आवारा पशुओं और जंगली जानवरों से फसलों को काफी नुकसान होता है, जिसका प्रभाव किसानों की आमदनी पर पड़ता है। ऐसे में फसलों को होने वाले इस नुकसान को कम करने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार अब किसानों को खेतों में तार फेंसिंग कराने के लिए अनुदान देने जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने बागवानी फसलों की सुरक्षा के लिए किसानों बहुत बड़ी मांग को पूरा कर दिया है। अब सरकार “एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना” के अंतर्गत किसानों को तार फेंसिंग पर 50 प्रतिशत अनुदान देगी।
इस संबंध में उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि बागवानों को कम लागत में ज्यादा मुनाफा दिलाने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। इसके लिए फल, सब्जी, मसाले, फूल और औषधीय पौधों की खेती पर अनुदान के साथ ही तार फेंसिंग की अतिरिक्त सुविधा दी जाएगी।
तार फेंसिंग के लिए कितना अनुदान (Subsidy) मिलेगा?
राज्य के किसानों को एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत तार फेंसिंग के लिए अनुदान दिया जाएगा। योजना के तहत एक रनिंग मीटर तार फेंसिंग की अनुमानित लागत 300 रुपए निर्धारित की गई है, जिसमें किसानों को 150 रुपए प्रति मीटर यानि की 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा। प्रत्येक किसान को अधिकतम 1000 मीटर तक फेंसिंग पर अनुदान मिलेगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने कुल 2.5 लाख मीटर फेंसिंग कराने का लक्ष्य तय किया है।
इस प्रयास से प्रदेश में बागवानी फसलों की रक्षा तो होगी ही, साथ ही किसानों की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी। योजना के तहत लोहे के मजबूत पोलों का उपयोग किया जाएगा, जिनके बीच 10 फुट की दूरी रखी जाएगी। इन पोलों के बीच 4 क्षेतिज तारों से बाड़बंदी की जाएगी। जिससे किसानों को लंबे समय तक अपनी फसलों को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।
तार फेंसिंग पर अनुदान के लिए आवेदन कहाँ करें?
किसानों को अनुदान पर तार फेंसिंग योजना का लाभ लेने के लिए उद्यानिकी विभाग के डीबीटी पोर्टल पर पंजीयन कराना होगा। किसान यह पंजीयन विभागीय पोर्टल http://dbt.uphorticulture.in पर कर सकते हैं। पंजीयन के लिए किसानों के पास आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, खसरा खतौनी, बैंक पासबुक आदि होना आवश्यक है। योजना का लाभ किसानों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा।


