गाजर घास खरपतवार को किस प्रकार नष्ट करें
खरपतवार प्राचीन काल से ही मनुष्य के लिये समस्या बने हुये हैं, खेतों में उगने पर यह फसल की पैदावार व गुणवता पर विपरीत असर डालते हैं | मनुष्य के स्वास्थ्य पर भी यह बहुत बुरा असर डालते हैं और कई खरपतवारों की वजह से (जैसे गाजर घास) मनुष्य को कई घातक बिमारियों का सामना करना पड़ता हैं |
गाजर घास बहुत ही खतरनाक खरपतवार हैं | इसका वैज्ञानिक नाम पारथेनियम हिस्ट्रोफोरस है, इसको कई अन्य नामों से भी जाना जाता हैं जैसे काग्रेंस घास, सफेद टोपी, छंतक चांदनी आदि |
रोकथाम
- रपतवारों के प्रवेश एवं उनके फैलाव को रोकने हेतु सख्त कानुन बनाये गये हैं उनका सख्ती से पालन करना चाहिए व दण्ड का प्रवधान भी रखना चाहिये |
- इस खरपतवार को फूल आने से पहले उखाड़ कर जला देना चाहिये ताकि इसके बीज न बन पायें व न ही फैल पायें | खरपतवार को उखाड़ते समय दस्तानों व सुरक्षात्मक कपड़ों का प्रयोग करना चाहिये | सामूहिक तौर पर अगर हम इकट्ठे होकर इसे नष्ट करें तो पार्को और काँलोनियों को भी हम साफ रख सकते हैं |
- अनउपजाऊ भूमि पर उगी गाजर घास के ऊपर 20 प्रतिशत साधारण नमक का घोल बनाकर छिड़काव करें |
- शाकनाशियों के प्रयोग से इस खरपतवार को आसानी से खत्म किया जा सकता हैं | शाकनाशी रसायनों में ग्लाईफोसेट, 2,4-डी, मेट्रीब्युजिन, एट्राजीन, सिमेजिन, एलाक्लोर व डाइयूरान आदि प्रमुख हैं जिनसे इस घास का नियंत्रण किया जा सकता हैं | अगर घास कुल की वनस्पतियों को बचाते हुये केवल गाजर घास को ही नष्ट करना हैं तो मेट्रीब्युजिन का ही प्रयोग करना चाहिये |
- गाजर घास का नियंत्रण करने के लिये हम इसके प्राकृतिक शत्रुओं मुख्यत: कीटों, रोग के जीवाणुओं एवं वनस्पतियों का प्रयोग भी कर सकते हैं | मैक्सिकन बीटल ( जाइगोग्रामा बाईकोलोराटा ) जो इस खरपतवार को बहुत मजे से खाता है इसके ऊपर छोड़ देना चाहिए| इस कीट के लार्वा और वयस्क पत्तियों को चटकर गाजर घास को सुखाकर मार देते हैं|
- अकृषित क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धी फसलों ( केसिया सिरेसिया, केसिया टोरा एवं टेफरोशिया परपुरिया ) को उगाकर हम इस खरपतवार को नष्ट कर सकते हैं |