चीनी मिल गन्ना खरीद
अभी देश में गन्ने की कटाई चल रही है साथ ही कटाई के साथ ही किसान गन्ने को लेकर चीनी मिल में बेचने के लिए जा भी रहे हैं | चीनी मिल द्वारा खरीदी दिए गए नंबर के अनुसार गन्ने की खरीदी कर रही है परन्तु कुछ किसान ऐसे भी हैं जो बिना नंबर मिले हुए ही गन्ने की कटाई कर रहे हैं | जिससे गन्ने का वजन एवं उसमें चीनी कम मिल रही है |
उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए राज्य सरकार ने ई–गन्ना ऐप की शुरुआत की है | इस ऐप के आधार पर किसान गन्ने की कटाई कर रहे हैं और चीनी मिल लेकर जा रहे हैं | चीनी मिल के अनुसार किसान का नंबर नहीं देने के कारण गन्ने को मिल के सामने रखना पड़ रहा है | उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग ने किसानों के लिए अपील जारी की है कि गन्ने की कटाई एस.एम.एस. मिलने के बाद ही करें नहीं तो गन्ने की खरीदी नहीं की जाएगी | ई–गन्ना ऐप के आधार गन्ना की कटाई नहीं करें |
गन्ना की कटाई कब करें ?
उत्तर प्रदेश के किसान ई–गन्ना एप पर अपने कैलेंडर को देखकर गन्ने की कटाई कर दे रहे हैं जबकि कैलेंडर में निर्धारित समय के अनुसार पर्ची जारी करने में मिल में अचानक आयी कठिनाईयों एवं मौसम खराब होने के कारण विलम्ब सम्भावित रहता है | कृषक को गन्ना आपूर्ति हेतु पर्ची की सुचना एस.एम.एस. के माध्यम से दी जा रही है , जिसके उपरांत कम से कम 72 घंटे का समय गणना आपूर्ति हेतु दिया जाता है |
समय से पहले गन्ना काटने से क्या नुकसान होता है ?
किसान भाईयों द्वारा 3 से 4 दिन पूर्व काटे गये गन्ने की आपूर्ति किये जाने की स्थिति में गन्ने का वजन 5 से 8 प्रतिशत घट जाता है तथा प्रति 24 घंटे के विलम्बे पर चीनी की रिकवरी भी वजन 0.25 प्रतिशत घट जाती है | 72 घंटे से अधिक पुराने गन्ने की आपूर्ति से जहाँ एक ओर गन्ने का वजन कम होने से कृषक को धन हानि होती है वहीँ दूसरी ओर चीनी की रिकवरी कम होने पर चीनी मिल को भी वित्तीय हानि होती है, जिसके कारण चीनी मिल की गन्ना मूल्य भुगतान क्षमता पर भी प्रभाव पड़ता है |
पहले से कटे गन्ने को चीनी मिल नहीं खरीदेगा
उत्तर प्रदेश में 50 लाख किसान तथा उनके परिवार को मिलाकर लगभग 2.50 करोड़ व्यक्तियों की आजीविका का मुख्य स्रोत गन्ना है | ऐसे में कुछ किसानों की वजह से सभी किसानों का नुकसान हो अच्छा नहीं हैं तथा यह स्पष्ट किया जाता है कि किसी भी दशा में चीनी मीलों द्वारा पुराना कटा हुआ सुखा गन्ना नहीं लिया जायेगा तथा ऐसे गन्ना आपूर्ति करने वाले कृषकों का सट्टा बंद किया जायेगा |