Friday, March 24, 2023

जानें चने का बीजोपचार, बीज शोधन एवं बुआई की विधि

जानें चने का बीजोपचार, बीज शोधन एवं बुआई की विधि

बीज उपचार :-

  1. बीज जनित रोगों से बचाने हेतू बीज का उपचार करना आवश्यक है।
  2. ग्राम बेवीस्टन से उपचारित करें।
  3. बीज शोधन के पहले बीज उपचार करें जिससे कवकनाशी की परत जम जाए।

बीज शोधन :-

  1. ग्राम राइज़ोनियम कल्चर का उपयोग करें।
  2. एक किलो बीज के शोधन के लिए 5 ग्राम ट्राइकोडर्मा और फोरफोरस प्रदायी जैव उर्वरक का उपयोग करें।
  3. राइज़ोनियम जेपोनीकम के तुरन्त बने पीट कल्चर से शोधित करें।
  4. बोनी के पहले बीजों को गीला करें और कल्चर को अच्छी तरह मिला लें।
  5. राज्य की कृि¹ा वि.वि. विभागों से कल्चर प्राप्त करें।

बीज दर और बोनी :-

  1. बोनी के लिए अनुकूल समय 15 अक्टुबर से 15 नवम्बर है।
  2. देशी किस्मों के लिए बीज दर 75 से 80 किलो प्रति हेक्टेयर है।
  3. बड़े बीज या संकुल या काबुली चने किस्मों के लिए बीज दर 80 से 100 किलो प्रति हेक्टेयर है।
  4. बुआई बोने की छोटी मशीन या सीधे भी की जा सकती है।
  5. मालाबासा से भी बुआई की जा सकती है।
  6. बीजों को फैलाना नही चाहिए,इससे नुकसान होता है।
  7. पौधे से पौधे की दूरी 10 से.मी. होनी चाहिए।
  8. बीज को 8 से.मी. से गहरा नहीं बोना चाहिए।
  9. बोनी के लिए जो बीज उपयोग में लाए उनकी अंकुरण क्षमता 90 प्रतिशत होती चाहिए।
  10. कतार से कतार की दूरी 30 से.मी. होनी चाहिए।
यह भी पढ़ें   कम सिंचाई में अधिक पैदावार के लिए किसान लगाएँ गेहूं की नई विकसित किस्म DBW-296

यह भी पढ़ें: चना उत्पादन की उन्नत तकनीक

 

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