इस वर्ष अभी तक कई राज्यों में सामान्य से कम वर्षा हुई है, जिसके चलते किसानों को खरीफ फसलों की सिंचाई ट्यूबवेल से करना पड़ रहा है। जिससे खरीफ फसलों की लागत में इजाफा होगा। जिसको देखते हुए हरियाणा सरकार ने राज्य में किसानों को राहत देते हुए खरीफ फसलों सहित बागवानी फसलों पर 2000 रुपये प्रति एकड़ की दर से बोनस देने का निर्णय लिया है। किसानों को दिए जाने वाले एक मुश्त बोनस पर सरकार का 1300 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
बता दें कि इस बार हरियाणा में 4 जून से 29 जुलाई तक 87 मिलीमीटर ही बारिश हुई है और किसान को ट्यूबवेल व अन्य संसाधनों पर खर्च अधिक करना पड़ रहा है। फसल उत्पादन के लिए हुए अतिरिक्त खर्च के कारण फसलों की लागत भी बढ़ी है। इसलिए सरकार ने किसानों के हित में यह बड़ा फैसला लिया है।
फल-फूल और अन्य फ़सलों के लिए भी दिया जाएगा बोनस
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि वे एक गरीब किसान के बेटे हैं और किसान की पीड़ा को बखूबी समझते हैं। खरीफ फसल सीजन में हमारे अन्नदाता को कई प्रकार की कठिनाई से जूझना पड़ा है। सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी खरीफ फसलों के साथ-साथ फल, फूल व अन्य फसलों पर भी प्रति एकड़ 2000 रुपये बोनस दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं जो छोटे किसान हैं, जिनके पास एकड़ से कम जमीन है उन्हें भी 2000 रुपये बोनस दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील की है कि जो किसान अब तक मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपनी फसल का रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाए हैं, वे 15 अगस्त 2024 तक फसल का रजिस्ट्रेशन अवश्य करवा लें। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी मई में 48.6 मिलीमीटर, जून में 86.6 और जुलाई में 265 मिलीलीटर बारिश हुई थी और इस बार उससे कम बारिश हुई है। अन्नदाता के हित में मंत्रिमंडल की बैठक में सर्वसम्मति से बोनस देने का निर्णय लिया गया है। इससे पहले भी हुई मंत्रिमंडल की बैठक में अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे आबियाना को खत्म किया था।