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गुरूवार, मार्च 28, 2024
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पाम की खेती के लिए सरकार किसानों देगी 29 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान

अनुदान पर पाम की खेती

देश को खाद्य तेल में आत्म निर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार लगतार प्रयास कर रही है | खरीफ मौसम में दलहन तथा तिलहन की पैदावार बढ़ाने के लिए वर्ष 2021–22 में 13.51 लाख के उच्च उत्पादन वाले बीज किट का वितरण किया गया है | यह सभी किट देश के अलग–अलग राज्यों के चयनित जिलों के किसानों को नि:शुल्क दिए गए हैं | देश में मौजूदा समय में सभी खाद्य तेलों का उत्पादन 36.56 मिलियन टन का है | तिलहन के दुसरे क्षेत्रों में भी भारत सरकार प्रयास कर रही है | विदेशों से आने वाले खाद्य तेलों में सबसे बड़ा हिस्सा पाम आयल का है |

देश में प्रति वर्ष लगभग 10 बिलियन डालर का तेल का आयात होता है, इसमें सबसे बड़ा हिस्सा पाम ऑयल का है | इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने पाम ऑयल का उत्पादन बढ़ाने जा रही है | इसके लिए केंद्र सरकार ने एक नई योजना “राष्ट्रीय खाद्य तेल–पाम ऑयल मिशन” (एनएमईओ-ओपी) की शुरुआत की है | इस योजना के तहत 11,040 करोड़ रूपये खर्च करने का निर्णय लिया है | इस योजना से जहाँ पाम आयल के क्षेत्र में भारत आत्म निर्भर बनेगा वहीँ इस क्षेत्र में पूंजी निवेश के साथ ही रोजगार बढ़ेगा |

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पाम ऑयल योजना पर खर्च किये जायंगे 11,040 करोड़ रूपये

राष्ट्रीय खाद्य तेल पाम ऑयल मिशन (एनएमईओ-ओपी) योजना के तहत अगले 4 वर्षों में 11,040 रुपया खर्च किये जाने का लक्ष्य रखा गया है | इसके तहत केंद्र सरकार 8,844 करोड़ रुपये का वहन करेगी , वहीँ 2,196 करोड़ रुपया राज्यों को वहन करना होगा |

पाम ऑयल का रकबा कितना बढ़ेगा ?

केंद्र सरकार ने अगले 4 वर्षों में आज के तुलना में लगभग 40 प्रतिशत खेती का रकबा बढ़ाने का लक्ष्य रखा है | मौजूदा समय में पाम ऑयल का रकबा 6.5 लाख हेक्टेयर हैं जिसे वर्ष 2025– 26 तक बढ़कर 10 लाख हेक्टेयर करने का है | उत्पादन के क्षेत्र में कच्चे पाम ऑयल (सीपीओ) की पैदावार 2025–26 तक 11.20 लाख टन तथा अगले 4 चार वर्ष 2029–30 तक 28 लाख टन तक पहुँच जाएगी |

पाम ऑयल की खेती करने वाले किसानों को दिया जायेगा 29 हजार रुपये का अनुदान

मिशन पाम ऑयल के लिए ताड़ के पेड़ों की बुवाई करने के लिए सरकार ने इस योजना के तहत सहायता राशि को बढ़ा दिया है | जहाँ पहले किसानों को प्रति हेक्टेयर 12 हजार रूपये दिये जाते थे अब उसे बढाकर 29 हजार रुपये कर दिया गया है | इसके साथ ही पुराने पेड़ों की देखभाल तथा जीणोद्धार करने के लिए 250 रुपये प्रति पेड़ दिया जाएगा |

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इसके अलावा जो किसान या नर्सरी पाम ऑयल के पेड़ों के लिए बीज से नर्सरी तैयार करेगा उसे भी सहायता राशि दी जाएगी | यह सहायता राशि 15 हेक्टेयर के लिए 80 लाख रुपये है | जबकि पूर्वोत्तर तथा अंडमान क्षेत्रों में लिए 15 हेक्टेयर में नर्सरी तैयार करने के लिए 1 करोड़ रुपये दिए जाएंगे | इसके अलावा बीजों के बाग़ के लिए शेष भारत के लिए 40 लाख रुपये एवं अंडमान और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 50 लाख रूपये की राशि निर्धारित किया गया है |

पाम बीज के मूल्य में की जाएगी बढ़ोतरी

ऑयल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार ने उत्पादित पाम बीज पर खरीदी मूल्य को बढ़ाने का फैसला लिया है | उद्योग सीपीओ कीमत का 14.3 प्रतिशत का भुगतान करेंगे, जो 15.3 प्रतिशत तक बढ़ सकता है | पूर्वोत्तर और अंडमान में इस संबंध में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार सीपीओ की 2 प्रतिशत लागत अतिरिक्त रूप से वहन करेगी |

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