हरी खाद के लिए उपयोगी फसलें
रासायनिक खादों के अधिक उपयोग एवं अधिक समय तक खेत में फासले लेने से खेत की मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बहुत अधिक नुकसान होता है ऐसे में इनकी क्षतिपूर्ति हेतु व् मिट्टी की ऊपजाऊ शक्ति को बनाये रखने के लिए हरी खाद एक उत्तम विकल्प है | बिना गले-सड़े हरे पौधे (दलहनी एवं अन्य फसलों) को जब मृदा की नत्रजन या जीवांश की मात्रा बढ़ाने के लिए खेत में दबाया जाता है तो इस क्रिया को हरी खाद देना कहते है |
हरी खाद से होने वाले फायदे
- कम समय में अधिक मात्रा में वायुमंडलीय नत्रजन का स्थिरीकरण करती हो |
- खरपतवारों को दबाते हुए जल्दी बढ़त प्राप्त करें तथा विपरीत परिस्थतियों में उगने की क्षमता हो |
- न्यूनतम सिंचाई, कम से कम पादप संरक्षण |
- उगाने में खर्च बहुत कम आता है एवं लाभ अधिक होता है |
हरी खाद के लिए किस फसल को कब लगायें
फसल | उगाई का समय | बीज दर (कि.ग्रा.) | जीवांश की मात्रा | नत्रजन की मात्रा (प्रतिशत) |
खरीफ फसलों हेतु | ||||
सनई की खेती | अप्रैल-जुलाई | 80-100 | 18-28 | 0.43 |
ढैंचा की खेती | अप्रैल-जुलाई | 80-100 | 20-25 | 0.42 |
अप्रैल-जुलाई | 45-55 | 15-18 | 0.49 | |
उड़द की खेती | जून -जुलाई | 20-22 | 10-12 | 0.41 |
जून -जुलाई | 20-22 | 8-10 | 0.48 | |
ज्वार की खेती | अप्रैल-जुलाई | 30-40 | 20-25 | 0.34 |
रबी फसलों हेतु | ||||
सैंजी की खेती | अक्टूबर-दिसम्बर | 25-30 | 25-30 | 0.51 |
बरसीम की खेती | अक्टूबर-दिसम्बर | 20-30 | 15-18 | 0.43 |
मटर की खेती | अक्टूबर-दिसम्बर | 80-100 | 20-22 | 0.36 |