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बुधवार, नवम्बर 5, 2025
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भेड़ों में फैल रही संक्रामक बीमारी को देखते हुए पशुपालन मंत्री ने त्वरित उपचार और बचाव के लिए दिए निर्देश

पशुपालन मंत्री ने पाली और जालोर जिलों में भेड़ों में फैल रही संक्रामक बीमारी पर चिंता व्यक्त करते हुए त्वरित उपचार और बचाव के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।

बारिश के मौसम के बाद पशुओं में कई तरह की संक्रामक बीमारियों के फैलने की संभावना बनी रहती है। इस बीच राजस्थान के पाली एवं जालोर जिले में भेड़ों में संक्रामक बीमारी फैलने की सूचना प्राप्त हुई है। जिसको देखते हुए पशुपालन, डेयरी और गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने पाली एवं जालौर जिलों में भेड़ों में फैल रही संक्रामक बीमारी की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल विशेष चिकित्सा टीमें भेजी जाएं तथा बीमार पशुओं का समुचित उपचार सुनिश्चित किया जाए।

पशुपालन मंत्री ने यह भी बताया है कि पाली और जालोर जिले में हाल ही के दिनों में भेड़ों में फैल रही संक्रामक बीमारी की रोकथाम एवं निदान के लिए पशुपालन विभाग द्वारा विशेष कार्य-योजना के तहत त्वरित कार्रवाई की जा रही है।

संक्रमित भेड़ों के उपचार के लिए सर्वे दलों का किया गया गठन

पशुपालन मंत्री ने बताया कि जालोर जिले के आहोर नोडल क्षेत्र में अधिक संख्या में भेड़ें प्रभावित हुई हैं शेष भाग में भी कुछ छिटपुट मामले सामने आए हैं। आहोर में संक्रमित भेड़ों के सर्वे और उपचार के लिए 40 सदस्यों के कुल 12 दलों का गठन किया गया है जो लगातार सर्वे और उपचार के कार्य में लगे हैं। संक्रमित पशुओं के ब्लड सैंपल तथा नेजल स्वैब लेकर परीक्षण के लिए भेजा गए हैं। अब तक आहोर के विभिन्न गांवों में नौ हजार से अधिक भेड़ों का सर्वे हो चुका है। वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है। जिले के अन्य भागों में भी सभी एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं और संक्रमित पशुओं को अन्य पशुओं से क्वेरेंटाइन किया गया है, जिससे बीमारी के फैलाव को रोका जा सके। पशुपालकों को भी आवश्यक परामर्श एवं सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।

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उन्होंने बताया कि पाली जिले में भी कुछ घटनाएं सामने आई हैं जिनका संज्ञान लेकर उपचार चालू कर दिया गया है। पाली के चाणोद गांव से सैंपल लेकर जांच के लिए भिजवाया गया है। आगे स्थिति न बिगड़े, इसके लिए संबंधित अधिकारियों को पाबंद कर दिया गया है। वहां अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि तत्काल दलों का गठन कर भेड़ों में फैली बीमारी का सर्वे करवाकर आवश्यकतानुसार अविलंब उपचार शुरू करवाएं।

गांव-गांव जाकर की जाएगी जांच

डेयरी मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पशुधन की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। उन्होंने बताया कि दोनों जिलों में पशु चिकित्सकों की टीमों को गांव-गांव जाकर पशुओं की जांच करने, सैंपल लेने के काम को तेज़ करने और जागरूकता शिविर आयोजित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि इस संबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त दवाइयों व संसाधनों की आपूर्ति तत्काल की जाएगी। उन्होंने पशुपालकों से भी अपील की है कि वे अपने पशुओं का समय-समय पर टीकाकरण कराएं, बीमार पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखें तथा किसी भी प्रकार के संक्रमण की स्थिति में नजदीकी पशु चिकित्सालय से तत्काल संपर्क करें।

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