देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार बागवानी फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए अधिक से अधिक किसानों को प्रोत्साहित किया जा सके इसके लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इस कड़ी में बिहार सरकार द्वारा राज्य में बागवानी महोत्सव 2025 का आयोजन पटना के गांधी मैदान में किया जा रहा है। तीन दिवसीय बागवानी महोत्सव का उद्घाटन बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने 3 जनवरी के दिन किया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि रंग-बिरंगे फल-फूल, सब्जी एवं अन्य बागवानी उत्पादों से सुसज्जित बागवानी महोत्सव 2025 कृषकों के उत्साह का गवाह है। कृषि बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जो राज्य के आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्रिया कलापों का आधार है। बिहार की अर्थव्यवस्था में बागवानी खासकर फल, फूल सब्जी, मसाला आदि की भूमिका महत्वपूर्ण साबित हो रही है।
शहद उत्पादन एवं प्रोत्साहन नीति बनाएगा कृषि विभाग
इस अवसर पर कृषि मंत्री ने एक अहम घोषणा करते हुए कहा की बिहार में शहद उत्पादन एवं प्रोत्साहन नीति कृषि विभाग शीघ्र बनाएगा। जिसे सरकार राज्यभर में बढ़ावा देगी। ख़ासकर भूमिहीन किसानों को शहद उत्पादन से जोड़ने की पहल को लेकर नीति बनायी जाएगी। भूमिहीन किसान मधुमक्खी पालन कर ख़ुद को सशक्त बनायेंगे। सूर्यमुखी, सहजन, सरसों, लीची जैसे फल फूलों के शहद का उत्पादन करने की नीति बनेगी।
बागवानी महोत्सव में बीज और पौधों की भी हो रही है बिक्री
कृषि मंत्री ने कहा कि महोत्सव में सिर्फ बागवानी उत्पादों का प्रदर्शन ही नहीं, बल्कि फल, फूल, सब्जी के बीज, बिचड़ा, पौधा, बागवानी उपकरण, मधु, मखाना, मशरूम चाय आदि की बिक्री की भी व्यवस्था की गई है। बिहार में कुल 13.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बागवानी की फसलों की खेती की जाती है, जिससे करीब 286.45 लाख मीट्रिक टन फल, फूल, सब्जी आदि बागवानी का उत्पादन होता है, जिसे आने वाले समय में और बढ़ाने का लक्ष्य है।
कृषि रोड मैप के लक्ष्य से आगे बढ़कर भी सोचने की जरूरत है। सालाना लक्ष्य निर्धारित करने की दिशा में भी हम सोच रहे हैं। हमें वर्ष 2025 में बागवानी का लक्ष्य बढ़ाकर 18 लाख हेक्टेयर 2026 में इसे बढ़ाकर 20 लाख हेक्टेयर पर ले जाने का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज राज्य के किसान पारंपरिक बागवानी फसलों के साथ-साथ उच्च बाजार मूल्य वाले एक्जोटिक फल, ड्रैगन फ्रूट्स, स्ट्रॉबेरी आदि की खेती कर रहे हैं।
किसानों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए किया गया कृषि विपणन निदेशालय
कृषि मंत्री पांडे ने कहा कि बागवानी उत्पादों का उचित भंडारण हो, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्द्धन हो, बाजार की सुलभ उपलब्धता हो, कृषि विभाग इस दिशा में तीव्र गति से कार्य कर रही है। इस कड़ी में राज्य सरकार के द्वारा कृषि विभाग के अंतर्गत कृषि विपणन निदेशालय का गठन किया गया है, जिसका उद्देश्य किसानों के उत्पादों में मूल्य संवर्द्धन करवाना, किसानों को बाजार की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाना है।
बागवानी महोत्सव में सभी जिलों के करीब 1500 किसानों ने 14 हज़ार से ज़्यादा प्रदर्शों के साथ भाग लिया है। बागवानी महोत्सव में लगभग 60 स्टाल लगाये गए हैं जहाँ से दर्शक बंधु मनपसंद फल, फूल सब्जी के बीज/बिचड़ा, पौधा, गमला, मधु, मखाना, मशरूम आदि भी खरीद सकते हैं।
किसान नवीनतम तकनीक से होंगे रूबरू
कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस महोत्सव के आयोजन का मुख्य उद्देश्य बाजारोन्मुख बागवानी उत्पादों के गुणवत्ता युक्त उत्पादन हेतु कृषकों के बीच स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा बढ़ाना है। वहीं बागवानी के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकी उपकरण से रूबरू कराना तथा किसानों को उनके उत्पादों का सही मूल्य प्राप्त हो, इसके लिए निर्यात प्रोत्साहन हेतु कृषकों एवं व्यापारियों को एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराना है।