बिहार सरकार इस साल नई बीज नीति लागू करने जा रही है, इससे राज्य में गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही किसानों को उचित क़ीमत पर अच्छी गुणवत्ता का बीज मिलेगा। उत्पादन भी बेहतर होगा और किसानों की आय भी बढ़ेगी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक कृषि विभाग नई बीज नीति का प्रारूप तैयार कर रहा है, इसे एक माह के अंदर अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
नई नीति में किसानों को बीज उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। बीज उत्पादन के लिए किसानों को अनुदान मिलेगा। सरकारी और निजी बीज कंपनियों को कृषि विभाग की ओर से आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध कराए जाएँगे। शर्त के साथ बीज उत्पादक के लिए कृषि विभाग माध्यम बनेगा। बीज उत्पादन के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय, डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय सहित आईसीएआर की मदद ली जाएगी।
इन फसलों के बीज उत्पादन पर दिया जाएगा जोर
योजना के अंतर्गत गेहूं, दलहन और तिलहन के बीज उत्पादन पर अधिक जोर रहेगा। इसके साथ ही संकर धान-मक्का बीज उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बीज नीति में प्रावधान किए जा रहे हैं। किसानों को आलू बीज उत्पादन के लिए प्रेरित किया जाएगा। मसूर, अरहर, मूंग, चना, मटर बीज उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। तेलहनी फसलों में सरसों, तिसी और सूरजमुखी बीज उत्पादन पर अधिक जोर रहेगा। आगामी रबी मौसम में निजी उत्पादक कंपनियों के साथ मिलकर किसानों के सहयोग से संकर बीज उत्पादन का लक्ष्य है।
बता दें कि वर्तमान में राज्य में विभिन्न फसलों के लिए लगभग 15 लाख क्विंटल बीज की ज़रूरत है। लेकिन राज्य में लगभग 3 से 4 लाख क्विंटल बीज का उत्पादन होता है। किसानों को आवश्यक बीज दूसरे राज्यों से मंगाना पड़ता है, निजी बीज कंपनियाँ महँगी दरों पर किसानों को बीज उपलब्ध कराती है। कई बार महँगी क़ीमत पर भी बीज लेने के बाद किसानों को बहुत ख़राब बीज मिलता है, जिसके चलते उत्पादन प्रभावित होता है।