Home विशेषज्ञ सलाह अभी के मौसम में किसान खेती एवं पशुपालन के लिए यह कार्य...

अभी के मौसम में किसान खेती एवं पशुपालन के लिए यह कार्य करें

mausam aadharit krishi salah

मौसम आधारित कृषि सलाह

देश में रबी सीजन की बुआई का काम तेजी से चल रहा है, रबी की बहुत सी ऐसी फसलें भी है जिनकी बुआई पहले की जा चुकी है और बहुत सी फसलों की बुआई चल रही है | देश की भोगोलिक स्थिति बड़ी होने के चलते सभी जगहों पर एक साथ बुआई का कार्य नहीं किया जाता | यह प्रदेशों की जलवायु एवं खरीफ फसल की कटाई पर निर्भर करता है | अब तक रवि फसलों में अनाज, दलहनी और तिलहनी फसलों की लगभग कार्य हो चूका है।

किसानों को मौसम आधारित सलाह

    मौसम आधारित कृषि सलाह के अंतर्गत किसानों को सामान्य फसले के लिए कृषि विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि धान फसल की कटाई के पश्चात् मृदा में नमी की उपलब्धता के अनुसार रबी फसलें की बुआई करें।  किसान भाई 10 दिसम्बर तक गेहूँ की शीघ्र पकने वाली प्रजातियों की बुवाई करें। इसके पश्चात् बुवाई करने पर बीज दर 25 प्रतिशत बढा देवें। किसान भाई रबी फसले जैसे- चना, कुसुम, अलसी, मसूर, सूरजमुखी, तिल, मूंगफली, एवं मक्का आदि फसलों की बोनी का कार्य जारी रख सकते हैं।

हमेशा प्रस्तावित किस्मों के प्रमाणित बीजों को बीजोपचार पश्चात् बुआई करें। चने के जिन खेतो में उकठा एंव काँलर राट बीमारी का प्रकोप प्रति वर्ष होता हैं, वहां चने के स्थान पर गेंहू, कुसुम एवं अलसी की बुवाई करें अर्थात फसल चक्र अपनाये। चने में बीजोपचार अवश्य करें। इसके लिए बीजों को कार्बेन्डाजिम दवा 1.5 ग्राम प्रति किलो बीज  राइजोबियम कल्चर 6-10 ग्राम तथा ट्राईकोडर्मा पाउडर 6-10 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें।

सब्जी की खेती करने वाले किसान क्या करें ?

    फल और सब्जी की फसलों में अधिक ठण्ड की अवस्था में भिंडी में पीतशिरा रोग की समस्या आती हैं अतरू दैहिक कीटनाशी का छिड़काव करना आवश्यक हैं। मटर में पाउडरी मिल्डीव की समस्या होने पर ताम्रयुक्त फफूदनाशी का छिड़काव करें। मटर में चूर्णिल आसिता के नियंत्रण हेतु तरल सल्फेक्स 8 उस प्रति 14 लीटर पानी की दर से छिड़काव करें। जिन कृषक बंधुओं ने फलों में मुख्यतः अमरुद, चीकू, फालसा, अनार, नीबू में कटाई- सधाई नहीं किये हो तो अतिशीघ्र कटाई सधाई करें।

पशुओं की देखभाल ऐसे करें

    पशुपालक किसानों को अपने पशुओं की सुरक्षा की सलाह दी गई है । इसके अनुसार पशु बाड़े एवं मुर्गियों के घर में यदि खिड़कियाँ न लगी हो तो ठंडी हवा से बचाव के लिये बोरे लटकायें। नवजात बछड़ों मेमनों आदि को ठंड से बचाव हेतु फर्श पर पैरा का गहरा बिछावन बिछाये एवं छत वाले बाड़े में रात को रखें। दुधारू पशुओं को भरपूर पानी पिलायें अत्यधिक ठंडा पानी पीने न दें। किसानों को सलाह दी गई है कि चारा हेतु जई, बरसीम, एवं रबी ज्वार की बुवाई करें। बहुवार्षिक चारा फसल की कटाई कर ले एवं अतिरिक्त मात्रा का संग्रहण करके रखें।

किसान समाधान के YouTube चेनल की सदस्यता लें (Subscribe)करें

Notice: JavaScript is required for this content.

2 COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
यहाँ आपका नाम लिखें

Exit mobile version