17 मार्च के दिन हरियाणा सरकार ने विधान सभा में अपना बजट पेश कर दिया है। सरकार की और से यह बजट मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पेश किया। सरकार ने इस वर्ष बजट में किसानों के लिए अपना खजाना खोल दिया है। बजट में किसानों के लिए कई घोषणाएँ की है साथ ही कृषि, पशुपालन, उद्यानिकी, मछली पालन के साथ ही सहकारिता क्षेत्र के बजट में बढ़ोतरी की है।
बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि कृषि विभाग की सभी योजनाओं के प्रस्तावों के लिए वर्ष 2024-25 के संशोधित बजट अनुमान की तुलना में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की आवंटित राशि को 19.2 प्रतिशत बढ़कर 4229.29 करोड़ रुपये, बागवानी विभाग की आवंटित राशि को 95.50 प्रतिशत से बढ़ाकर 1068.89 करोड़ रुपये, पशुपालन विभाग को 50.9 प्रतिशत बढ़ाकर 2083 करोड़ रुपये, मत्स्य विभाग की राशि को 144.40 प्रतिशत से बढ़ाकर 218.76 करोड़ रुपये एवं सहकारिता विभाग की राशि को 58.80 प्रतिशत बढ़ाकर 1254.97 करोड़ रुपये किया गया है।
बजट में किसानों के लिए की गई प्रमुख घोषणाएँ
इस बार के बजट में मुख्यमंत्री ने कई योजनाओं में किसानों को दी जाने वाली सहायता राशि में वृद्धि की है वहीं बजट में महिला किसानों का भी ध्यान रखा गया है। बजट में किसानों के लिए इस वर्ष कई नई योजनाओं की शुरुआत करने का भी प्रावधान किया गया है।
इन नई योजनाओं को किया जाएगा शुरू
- किसानों को नकली बीज, कीटनाशक, खाद बेचने वालों के चंगुल से बचाने के लिए सरकार इस साल नया बिल लायेगी।
- सहकारी समिति के रूप में पंजीकृत कृषक उत्पादक संगठनों को भी कंपनी के रूम में पंजीकृत एफपीओ की तरह योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए सरकार नई बागवानी नीति लाएगी। जिसमें मूल्य संवर्द्धन, भंडारण, प्रौद्योगिकी, मार्केटिंग, प्राकृतिक व जैविक बागवानी को दोनों प्रकार के एफपीओ के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाएगा।
- बागवानी, पशुपालन एवं मत्स्य पालन के लिए महिलाओं को दिया जाएगा 1 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त लोन।
- गोबर खाद के लिए बनाई जाएगी नई नीति।
- मोरनी क्षेत्र के किसानों के लिए लाई जाएगी नई योजना।
- बकरी और भेड़ की उच्च नस्लों जैसे की बीटल, सिरोही, मुंजल आदि राज्य के किसानों को उपलब्ध कराने के लिए शुरू की जाएगी नई योजना।
सरकार ने इन योजना के तहत बढ़ाई अनुदान राशि
- प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को गाय पालन के लिए मिलेगा 30,000 रुपये का अनुदान। अब 1 एकड़ क्षेत्र में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को भी योजना का लाभ दिया जाएगा। पहले योजना के तहत 2 एकड़ क्षेत्र में खेती करने वाले किसानों को ही 25,000 रुपये का अनुदान दिया जाता था।
- धान की खेती छोड़ने वाले किसानों को अब दिया जाएगा 8,000 रुपये प्रति एकड़ का अनुदान। अभी मिलता है 7,000 रुपये का अनुदान।
- धान की सीधी बुआई के लिए मिलेगा 4500 रुपए प्रति एकड़ का अनुदान। अभी मिलता है 4000 रुपये प्रति एकड़ का अनुदान।
- धान की पराली प्रबंधन के लिए मिलेगा 1200 रुपये प्रति एकड़ का अनुदान। अभी मिलता है 1000 रुपये प्रति एकड़ का अनुदान।
- पशुधन बीमा योजना के तहत किसान अब करा सकेंगे 5 पशुओं का बीमा। अभी योजना के तहत अधिकतम 5 पशुओं का ही होता है बीमा।