देश में यूरिया, डी.ए.पी. आदि खाद उर्वरक पर सब्सिडी
इस वर्ष खरीफ तथा रबी मौसम के सीजन में देश एक कई राज्यों में किसानों को खाद (उर्वरक) खरीदने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है | सरकार के लाख दावों के बाबजूद भी किसानों के पास उर्वरक नहीं पहुँच पा रहा है | इसमें यूरिया सबसे महत्वपूर्ण खाद है जिसकी कमी देश के कई राज्यों में देखने को मिली है | खास कर के मध्य प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में यूरिया के लिए किसानों को लाइनों में खड़ा रहना पड़ रहा है इसके बाबजूद भी किसानों को 266 रूपये प्रति 45 किलोग्राम की पैकेट 340 रूपये तक में ब्लैक में खरीदना पड़ रहा है |
पिछले वर्ष यूरिया, डी.ए.पी. आदि खादों पर बजट प्रावधान
यह हालत तब है जब देश के केन्द्रीय बजट से उर्वरक पर 79,996 करोड़ रूपये की सब्सिडी दी गई थी | इसमें यूरिया के लिए 53,629 करोड़ रूपये की सब्सिडी थी तो वहीँ पोषक तत्व आधरित खाद (डी.ए.पी., NPK, जिंक, सल्फर इत्यादि) पर सब्सिडी 26,367 करोड़ रूपये की सब्सिडी थी |
इस वर्ष यूरिया, डी.ए.पी. आदि खादों पर बजट
वित्त वर्ष 2020 – 21 का बजट पेश करते हुए केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कृषि में उपयोग होने वाले रासायनिक उर्वरक के लिए 71,309 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है | इसमें यूरिया के लिए 47,805 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है तो वहीँ पोषक तत्व आधारित उर्वरक के लिए 23,504 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है |
जानिए यूरिया एवं अन्य खादों में की गई कटौती
इस वर्ष किसानों के उर्वरक के लिए 8,690 करोड़ रूपये की कटौती की गई है | इसमें यूरिया के लिए 5,824 करोड़ रूपये तथा पोषक तत्व के लिए 2,863 करोड़ रूपये की कटौती की गई है | वर्ष 2020- 21 में यूरिया के कुल 335.31 लाख मैट्रिक टन बिक्री का लक्ष्य रखा गया है तो वहीं पोषक आधारित उर्वरक के लिए 215.22 लाख मैट्रिक टन बिक्री का लक्ष्य रखा गया है |
उर्वरक तथा इस पर दिया जाने वाली सब्सिडी सभी प्रकार के उर्वरक जो देश में उत्पादन होते हैं तथा विदेश से आयत होते हैं | इसके साथ उर्वरक को बेचने वाले को हस्तांतरण किये जानेवाले पैसे भी शामिल है | ऐसे में यह देखना होगा की उर्वरक पर बजट में कटौती करने से क्या प्रभाव पड़ता है क्योंकि केद्र सरकार ने कृषि में उपयोग होने वाले रासायनिक खाद का उत्पादन तथा आय दोनों कम कर दिया है |
देश में यूरिया एवं अन्य खादों की स्थिति
वर्ष 2013 से लेकर 2018–19 में देश में यूरिया का उत्पादन का उत्पादन 225 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा था लेकिन वर्ष 2019 – 20 में यूरिया का उत्पादन सीधे 138 .28 लाख मैट्रिक टन हो गया है | वर्ष 2018–19 के मुकाबले वर्ष 2019 – 20 में यूरिया के उत्पादन में 111.72 लाख मीट्रिक टन कम कर दिया गया है | इसका असर भी इस खरीफ तथा रबी मौसम में देखने को मिला है |
इस तरह वर्ष 2018–19 में डी.ए.पी. का उत्पादन 38.99 लाख मीट्रिक टन था तो वहीं वर्ष 2019–20 में यह घटकर 25.52 मीट्रिक टन हो गया है | मिश्रित उर्वरक का उत्पादन भी वर्ष 2018–19 के मुकाबले कम हुआ है | जहाँ वर्ष 2018 – 19 में मिश्रित उर्वरक का उत्पादन 89.98 लाख मीट्रिक तन हुआ है वहीँ वर्ष 2019 – 20 में 51.42 लाख मीट्रिक टन ही उत्पादन किया गया है |
भारत सरकार ने उर्वरक का उत्पादन के साथ ही आयत को कम कर दिया है | जिससे किसानों को उर्वरक के जरूरत से कम मिल रहा है | ऐसे में देखना यह होगा की जब पिछले वर्ष उर्वरक पर सब्सिडी बढाई गई थी तो उत्पादन भी कम कर दिया गया था, लेकिन इस वर्ष सब्सिडी कम करने के बाबजूद भी सरकार ने उत्पादन बढ़ाने की लक्ष्य रखा है |
Chitrakoot karwi
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