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सूखे की स्थिति को देखते हुए सरकार किसानों को देगी डीजल पर अनुदान

फसल सिंचाई के लिए डीजल अनुदान

इस वर्ष देश के विभिन्न राज्यों में मानसून का वितरण असामान्य रहने के कारण इसका सीधा असर खरीफ फसलों की बुआई पर पड़ा है। देश के दो बड़े राज्य बिहार तथा उत्तर प्रदेश में किसान सूखे का सामना कर रहे है। ख़ासकर बिहार राज्य में मानसूनी वर्षा नहीं होने के कारण धान, जूट तथा अन्य खरीफ फसलों की बुवाई पर सीधा असर पड़ा है। राज्य में सूखे के कारण किसान एक तरफ फसल की बुवाई नहीं कर पा रहें हैं तो दूसरी तरफ बोई हुई फसलों को पानी भी नहीं दे पा रहे हैं। इस परिस्थिति को देखते हुए बिहार राज्य सरकार किसानों को सिंचाई के लिए डीजल पर अनुदान देने जा रही है।

बिहार कृषि मंत्री श्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने बिहार में अनियमित मानसून की स्थिति में सम्भावित सूखे की संभावना से निपटने के लिए समीक्षा बैठक की। बैठक में बताया गया कि 11 जुलाई 2022 तक राज्य में सामान्य से 33% कम वर्षा हुई है, जिससे बिहार में सूखे की स्थिति बन गयी है। किसानों को सूखे की स्थिति से बचाने के लिए उन्होंने निर्वाध बिजली, किसानों को सिंचाई के लिए डीजल अनुदान एवं अन्य वैकल्पिक फसलों के बीज शत प्रतिशत अनुदान पर देने के लिए प्रक्रिया प्रारम्भ करने को कहा है। 

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किसानों को डीजल पर कितना अनुदान दिया जाएगा

राज्य के किसान सूखे की स्थिति में अपनी फसलों की सिंचाई कर सके इसके लिए बिहार सरकार ने डीजल की खरीद पर अनुदान देने का फैसला लिया है। इसके लिए सरकार ने किसानों को धान का बिचड़ा एवं जुट की दो सिंचाई के लिए 60 रु. प्रति लीटर की दर से अनुमानित 10 लीटर डीजल खरीद के लिए 600 रुपए प्रति सिंचाई अर्थात दो सिंचाई के लिए 1200 रुपए तथा धान, मक्का, अन्य खरीफ फसलों के अन्तर्गत दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगंधित पौधों की 3 सिंचाई के लिए 600 रु. प्रति सिंचाई की दर से 1800 रुपए अनुदान दिया जाएगा। जिसके लिए डीजल अनुदान योजना स्वीकृति की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है।

किसानों को बीज पर दिया जाएगा अनुदान

बिहार सरकार ने राज्य में सूखे की स्थिति को ध्यान में रखते हुए किसानों को अन्य कम पानी वाली फसलों की बुआई करने की सलाह दी है। राज्य में संभावित सूखे की स्थिति को देखते हुए आकस्मिक फसल योजना हेतु 30 करोड़ रुपए की योजना स्वीकृत की जा रही है। जिसके अंतर्गत राज्य सरकार किसानों को बिहार राज्य बीज निगम के माध्यम से अल्पावधि वाले धान के प्रभेदों, प्रमाणित धान, संकर मक्का, अरहर, उड़द, तोरिया, अगात सरसों, अगात मटर, भिंडी, मूली, कुल्थी, ज्वार, बरसीम आदि वैकल्पिक फसलों के बीज शत-प्रतिशत अनुदान पर देने के लिए विचार कर रही है।

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