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शनिवार, अप्रैल 20, 2024
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पशुओं के इलाज लिए शुरू किया गया हेल्पलाइन नंबर, अब किसानों को घर बैठे मिलेंगी यह सुविधाएँ

पशुओं के ईलाज के लिए हेल्पलाइन नंबर 

देश में पशुपालन किसानों की आय का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है। ऐसे में सरकार द्वारा पशुपालकों के लिए कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिसमें पशुओं का टीकाकरण, नस्ल सुधार एवं पशु स्वास्थ्य आदि शामिल है। इस कड़ी में केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री पुरषोत्तम रूपाला ने तिरुवनंतपुरम में 29 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों और केंद्रीकृत कॉल सेंटर का उद्घाटन किया, जिससे पशुपालक किसानों को काफी लाभ होगा।

प्रत्येक एमवीयू में एक योग्य पशु चिकित्सक और एक पशुमित्र होगा जो पशुधन किसानों को विशेष सेवाएं प्रदान करेगा। एमवीयू दूर-दराज के इलाकों में किसानों एवं पशुधन मालिकों को उनके घर पर रोग निदान उपचार, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, मामूली शल्य चिकित्सा मध्यवर्तन, ऑडियो-विज़ुअल सहायता और सेवाएं प्रदान करेंगे।

हेल्पलाइन नम्बर पर मिलेगी इलाज की सुविधा

इन एमवीयू को यूनिफार्म हेल्पलाइन नंबर 1962 के साथ एक केंद्रीकृत कॉल सेंटर द्वारा संचालित किया जाएगा। इनमें पशुपालक/पशुधन मालिकों से कॉल प्राप्त किए जाएंगे और पशु चिकित्सक आपातकालीन स्थिति के आधार पर मामलों की प्राथमिकता तय करेंगे और उन्हें किसान के घर तक पहुंचने के लिए निकटतम एमवीयू में भेजेंगे।

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केरल के विभिन्न जिलों में 50 एमवीयू खोला जा रहा है। 1962 डायल करके पूर्ण रूप से सुसज्जित पशु चिकित्सा सुविधाएं सिर्फ एक कॉल की दूरी पर उपलब्ध होंगी। ये वाहन रोग निदान उपचार, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, मामूली शल्य चिकित्सा मध्यवर्तन, ऑडियो-विज़ुअल सहायता और आवश्यक दवाओं से लैस होंगे।

1 लाख पशुओं की आबादी पर दी जाएगी 1 एमवीयू

पशु चिकित्सा अस्पतालों और औषधालयों की स्थापना और सुदृढ़ीकरण – मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयां (ईएसवीएचडी-एमवीयू), पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण (एलएच एंड डीसी) योजना के अंतर्गत एक घटक है जो राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 1 लाख पशुधन आबादी पर 1 एमवीयू प्रदान करते हुए पशुधन किसानों को उनके घर पर पशु चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाओं की डिलीवरी के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

इन एमवीयू में पशु चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए एक पशु चिकित्सक, एक पशुमित्र और एक चालक-सह-परिचर होगा। 2021-22 में, केंद्र सरकार द्वारा 4,332 एमवीयू की खरीद के लिए 33 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 681.57 करोड़ रुपया जारी किया गया है।

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