back to top
28.6 C
Bhopal
शनिवार, दिसम्बर 7, 2024
होमविशेषज्ञ सलाहउत्तम हरा चारा जई का उत्पादन कैसे करें 

उत्तम हरा चारा जई का उत्पादन कैसे करें 

उत्तम हरा चारा जई का उत्पादन कैसे करें 

उत्तम हरा चारा

रबी के मौसम का एक गैर दलहनी पौष्टिक हरा चारा है | दूध देने वाले पशुओं के लिए भी बहुत लाभदायक है | पशुओं को भरपेट खिलाई जा सकती हैं | खरीफ में खली छोड़े गये खेत में बोने से इसकी उपज अधिक होती हैं | मटर, बरसीम, लुसर्न, सेंजी आदि के साथ भी बोई जा सकती हैं | इसमें उपज भी अधिक होती है और चारा भी पौष्टिक होता है | जरूरत से अधिक चारे का “इलेज” या “हे” भी बनाया जा सकता हैं | अक्टूबर के आरम्भ में बोने से इसकी फसल दो बार काटी  सकती हैं |

भूमि :-

दोमट भूमि, जिससे पानी का निकास ठीक हो, बहुत उपयुक्त हैं | वैसे इसकी खेती बलुई दोमट से मटियारी दोमट मिटटी में की जा सकती हैं |

भूमि की तैयारी :-

खरीफ में खाली छोड़े गये खेत को एक बार मिटटी पलटने वाले हल से जोतकर , देशी हल से 3 – 4 जुताई करके पाटा लगा देना चाहिए ताकि खेत में ढेलेव जड़ें आदि न रहें |

खाद एवं उर्वरक  :-

60 की.ग्रा. नत्रजन और 40 फास्फोरस प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में छिड़काव कर आखिरी जुताई करते समय मिट्टी में अच्छी प्रकार से मिला देना चाहिए | 20 की.ग्रा. नत्रजन दो बार बराबर मात्रा में पहले बुआई के 20 -25 दिन बाद छिडक कर सिंचाई कर देना चाहिए तथा दूसरी बार चारे को पहली कटाई के बाद डालना चाहिए |

यह भी पढ़ें:  गर्मियों के मौसम में किसान इस तरह करें बैंगन की खेती, मिलेगी भरपूर उपज

बोने का समय तथा ढंग :-

बुवाई अक्टूबर के प्रथम पखवाड़े से नवम्बर तक करना चाहिये इसे विलम्ब से दिसंबर तक बोया जा सकता है | बीज 20 सेंटीमीटर तक दूरी में लाइनों में बोना चाहिये | यदि खेत में नमी कुछ कम हो तो बीज बोने के लिए बांस के पोरे का उपयोग करना चाहिए ताकि बीज उचित गहराई पर पड़े | बीज बोने के बाद पाटा लगाकर क्यारियां बना देना चाहिए |

सिंचाई :-

यदि आवश्यक हो तो एक सिंचाई खेत की तैयारी से पूर्व करना चाहिए | आगे की सिंचाई लगभग एक माह के अन्तर पर की जनि चाहिए | बुवाई के 30 दिन बाद फसल की सिंचाई आवश्यक है | सिंचाई करते समय बहुत पानी न भर देना चाहिए |

कटाई व पैदावार :-

आमतौर से जई को एक ही बार काटा जाता है परन्तु यदि खेत की उर्वरा शक्ति अच्छी है और फसल अक्टूबर में बोई गई है तो इसे दो बार भी काटा जा सकता है | जब पौधे 60 से.मी. ऊँचे 50 – 60 दिन के हो जायें तब पहली कटाई ले लनी चाहिए | पौधों की कटाई 6 – 7 से.मी. की ऊँचाई पर से करनी चाहिए |इसका चारा जनवरी से मार्च तक खिलाया जा सकता है | इसका एक कटाई से लगभग 300 से 450 किवंटल हरा चारा प्राप्त होता है तथा दो कटाई में 400 से 550 किवंटल तक ही चारा प्राप्त होता है  |

यह भी पढ़ें:  किसान इस तरह करें ग्रीष्मकालीन मूंगफली की खेती, यह हैं नई उन्नत किस्में

बीज की मात्रा तथा किस्म :-

एक हेक्टेयर भूमि के लिये 80 से 100 किलो बीज काफी होगा | चारे के लिये अच्छी प्रजाति केन्ट, फलेमिंग गोल्ड, यू.पी.ओ.94, ओ.एस.6 है |

फसल चक्र :-

  1. लोबिया – जई + सरसों – मक्के + लोबिया
  2. एम.पी. चरी + लोबिया – जई – मक्का

download app button
google news follow
whatsapp channel follow

Must Read

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

Latest News