किसानों को फल और सब्ज़ियों जैसे नश्वर उत्पादों के अच्छे भाव मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा इनके भंडारण के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में नये कोल्ड स्टोरेज खोलने के लिए सरकार किसानों को हर तरह की सुविधा देगी। इसके लिए सिंगल विंडो सिस्टम से कोल्ड स्टोरेज के लिए लाइसेंस की व्यवस्था कराने के सभी संबंधित विभागों साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा।
इस कड़ी में उन्होंने कहा कि अभी राज्य के 12 जिलों में एक भी कोल्ड स्टोरेज नहीं है। ऐसे में कोल्ड स्टोरेज खोलने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है। कृषि भवन में कोल्ड स्टोरेज मालिकों के साथ परिचर्चा में उन्होंने भरोसा दिया कि सभी प्रकार की समस्या को दूर किया जाएगा।
अभी इन जिलों में नहीं है कोल्ड स्टोरेज
कृषि मंत्री ने बैठक में कहा कि अभी राज्य में 202 कोल्ड स्टोरेज कार्यरत हैं। इसकी कुल भंडारण क्षमता 12,30,176 मिट्रिक टन है। 12 जिलों जिनमें मधुबनी, नवादा, औरंगाबाद, बाँका, सहरसा, जमुई, मुंगेर, जहानाबाद, लख़ीसराय, शेखपुरा, अरवल और शिवहर शामिल है, में एक भी कोल्ड स्टोरेज नहीं है। सरकार का प्रयास है कि अधिक से अधिक स्थानों पर कोल्ड स्टोरेज स्थापित हो। किसानों को अधिक उत्पादकता वाले आलू बीज उपलब्ध कराया जायेगा।
कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि कोल्ड स्टोरेज में अब जीरा, चना सहित अन्य दलहन भी रखे जा रहे हैं। फसल फल और सब्जियों के भंडारण की सुविधा भी बढ़ी है। केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र के डॉ. आरके सिंह ने कहा कि उन्नत किस्म के आलू बीज किसानों को उपलब्ध कराया जायेगा। कोल्ड स्टोरेज संघ के दीपक चौरसिया ने कहा कि बिजली बिल अधिक आने से कोल्ड स्टोरेज चलाना मुश्किल है।