किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही है। जिनके तहत किसानों को सब्सिडी सहित अन्य आर्थिक सहायता दी जाती है। ऐसे में किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके इसके लिए उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक फार्मूला बताया है। उप राष्ट्रपति ने यह फार्मूला 26 मई के दिन मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में आयोजित किए जा रहे कृषि उद्योग समागम के उद्घाटन सत्र के दौरान बताया।
देश के माननीय उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किसान को हर प्रकार की सहायता सीधा किसान के खाते में देने की बात का समर्थन करते हुए कहा कि “किसान की आमदनी में उत्थान आएगा जब हर सहायता किसानों को सीधे मिलेगी।” उन्होंने कहा कि अमेरिका वो देश है जहाँ किसान परिवार की आय सामान्य परिवार की आय से ज्यादा है, इसका एक आधार है कि किसान को सीधी सरकारी सहायता मिलती है।
किसानों को सीधे मिले सब्सिडी की राशि
माननीय उप राष्ट्रपति ने कहा की हमारे देश में खाद को लेकर बहुत बड़ी सब्सिडी दी जाती है, अन्य भी बहुत बड़ी सब्सिडी है पर वो अप्रत्यक्ष (indirect) है। उप राष्ट्रपति के अनुसार यदि सभी सब्सिडी किसानों को सीधी दी जाए तो हर किसान को हर साल कम से कम 35,000 रुपए मिलेंगे। उन्होंने कहा कि इंडियन काउंसिल एग्रीकल्चर रिसर्च इस पर ध्यान देगी, इस पर पूरी तरह से एक टिप्पणी का कागज निकालेगी ताकि किसान को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो पाए। किसान को हर तरीके से सरकार मदद कर रही है।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि जिस तरह किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का पैसा सीधे खाते में जाता है, उसी तरह अब आवश्यकता है कि बाकि सहायता जो किसान को मिल रही है, वो भी किसान के खाते में जाये, क्योंकि इससे किसान को बहुत बड़ा फायदा होगा। उप राष्ट्रपति ने कहा कि कृषि सिर्फ आर्थिक क्षेत्र नहीं है। कृषि का उद्योग से भारी लगाव है। हमारी आधी आबादी कृषि पर निर्भर है।
किसानों को बनना होगा एग्रीप्रेन्योर
उप राष्ट्रपति ने Agri– Entrepreneurship को बढ़ावा देने पर जोड़ देते हुए कहा कि किसानों को कृषि क्षेत्र में उद्यमियों के रूप में उभरना चाहिए। हमारे किसानों को उद्यमिता को परिभाषित करना चाहिए। उन्होंने ने इसे एग्रीप्रेन्योर कहते हुए कहा कि हमारे देश में लाखों एग्रीप्रेन्योर की आवश्यकता है, जो कृषि उत्पादों के विपणन, कृषि उत्पादों में मूल्य संवर्धन और दुग्ध उत्पादन, सब्जी एवं फल क्षेत्र में नेतृत्व करें।
उन्होंने कहा कि देश में 730 कृषि विज्ञान केंद्र हैं और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की अनेक संस्थाएं हैं। ये सभी अब सजग और जागरूक हो गई है। उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छा रहेगा की कृषि आधारित उद्योग, सांसद, विधायक और प्रमुख NGOs किसान गाँव को गोद लें, उस गाँव की काया पलट का संकल्प लें। उसमें Agri–entrepreneurs, Agripreneurs, किसान उद्यमी का बढ़ावा दें। यह उनके लिए भी ठीक रहेगा। क्योंकि उनकी आर्थिक संपन्नता का आधार किसान है, तो किसान की उसमें भागीदारी स्वाभाविक है।
P m Kishan samanidhi
Kishan samanidhi yojana
Kab mily ga kisano ko paysa
सर जब योजना आएगी तब जानकारी दी जाएगी। अ
Ma piyaj ki chati krta ho
सर अपने ब्लॉक या जिले के उद्यानिकी विभाग में संपर्क करें।
रूपया कैसे मिले गा किसान भाई लोग
सर अभी खाद सब्सिडी सीधे किसानों के खाते में देने का चल रहा है। जब योजना आएगी तब जानकारी दी जाएगी।
P M kuaum
https://www.jreda.com//Content/getHeadersMenuContents/73 सर दी गई लिंक पर जानकारी देखें।
किसान को फसल का सहि मुलय नहि मिल ता सरकार msp तय तो कर देती हे लेकिन खरिद पुरि नहीं करती महगाई के हिसाब से पुरा मुलय नहि मिल ता
Pm modi kiasn ko ठगा जा रहा है धान की msp पर 59 रूपये भीख दे रहे है धान की msp पर कम से कम 200 किंटल पैसे देना चाहिए
Acchi baat hai
Koi fayda nahin milta
सर अगर खाद सब्सिडी और अन्य सब्सिडी की राशि सीधे मिलेगी तब इतनी राशि मिलेगी।
Kab mily ga payment kisanyko