आलू के प्रमाणित बीज उत्पादन पर अनुदान
फसल उत्पादन में प्रमाणित एवं उन्नत बीजों का काफी महत्त्व है, इनके प्रयोग से न केवल अधिक उत्पदान प्राप्त होता हो बल्कि कीट रोग लगने की सम्भावना भी कम होती है जिससे फसल उत्पादन में लागत कम आती है और किसानों को अधिक लाभ मिलता है | इन बातों को ध्यान में रखकर सरकार द्वारा किसानों को कम दरों पर विभिन्न फसलों के उन्नत एवं प्रमाणित बीज उपलब्ध करवाए जाते हैं | अभी उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा किसानों को आलू उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रमाणित बीज उत्पादन करने के लिए अनुदान एवं बीज उपलब्ध करवाए जा रहे हैं |
उत्तर प्रदेश के उद्यान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार ) श्री श्रीराम चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार ने आलू किसानों के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष हेतु आलू बीज वितरण / विक्रय की दरें तय कर दी हैं| निर्धारित दरों पर प्रदेश के किसान अपने जनपदीय उद्यान अधिकारी से नकद मूल्य पर बीज प्राप्त कर आलू का बीज उत्पादन कर सकते है | यह आलू बीज आधारित प्रथम, आधारित द्वितीय तथा (प्रमादित) (क्षेडी) का है इससे आगामी वर्षो के लिए बीज तैयार किया जा सकता है इस प्रकार उत्तर प्रदेश में आलू के (गुद्वात्ता) युक्त बीज की कमी की पूर्ति आसानी से हो सकेगी | उन्होंने कहा कि राज्य के आलू कृषक अपने जिले के उद्यान अधिकारी से मिलकर सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर आलू बीज प्राप्त करके अपने निजी (प्र्खेत्रों) पर बीज उत्पादन कर सकते हैं |
किसान इन दरों पर प्राप्त करें आलू की उन्नत किस्में
उद्यान राज्यमंत्री के अनुसार सफ़ेद एंव लाल आलू बीज प्रजातियों की विक्रीय दरें एक समान रखी गयी हैं | आधारित प्रथम आलू बीज प्रस्तावित दर 3150 रु० प्रति कुन्तल, आधारित द्वितीय आलू बीज की दर 2675 रु० प्रति कुन्तल, ओवर साइज़ (आधारित प्रथम) की दर 2455 रु० प्रति कुन्तल, ओवरसाइज़ (आधारित द्वितीय ) की दर 2395 रु० प्रति कुन्तल, सीड साइज़ (ट्रूथफुल) आलू बीज की प्रस्तावित विक्रय दर 2280 रु० प्रति कुन्तल रखी गयी हैं |
प्रमाणीकरण टैगिंग करवाने पर 25 हजार रूपये की दर से अनुदान
प्रसंस्कृत प्रजातियों ले लिये उत्तर प्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था से पंजीकरण के उपरान्त आलू बीज उत्पादन की टैगिंग कराने पर किसानों को 25 हजार रु० प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान देने की व्यवस्था भी राज्य सरकार द्वारा की गयी है | आलू की प्रसंस्कृत प्रजातियां मुख्य रूप से कुफरी, चिपसोना -1, 3 एंव 4 तथा कुफरी सूर्य आदि हैं |
उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानों को नकद मूल्य पर आधारित प्रथम, द्वितीय तथा प्रमाणित आलू बीज उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है | इस बीज से किसान गुणवत्ता युक्त बीज का उत्पादन कर अपनी उत्पादकता में वृद्धि कर सकतें है | उन्होंने किसानों को इस बीज का उपयोग केवल बीज उत्पादन के लिये करने की सलाह दी है | उन्होंने कहा की इस बीज की गुणवत्ता बहुत अच्छी है |
उत्तर प्रदेश में लगभग 6.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की बुवाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके लिए 20-21 लाख मी०टन आलू बीज की आवश्यकता होती है | उद्यान विभाग लगभग 40 हजार कुन्तल आधारित श्रेणी का आलू बीज किसानों में बीज उत्पादन के लिए वितरित करता है, जिससे किसानों द्वारा अग्रेतर श्रेणी का बीज उत्पादन करके प्रदेश में गुणवत्ता युक्त बीज की कमी को पूरा करने में सहभागी हो सकते है | इससे लाभ यह होगा की गुणवत्ता युक्त प्रमाणित आलू बीज से प्रदेश के आलू उत्पादन में अच्छी वृद्धि होगी |
आलू बीज उत्पादन पर अनुदान हेतु किसान कहाँ आवेदन करें
राज्य के इच्छुक किसान जिला उद्यानिकी कार्यालय में प्रभारी से आवेदन लेकर आवश्यक प्रपत्रों के साथ ऑनलाइन पंजीकरण का प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, खतौनी की प्रति, फोटो के साथ जमा करें | किसानों को आलू बीज उत्पदान कार्यक्रम के लिए उत्तर प्रदेश बीज प्रमाणीकरण संस्था क्षेत्रीय कार्याला में नियमानुसार पंजीकरण एवं परिक्षण शुल्क जमा करना अनिवार्य है | जिसकी धनराशी आलू बीज की प्राप्ति के समय जमा करनी होगी | किसानों को कृषि विभाग की वेबसाइट www.upagriculture.com पर उद्यान एवं फल-सब्जियों के विकल्प में शाक-भाजी एवं मसाला बीज उत्पादन कार्यक्रम में पंजीकरण किसी भी साइबर कैफ़े, जन सुविधा केंद्र, कृषि विभाग, उद्यान विभाग में जाकर करवा सकते हैं |
Yes