातर हरियाणा और पंजाब में पायी जाती है| मेहसाणा मिक्सब्रीड है| यह गुजरात और महाराष्ट्र में पायी जाती है| इस नस्ल की भैंस एक महीने में 1,200 से 3,500 लीटर दूध देती हैं| सुरती छोटी नस्ल की भैंस होती है, जो गुजरात में पायी जाती है| यह एक महीने में 1,600 से 1,800 लीटर दूध देती है|
अकसर डेयरी उद्योग चलानेवाले इन नस्लों की उचित जानकारी न होने के चलते व्यापार में भरपूर मुनाफा नहीं कमा पाते| डेयरी उद्योग की शुरुआत पांच से 10 गायों या भैंसों के साथ की जा सकती है| मुनाफा कमाने के बाद पशुओं की संख्या बढ़ायी जा सकती है|
अच्छी देखभाल करना है जरुरी
पाली गयी गायों व भैंसों से उचित मात्र में दुग्ध का उत्पादन करने के लिए उनके स्वास्थ संबंधी हर छोटी-बड़ी बात का ख्याल रखना जरूरी होता है| पशु जितने स्वस्थ होते हैं, उनसे उतने ही दूध की प्राप्ति होती है और कारोबार अच्छा चलता है| जानवरों को रखने के लिए एक खास जगह तैयार करनी होती है| जहां हवा के आवागमन की उचित व्यवस्था हो| साथ ही, सर्दी के मौसम में जानवर ठंड से बचे रहें| रख-रखाव के बाद बारी आती है पशुओं के आहार की| इसके लिए गायों या भैंसों को निर्धारित समय पर भोजन देना जरूरी होता है| इन्हें रोजाना दो वक्त खली में चारा मिला कर दिया जाता है|
इसके अलावा बरसीम, ज्वार व बाजरे का चारा दिया जाता है| दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए भोजन में बिनौले का इस्तेमाल करना अच्छा रहता है| डेयरी मालिक के लिए इस बात का ख्याल रखना भी जरूरी होता है कि पशुओं को दिया जानेवाला आहार बारीक, साफ-सुथरा हो, ताकि जानवर भरपूर मात्र में भोजन करें| वहीं चारे के साथ पानी की मात्र पर ध्यान देना भी जरूरी है| गाय व भैंस एक दिन में 30 लीटर पानी पी सकती हैं| इसके अलावा डेयरी मालिक को पशुओं की बीमारियों व कुछ दवाओं की समझ भी होनी चाहिए|
सरकार द्वारा दी जा रही मदद
सरकारी व गैर-सरकारी संस्थाएं डेयरी उद्योग के लिए 10 लाख रुपये तक की लोन सुविधा उपलब्ध कराती हैं| इसके लिए डेयरी मालिक को तमाम कागज जैसे एनओसी, एसडीएम का प्रमाणपत्र, बिजली का बिल, आधार कार्ड, डेयरी का नवीनतम फोटो आदि जमा करना होता है|
वेरीफिकेशन के बाद अगर संबंधित प्राधिकरण संतुष्ट हो जाता है, तो डेयरी मालिक को डेरी और पशुओं की संख्या के हिसाब से पांच से 10 लाख रुपये तक की राशि मुहैया करायी जाती है| डेयरी मालिक को यह राशि किस्तों में जमा करनी होती है| निश्चित समय पर किस्तों का भुगतान करने पर कुछ किस्तें माफ भी कर दी जाती हैं|
Naveen tyagi GI
जी सर क्या जानकारी चाहिए |
मेहसाना नस्ल की एक भैंस की कीमत कितनी होती है सर। कृपया बतायें।
Sab jhoot likhte ho ya Sach bhi h ……Kon c bhains 1mahine main 1600kg milk deti h
भारत में अनेक तरह की गायें पायी जाती हैं| गायों की प्रजातियों को तीन रूप में जाना जाता है, ड्रोड ब्रीड, डेयरी ब्रीड और ड्यूअल ब्रीड| इनमें से डेयरी ब्रीड को ही इस उद्योग के लिए चुना जाता है| दुग्ध उत्पादन की दृष्टि से भारत में तीन तरह की भैंसें मिलती हैं, जिनमें मुर्रा, मेहसाणा और सुरती प्रमुख हैं| मुर्रा भैंसों की प्रमुख ब्रीड मानी जाती है| यह ज्यादातर हरियाणा और पंजाब में पायी जाती है| मेहसाणा मिक्सब्रीड है| यह गुजरात और महाराष्ट्र में पायी जाती है| इस नस्ल की भैंस एक महीने में 1,200 से 3,500 लीटर दूध देती हैं| सुरती छोटी नस्ल की भैंस होती है, जो गुजरात में पायी जाती है| यह एक महीने में 1,600 से 1,800 लीटर दूध देती है| अकसर डेयरी उद्योग चलानेवाले इन नस्लों की उचित जानकारी न होने के चलते व्यापार में भरपूर मुनाफा नहीं कमा पाते| डेयरी उद्योग की शुरुआत पांच से 10 गायों या भैंसों के साथ की जा सकती है| मुनाफा कमाने के बाद पशुओं की संख्या बढ़ायी जा सकती है|
सर में उज्जैन मप्र से हु ओर मुजे डेरी फॉर्म डालना है कृपया लोन लेने की प्रोसेस बताये
सर बैंक में कृषि सम्बन्धी अधिकारी होता है उससे आप बात कीजिये उन्हें अपने प्रोजेक्ट के विषय में बताएं
आप एक प्रोजेक्ट बनायें जिसमें आप क्या करना चाहते हैं एवं किस तरह उससे कितनी आय होने की सम्भावना है एवं किस तरह आप बैंक का ऋण चुकायेंगे I उसके बाद बे नहीं देते हैं तो उनसे लिखित में कारण लें
सर उनसे लिखित में लीजिये बैंक मेनेजर की सील एवं सिग्नेचर के साथ के हम किसी योजना पर ऋण नहीं देते I
Sir murha nasal ki katari kaha se khride please tell
Bhaut khob sir hame madat milege kay.
जी सर सर आप ऑनलाइन देख सकतें है व खरीद भी सकतें हैं, दी गई लिंक पर देंखे
https://www.epashuhaat.gov.in/?module=p_marketplace&action=Animals
उत्तम किस्म की शुद्ध नस्ल की भैंस कहाँ से मिलेगी और लगभग कीमत क्या होगी
सर आप ऑनलाइन देख सकतें है व खरीद भी सकतें हैं, दी गई लिंक पर देंखे
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