प्रधानमंत्री फसल बीमा अब हुआ स्वेच्छिक
किसानों की लगातार मांग तथा किसान संगठनों के तरफ से किये जा रहे लगातार विरोध के बाद आखिरकार केंद्र सरकार ने किसानों की मांग को मान ही लिया है | अभी तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों से पूछे बीना ही प्रीमियम काट लिए जाता था | इसको लेकर किसानों की तरफ से इसमें संशोधन करके एच्छिक करने की मांग उठ रही थी | वर्ष 2018 में केंद्र सरकार की तरफ से पहली बार यह संकेत दिए गए थे की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नियमों में सुधार किया जाएगा |
मंत्रीमंडल की बैठक में लिया गया बड़ा फैसला
कल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने फसल बीमा योजना लागू करने में वर्तमान चुनौतियों के समाधान के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) तथा पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (आरडब्ल्यूबीसीआईएस) को नया रूप देने की मंजूरी दे दी है |
मंत्रीमंडल के फैसले की जानकारी देते हुए कृषि तथा कल्याण मंत्री श्री नरेंद सिंह तोमर ने बताया है कि वर्ष 2020 के खरीफ मौसम से संसोधित नियम को लागू कर दिया जाएगा | इसके अंतर्गत किसानों को फसल का बीमा करना या नहीं करना उनके उपर निर्भर करता है |
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को स्वैक्षिक बना दिया गया है, अभी तक जो लोनी किसान होते थे उनका बीमा अनिवार्य था।
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) February 19, 2020
इस योजना के अंतर्गत उत्तर पूर्वी राज्यों के लिए प्रीमियम की हिस्सेदारी को बदलकर 90% केंद्र और 10% राज्य किया गया, जो पहले 50-50 प्रतिशत था।#Cabinet #cabinetdecisions pic.twitter.com/ii52utTmhI
किसानों को फसल बीमा हेतु कितना प्रीमियम देना होगा ?
प्रीमियम सब्सिडी में केन्द्रीय हिस्सा पूर्वोत्तर राज्यों के लिए वर्तमान 50:50 की साझा व्यवस्था से बढ़ाकर 90 प्रतिशत किया जाएगा | यह नियम पीएमएफबीवाई तथा आरडब्ल्यूबीसीआईएस दोनों के लिए लागु रहेगा | देश के शेष राज्यों में फसल बीमा के लिए प्रीमियम में कोई बदलाव की जानकारी नहीं दी गई है | इसका मतलब यह हुआ कि खरीफ फसल के लिए 2 प्रतिशत रबी फसल के लिए 1.5 प्रतिशत तथा उधानिकी और जायद फसल के लिए 5 प्रतिशत का प्रीमियम देना होगा |
यहाँ पर नियम में एक खास बदलाव यह किया गया है कि राज्य सरकारों के तरफ से फसल बीमा में दिये जाने वाले प्रीमियम के सब्सिडी में विलंब करने पर उस राज्य को बाद के सीजन में योजना को लागु करने की अनुमति नहीं दी जाएगी | खरीफ तथा रबी सीजन के लिए इस प्रावधान को लागू करने की कटआँफ तिथि क्रमिक वर्षों में क्रमश: 31 मार्च और 30 सितम्बर होगी | यह नियम पीएमएफबीवाई तथा आरडब्ल्यूबीसीआईएस दोनों के लिए लागू रहेगी |
फसल नुकसानी का आकलन कैसे किया जाएगा ?
फसल नुकसानी/अनुमति योग्य दावों के आकलन के लिए दो चरण की प्रक्रिया अपनाई जाएगी | यह प्रक्रिया परिभाषित अंतर मैट्रिक पर आधारित होगी और इसमें मौसम संकेतकों, सेटेलाइट संकेतकों आदि का इस्तेमाल प्रत्येक क्षेत्र के लिए सामान्य सीमा तथा अंतर सीमाओं के साथ किया जाएगा | पैदावार नुकसानी निर्धारण के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना केवल अंतर वाले क्षेत्र ही फसल कटाई प्रयोग (सीसीई) के अधीन होंगे |
पहले नियम क्या था ?
पहले किसान क्रेडिट कार्ड से लोन प्राप्त करने वाले किसानों से बीना पूछे योजना के नियम के अनुसार किसानों से प्रीमियम के रूप में प्रतिशत खरीफ तथा रबी के लिए पैसा जोड़ दिया जाता था | यहाँ पर यह भी नहीं देखा जाता था की किसान ने खेत में फसल बोया है या नहीं | इसको लेकर किसानों में योजना के प्रति नाराजगी बनी हुई थी तथा इस नियम को बदलने की मांग लगातार की जा रही थी |
Dhariwal kisan
जी क्या जानकारी चाहते हैं ?
All nyc
R/Sir I am submitting Aadhar number 205556353389 Bank account number 150310100000107and mobile number 9413715234 So please correction as possible as. Thanks. Onkar Singh Rajput
आपका आवेदन सही है | राज्य द्वारा रोका गया है | ब्लाक या जिले से संपर्क करें |
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R/Sir
ऐसी सरकार जो किसानों का भला नहीं करें अन्य राज्यों में अरविंद केजरीवाल जैसे सरकार की जरूरत है
जी सर |
मैंने सत्र 19 फरवरी 2019 को सब्सिडी के लिए सीड ड्रिल मशीन का आवेदन किया जो मेरे को आज दिन तक सब्सिडी नहीं मिली सरकार के प्रति भारी रोष है
किस राज्य से हैं सर | अपने जिले के कृषि विभाग में सम्पर्क करें |
मेरे को सब्सिडी नहीं मिली सीड ड्रिल मशीन पर कृपया सरकार से अनुरोध है कि मेरी कार्रवाई जल्दी करो
जी जिले में सम्पर्क करें |