मध्य प्रदेश बजट 2023-24: कृषि, बागवानी एवं पशुपालन के लिए सरकार ने किए यह प्रावधान

कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्र के लिए बजट 2023-24 मध्य प्रदेश

1 मार्च 2023 के दिन मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य का बजट पेश कर दिया है। यह बजट मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा के द्वारा पेश किया गया। बजट में महिला, यूथ और किसानों पर फोकस किया गया है। मध्य प्रदेश सरकार ने बजट 2023-2024 में 3 लाख 14 हजार 25 करोड़ रुपए का रखा है। जबकि पिछले साल 2022-23 में बजट 2 लाख 79 हजार 697 करोड़ रुपए का था। 

मध्य प्रदेश सरकार ने अपने बजट में किसानों के लिए अपना ख़ज़ाना खोल दिया है, सरकार ने वर्ष 2023-24 के लिए कृषि बजट 53,964 करोड़ रुपए का रखा है।  इस वर्ष पहले से चली आ रही योजनाओं को तो आगे जारी रखा ही है साथ ही कई नई योजनाओं की घोषणा भी इस बजट में की है। बजट 2023-2024  कृषि, पशुपालन बागवानी एवं सहकारिता क्षेत्र की योजनाओं के लिए इस प्रकार है:-

बजट में कृषि क्षेत्र की इन मुख्य योजनाओं के लिए किए गए प्रावधान

  • सरकार ने इस वर्ष बजट में अटल कृषि ज्योति योजना हेतु 5,510 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। योजना के अंतर्गत कृषि पम्प के बिजली कनेक्शन पर सरकार द्वारा किसानों को सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है, ताकि किसानों को सस्ती बिजली मिल सके।
  • किसान कल्याण योजना हेतु 3200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। योजना के अंतर्गत राज्य के प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी कृषकों को राज्य सरकार द्वारा 4,000 रुपए की राशि दो किस्तों में दी जाती है।
  • प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना हेतु सरकार ने इस वर्ष के लिए 2001 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। योजना के तहत किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई की जाती है।
  • सरकार ने मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना हेतु 1000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
  • ऋण माफी योजना के पात्र डिफाल्टर कृषकों की ब्याज माफी समाधान योजना हेतु 350 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। 
  • राष्ट्रीय कृषि विकास योजना हेतु 270 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में किया गया है।
  • सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन (आत्मा) हेतु 152 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
  • किसानों को ट्रैक्टर एवं अन्य कृषि यंत्रों पर सब्सिडी उपलब्ध कराने के लिए चलाई जा रही योजना SMAM हेतु 129 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
  • मोटे अनाज कोदो, कुटकी, रागी, साँवा, ज्वार, बाजरा आदि फसलों की उत्पादकता में वृद्धि एवं मूल्य संवर्धन को बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश राज्य मिलेट मिशन शुरू किया जाएगा।
  • सहकारी बैंक के माध्यम से किसानों को अल्पकालीन ऋण पर ब्याज अनुदान हेतु 600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

पशुपालन की प्रमुख योजना के लिए बजट में किए गए प्रावधान

  • विशेष पिछड़ी जनजातियों, विशेषकर बैगा, सहरिया एवं भरिया को मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम के अंतर्गत दो दुधारू पशु उपलब्ध कराए जाएँगे। हितग्राही को मात्र 10 प्रतिशत अंश ही देना होगा। 
  • सरकार गहन पशु विकास परियोजना हेतु 845 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
  • मुख्यमंत्री पशु पालन विकास योजना हेतु 150 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

उद्यानिकी विभाग प्रमुख योजना के लिए बजट में किए गए प्रावधान

किसानों की आय में वृद्धि करने में उद्यानिकी का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है। प्रदेश में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण हेतु 3 हजार 769 सूक्ष्म खाद्य स्थापित किया जाना है। जिसके विरुद्ध 1 हजार 150 इकाइयों की स्वीकृति जारी की जा चुकी है तथा 350 इकाइयाँ स्थापित की जा चुकी है। फूलों की खेती करने वाले किसानों को अपनी फसल सुरक्षित रखने तथा विपणन की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए भोपाल में वेंटिलेटेड फ़्लॉवर डोम स्थापना की जाएगी।

  • संचालनालय एवं अधीनस्थ कार्यालय हेतु 132 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
  • पौधशाला उद्यान हेतु 113 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

कर्ज माफी की इंतजार कर रहे किसानों को मध्य प्रदेश सरकार ने बजट में दिया तोहफ़ा

कृषि ऋण के लिए सरकार ने बजट में किए यह प्रावधान

मध्य प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपना बजट पेश कर दिया है। सरकार की तरफ़ से यह बजट वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 1 मार्च के दिन पेश किया है। सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए बजट 3 लाख 14 हजार 25 करोड़ रुपए का रखा गया है। इसमें कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्र के लिए सरकार ने 53 हजार 964 करोड़ रुपए का बजट रखा है, जो वित्त वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान से 804 करोड़ रुपए अधिक है।

चुनावी वर्ष होने के चलते सरकार ने इस वर्ष बजट में अपना ख़ज़ाना खोल दिया है। बजट में महिला, यूथ और किसानों पर फोकस किया गया है। वहीं किसान क़र्ज़ माफी का इंतजार कर रहे किसानों के लिए भी सरकार ने अपने बजट में बड़ा ऐलान किया है। 

किसानों को ब्याज भरेगी सरकार

मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के ऐसे किसान जो सहकारी संस्था से लिए गए ऋणों की माफी के इंतजार में बकायादार हो गए हैं एवं खाद बीज की सुविधा से वंचित हो गए हैं, उन किसानों की बकाया राशि पर लगे ब्याज की राशि सरकार ने भरने की घोषणा अपने बजट में की है। इसके साथ ही सहकारी संस्था में पूर्व से डिफाल्टर किसानों के ऋण पर ब्याज की राशि भी सरकार द्वारा वहन की जाएगी। बजट में ऋण माफी योजना के पात्र डिफाल्टर कृषकों की ब्याज माफी समाधान योजना हेतु 350 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। 

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि इस व्यवस्था से सहकारी संस्था के माध्यम से प्रदेश के सभी किसान कृषि कार्यों के लिए शून्य ब्याज दर पर ऋण लेकर कृषि उत्पादन से अपनी आय में वृद्धि कर सकेंगे। इस उद्देश्य से वर्ष 2022-23 एवं 2022-24 में कुल 2500 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में किया गया है।

इन किसानों को मिलेगा लाभ

वर्ष 2018-19 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने राज्य में किसानों के 2 लाख रुपए तक के ऋण माफ करने की घोषणा कि थी, जिसे तीन चरणों में पूरा किया जाना था परंतु इस बीच कांग्रेस सरकार गिर गई और किसानों की कर्ज माफी का कार्य अधूरा रह गया था। इस दौरान राज्य के कई किसान कृषि ऋण माफी का इंतजार करते रहे है और ब्याज बढ़ने से डिफाल्टर हो गए। अब सरकार ऐसे किसानों का ब्याज जमा करेगी, जिससे डिफाल्टर किसान एक बार फिर से सहकारी बैंक से बिना किसी ब्याज के ऋण ले सकेंगे।

बिहार सरकार ने पेश किया बजट, जानिए किसानों के लिए क्या खास है इस बजट में

कृषि बजट बिहार 2023-24

केंद्र सरकार के बाद अब राज्य सरकारों के द्वारा भी बजट पेश किए जा रहे हैं, इस कड़ी में मंगलवार, 28 फरवरी के दिन बिहार के वित्त मंत्री श्री विजय चौधरी ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए राज्य का बजट पेश किया। बजट के आकार में पिछले साल की तुलना में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है, इस वर्ष सरकार ने 2 लाख 61 हजार 885 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। राज्य सरकार का फ़ोकस बजट में युवाओं को नौकरी और रोजगार, सात निश्चय एवं चतुर्थ कृषि रोड मैप पर रहा।

बिहार सरकार ने अपने बजट में चौथे कृषि रोड मैप को शुरू करने की घोषणा की है, इसके साथ ही मोटे अनाजों का उत्पादन बढ़ाने के लिए मिलेट मिशन, दालों एवं तेल उत्पादन बढ़ाने के लिए दलहन एवं तिलहन मिशन को शुरू करने की घोषणा की है। इसके अलावा हर खेत पानी पहुँचाने के लिए कई सिंचाई परियोजनायें शुरू की जाएँगी। बिहार सरकार ने अपने बजट में कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्र के लिए निम्न प्रावधान किए हैं:-

लागू किया जाएगा कृषि रोडमैप

बिहार सरकार कृषि क्षेत्र के त्वरित विकास के लिए वर्ष 2008 से ही हर पाँच साल में कृषि रोड मैप लागू करती आ रही है। जिसके अनुसार 31 मार्च 2023 को तृतीय कृषि रोड मैप समाप्त हो जाएगा। इसके बाद सरकार इसी वर्ष से चतुर्थ कृषि रोड मैप लागू करेगी।

  • चतुर्थ कृषि रोड मैप में दलहन, तिलहन तथा पोषक अनाज को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाएँगे।
  • पौधों को कीट रोगों से बचाने के लिए ड्रोन तकनीक के उपयोग को बढ़वा दिया जाएगा।
  • जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत फसल पद्धति में बदलाव के साथ-साथ फसल अवशेष प्रबंधन एवं पुआल का उपयोग पशु चारा के लिए करने के सम्बंध में कार्य किए जाएँगे। 
  • गैर कृषि योग्य बंजर भूमि में निम्बू घास (Lemon Grass) की खेती के लिए किसानों को आर्थिक सहायता दी जाएगी।
  • गंगा नदी किनारे अवस्थित ज़िलों में आर्गेनिक कारिडोर का विस्तार किया जाएगा।

कृषि उपज को बाजार से जोड़ा जाएगा

बिहार सरकार ने अपने बजट में कृषि विपणन को बढ़ावा देने के लिए सरकारी बाजार प्रांगणों को आधुनिक बनाकर इसके तहत नए आधारभूत संरचनाओं का विकास करने की घोषणा की है। साथ ही जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए विशिष्ट उत्पादों को बाज़ार से जोड़ा जाएगा ताकि किसानों को लागत के अनुरूप समुचित कीमत प्राप्त हो सके। 

बिहार मिलेट मिशन की शुरुआत की जाएगी

संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा वर्ष 2023 को अंतराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है, जिसको देखते हुए मिलेट फसलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार बिहार मिलेट मिशन की शुरुआत करेगी। जिसमें मडुआ, कोदो, साँवा, कौनी आदि के उत्पादन पर ज़ोर दिया जाएगा। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि मक्का उत्पादन में बिहार राज्य को दो बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुका है।

दलहन तेलहन मिशन शुरू किया जाएगा 

बिहार सरकार चतुर्थ रोड मैप में दलहन एवं तेलहन फसलों के विकास पर ज़ोर देगी। इसके लिए राज्य में दलहन एवं तेलहन विकास मिशन की स्थापना की जाएगी। इसके तहत क्षेत्रवार उपयुक्त फसलों की की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।  

हर खेत तक पहुँचाया जाएगा पानी

वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा की समुन्नत कृषि की कल्पना बिना उपयुक्त सिंचाई व्यवस्था के नहीं की जा सकती है। सिंचाई के क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता का सृजन किया जाएगा एवं सरकार हर खेत तक पानी पहुँचने के लिए संकल्पित है। इसके लिए सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में कुंडघाट जलाशय योजना के निर्माण के लिए 70 करोड़ रुपए का प्रावधान, नदी जोड़ योजना के तट कोसी मोची लिंक योजना, उत्तर कोयल नहर परियोजना के लिए 67.91 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। वही जल संसाधन विभाग के लिए इस वर्ष 200 करोड़ रुपए का प्रावधान एवं लघु जल संसाधन विभाग के लिए 340 करोड़ रुपए का प्रावधान अपने बजट में किया है।

पशुपालन एवं मछली पालन के लिए बजट में क्या है?

राज्य के पशु पालकों एवं मछली पालकों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर दुग्ध उत्पादन एवं प्रसंस्करण, मुर्गी पालन, मछली पालन आदि को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए सरकार ने इस वर्ष अपने बजट में 525.38 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। 

पशु पालकों को डोर स्टेप सुविधाएँ दी जाएगी 

पशुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक 8-10 पंचायतों पर पशु अस्पताल की व्यवस्था की जाएगी, पशुओं के लिए चिकित्सा सुविधा, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, कृमिनाशक जैसी दवाओं को डोर स्टेप डिलीवरी करने की ठोस व्यवस्था की जानी है। कॉल सेंटर में फोन कर अथवा मोबाइल ऐप के माध्यम से इन सुविधाओं को प्राप्त करने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए बजट में प्रावधान किए गए हैं।

किसानों को सब्सिडी पर दिए जाएँगे 660 ट्रैक्टर, कृषि मंत्री ने निकाले 54 ट्रैक्टर के लिए ड्रॉ

ट्रैक्टर अनुदान के लिए ड्रॉ

कृषि क्षेत्र में ट्रैक्टर का अत्याधिक महत्व है परंतु लागत अधिक होने के चलते सभी किसान इसे खरीद नहीं पाते हैं। ऐसे में किसानों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए सरकार किसानों को ट्रैक्टर पर भारी सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। अभी हाल ही में हरियाणा सरकार ने राज्य के अनुसूचित जाति SC वर्ग के किसानों को वर्ष 2022-23 के दौरान एसबी-89 योजना के तहत ट्रैक्टर पर सब्सिडी देने के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे।

सरकार ने प्राप्त आवेदनों के विरुद्ध ट्रैक्टर देने के लिए ड्रा निकालना शुरू कर दिया है। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जेपी दलाल ने भिवानी जिले में एक कार्यक्रम के दौरान ड्रॉ निकाले। कार्यक्रम के दौरान ऑनलाइन सिस्टम से 54 ड्रॉ निकाले गए।

660 ट्रैक्टर पर दिया जाएगा अनुदान Subsidy

हरियाणा के कृषि मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में अनुसूचित जाति के 660 किसानों को ट्रैक्टर देने के लिए ड्रा निकाले जा रहे हैं, जिन पर करीब 20 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। योजना के अंतर्गत हरियाणा के प्रत्येक ज़िले में 30 ट्रैक्टर पर अनुदान दिया जाएगा, जिसके लिए विभाग द्वारा ड्रॉ निकाले जा रहे हैं। कार्यक्रम में कृषि अभियंता नसीब सिंह धनखड़ ने ड्रा की ऑनलाइन प्रक्रिया की पारदर्शिता के बारे में विस्तार से जानकारी भी दी।

ट्रैक्टर पर कितनी सब्सिडी दी जाएगी?

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा राज्य के अनुसूचित जाति SC वर्ग के किसानों को वर्ष 2022-23 के दौरान एसबी-89 योजना के तहत ट्रैक्टर पर अनुदान दिया जा रहा है। योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। योजना के तहत अनुसूचित जाति के किसानों को 35 HP से अधिक के ट्रैक्टर की खरीद पर अधिकतम 3 लाख रुपए तक का अनुदान दिया जाएगा। योजना के अंतर्गत प्रत्येक ज़िले में 30 ट्रैक्टर पर अनुदान देने के लिए 90 लाख रुपए खर्च किए जाएँगे इस तरह 22 ज़िलों के लिए कुल 1980 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।

इस दिन शुरू होगा पूसा कृषि मेला, किसानों को उन्नत किस्मों के बीज के साथ ही मिलेगी स्मार्ट खेती की जानकारी

पूसा कृषि विज्ञान मेला 2023

हर वर्ष भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा द्वारा कृषि विज्ञान मेले का आयोजन किया जाता है, जिसका इंतजार देशभर के किसानों को रहता है। पूसा मेले में न केवल संस्थान द्वारा विकसित विभिन्न फसलों के उन्नत प्रमाणित बीज कम दामों पर उपलब्ध कराए जाते हैं बल्कि किसानों को कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रों की नई तकनीकों से भी अवगत कराया जाता है। साथ ही खेती किसानी सम्बंधित किसानों को आ रही समस्याओं का समाधान भी कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा किया जाता है।

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान IARI ने इस वर्ष आयोजित होने वाले कृषि विज्ञान मेले की तारीखों का ऐलान कर दिया है। पूसा द्वारा इस मेले का आयोजन नई दिल्ली में 2 मार्च से 4 मार्च के दौरान किया जाएगा। 2 मार्च को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर के द्वारा इस मेले का शुभारम्भ किया जाएगा। इस तीन दिवसीय मेले का आयोजन संस्थान के मेला ग्राउंड, भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली में किया जायेगा।

मेले से किसान ले सकेंगे बासमती धान की उन्नत किस्मों के बीज

पिछले वर्ष पूसा कृषि विज्ञान मेले में संस्थान द्वारा विकसित बासमती धान की किस्मों की माँग बहुत अधिक थी, जिसको देखते हुए संस्थान ने इस वर्ष भी बासमती धान की क़िस्में मुख्यतः पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1886 एवं पूसा बासमती 1885 किस्मों के बीज किसानों को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराए जाएँगे। इसके अलावा किसान संस्थान द्वारा विकसित अन्य किस्मों के उन्नत बीज भी यहाँ से खरीद सकेंगे।

क्या रहेगा मेले का मुख्य आकर्षण

इस वर्ष पूसा मेले की मुख्य थीम “श्री अन्न (मोटे अनाजों) द्वारा पोषण, खाद्यान एवं पर्यावरण सुरक्षा” रखी गई है। साथ ही मेले के अन्य मुख्य आकर्षण इस प्रकार रहेंगे:-

  • अंतराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष-2023 के अंतर्गत मोटा अनाज आधारित मूल्य शृंखला के विकास
  • स्मार्ट खेती/ संरक्षित खेती मॉडल,
  • जलवायु अनुकूल एवं संपोषक कृषि,
  • कृषि विपणन एवं निर्यात 
  • किसानों के नवाचार- सम्भावनाएँ एवं समस्याएँ
  • किसान उत्पादक संगठन- स्टार्टअप लिंकेज

पूसा कृषि विज्ञान मेले में इसके साथ ही तकनीकी सत्र का आयोजन किया जाएगा साथ ही खेती की आधुनिक तकनीकों की जीवंत प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। साथ ही किसान मेले में आने वाले अन्य स्टालों पर उपलब्ध कृषि सम्बंधित उत्पादों की जानकारी भी ले सकेंगे। 

8 करोड़ से अधिक किसानों को जारी की गई 2000 रुपए की किस्त, फटाफट चेक करें आपको मिली या नहीं

पीएम किसान योजना किस्त

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार, 27 फरवरी के दिन पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत लगभग 16,800 करोड़ रुपये की 13वीं किस्त किसानों के बैंक खाते में जमा कर दी है। 13वीं किस्त देशभर के 8 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से जमा की गई है। कर्नाटक के बेलगावी में हुए इस वृहद कार्यक्रम में हजारों किसान उपस्थित थे, वहीं करोड़ों किसान व अन्य लोग ऑनलाइन भी जुड़े।

पीएम किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा 2019 में की गई थी परंतु इसे दिसंबर 2018 से लागू किया गया था। तब से लेकर अभी तक किसानों को कुल 12 किस्त दी जा चुकी है। सरकार ने वित्त वर्ष 2022 में 11वीं किस्त मई माह में, 12वीं किस्त अक्टूबर महीने में जारी की गई थी। आज किसानों को योजना के अंतर्गत 13 वीं किस्त जारी की गई है। इस तरह किसानों को इस वित्त वर्ष की सभी किस्तें दी जा चुकी है।

किसान कैसे चेक करें उन्हें किस्त मिली या नहीं?

पीएम किसान योजना के अंतर्गत किसान ऑनलाइन चेक कर सकते हैं उन्हें अभी तक कितनी किस्तें मिली है, इसके लिए किसानों पीएम किसान एप पर या पीएम किसान पोर्टल  pmkisan.gov.in पर जाना होगा। यहाँ किसान फ़ार्मर कार्नर पर जाकर BENEFICIARY STATUS पर अपने आवेदन की स्थिति के साथ ही दी गई किस्तों की जानकारी देख सकते हैं, इसके अलावा किसान BENIFICIARY LIST पर जाकर अपने गाँव के अनुसार लाभार्थियों की सूची देख सकते हैं। इसके अतिरिक्त किसान अपने आवेदन की स्थिति जानने के लिए 155261 पर कॉल कर सकते हैं।

11 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को दिया जाता है योजना का लाभ

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत हर साल 6,000 रुपये की धनराशि 2,000 रुपये की तीन किस्तों में सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जारी की जाती है। योजना के अंतर्गत अब तक 11 करोड़ से अधिक किसान परिवारों, जिसमें मुख्य रूप से छोटे और सीमांत किसान हैं, को लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि वितरित की जा चुकी है।

खेतों में जलाशय बनाने के लिए सरकार दे रही है 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी, 2185 किसानों को मिला योजना का लाभ

जलाशय निर्माण के लिए अनुदान

फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता एवं किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए किसानों के पास सिंचाई के उपयुक्त संसाधन होना आवश्यक है। किंतु लगातार गिरते भूमिगत जल स्त्रोतों से किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जिसको देखते हुए सरकार द्वारा सिंचाई की सूक्ष्म पद्धतियों एवं वर्षा जल संग्रहण को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसानों को इसके लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा भारी सब्सिडी भी उपलब्ध कराई जा रही है।

इस कड़ी में हरियाणा सरकार राज्य में किसानों को ड्रिप, मिनी-स्प्रिंकलर और पोर्टेबल-स्प्रिंकलर माईक्रो-इरीगेशन सिस्टम एवं जलाशय के निर्माण पर भारी सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। जिससे न केवल सिंचाई के रकबे में बढ़ोतरी हुई है बल्कि फसलों के पैदावार में भी वृद्धि होती है। 

19 हजार से अधिक किसानों को मिला ड्रिप एवं स्प्रिंकलर योजना का लाभ

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि किसानों को ड्रिप, मिनी-स्प्रिंकलर और पोर्टेबल-स्प्रिंकलर माईक्रो-इरीगेशन सिस्टम के लिए 58 हजार एकड़ खेतों के 19517 लाभार्थियों को 179.39 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। इसलिए किसान जल संरक्षण की योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं। यह बात उन्होंने मिकाडा के लाभार्थियों से वर्चुअल संवाद करते हुए कही साथ ही इस अवसर पर उन्होंने अनेक लाभार्थियों से न केवल संवाद किया बल्कि योजनाओं का फीडबैक भी लिया।

जलाशय निर्माण के लिए दी जा रही है 80 प्रतिशत सब्सिडी

हरियाणा के मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि खेत में ही जलाशय के निर्माण पर सरकार व्यक्तिगत आवेदक के लिए 70 प्रतिशत की दर से और किसान समूहों के सदस्यों को 85 प्रतिशत की दर से सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने बताया कि जलाशय बनाने के लिए 2185 लाभार्थियों को 54.90 करोड़ रुपए और 2584 अन्य लाभार्थियों को 64 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अटल भूजल योजना के तहत राज्य के 1656 गांवों में किसानों को उनके हिस्से की 15 प्रतिशत प्रतिपूर्ति राशि सीधे डीबीटी माध्यम से खातों में भेजी जा रही है। अब तक 11284 लाभार्थियों के खातें में 19 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जा चुके हैं। 

सूक्ष्म सिंचाई से पैदावार में होती है वृद्धि

मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में जिन किसानों ने सूक्ष्म सिंचाई को अपनाया है उनके खेतों में फल और सब्जियों की पैदावार में 52 प्रतिशत तक बढोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि खालों के माध्यम से सीधे ही जितने खेत में पानी लगाते हैं, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली से उतने ही पानी से 95 प्रतिशत तक अधिक क्षेत्र में सिंचाई होती है और इसके साथ ही 48 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है।

अब किसानों को हर साल मिलेंगे 22 हजार रुपए, सरकार ने इस नई योजना को दी मंजूरी

मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना से होगा किसानों को लाभ

मध्य प्रदेश सरकार राज्य के किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत राज्य के किसान परिवार को सालाना 4 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दे रही है। ठीक इसी तर्ज पर राज्य सरकार ने राज्य में महिलाओं को प्रति माह एक हजार रुपए यानि की सालाना 12,000 रुपए देने का निर्णय लिया है। जिसका सीधा फ़ायदा किसानों को मिलेगा। मध्य प्रदेश के किसानों को अब सीधे तौर पर 16,000 रुपए सालाना प्राप्त होंगे। 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर 25 फरवरी के दिन मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना-2023 को मंत्री परिषद ने मंजूरी दे दी है। योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में महिलाओं के स्वावलम्बन और उनके अश्रित बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण के स्तर में सतत सुधार को बनाए रखने, महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने और परिवार के स्तर पर निर्णय लिए जाने में महिलाओं की प्रभावी भूमिका को प्रोत्साहित करना है।

लाड़ली बहना योजना का लाभ किसे मिलेगा

मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना -2023 का लाभ लेने के लिए महिला का मध्यप्रदेश का स्थानीय निवासी होना और आवेदन किए जाने के कैलेण्डर वर्ष में एक जनवरी की स्थिति में 23 वर्ष की आयु पूर्ण करना एवं 60 वर्ष से कम आयु का होना आवश्यक है। विवाहित महिलाओं के अलावा विधवा, तलाक शुदा एवं परित्यक्ता महिला भी योजना के लिए पात्र होगी।

 इन महिलाओं को नहीं मिलेगा योजना का लाभ

लाड़ली बहना योजना का लाभ ऐसी महिलाओं को नहीं दिया जाएगा जिनके परिवार की सम्मिलित रूप से स्व-घोषित सालाना आमदनी ढाई लाख रूपये से अधिक है, जिनके परिवार का कोई भी सदस्य आयकर दाता है, जिनके परिवार का कोई भी सदस्य केन्द्र सरकार अथवा राज्य सरकार के सरकारी विभाग, उपक्रम, मंडल, स्थानीय निकाय में नियमित या स्थाई कर्मी या संविदा कर्मी के रूप में नियोजित है तथा सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन प्राप्त कर रहा है। 

ऐसी महिलाएँ भी अपात्र होंगी जो स्वयं केन्द्र सरकार या राज्य सरकार की किसी योजना में प्रतिमाह एक हजार रूपये या उससे अधिक की राशि प्राप्त कर रही हैं, जिनके परिवार का कोई सदस्य वर्तमान अथवा भूतपूर्व सांसद/विधायक है। ऐसे परिवार जिनका कोई सदस्य केन्द्र या राज्य सरकार द्वारा मनोनीत बोर्ड/निगम/मंडल/उपक्रम का अध्यक्ष/संचालक/ सदस्य है वे महिलाएँ भी अपात्र होंगी। ऐसी महिलाएं भी अपात्र होंगी जिनके परिवार का कोई सदस्य स्थानीय निकायों में निर्वाचित जन-प्रतिनिधि (उप सरपंच को छोड़ कर) है।

इन किसान परिवारों को नहीं मिलेगा योजना का लाभ

राज्य के ऐसे परिवार जिनके सदस्यों के पास संयुक्त रूप से कुल पाँच एकड़ से अधिक भूमि है या परिवार के सदस्यों के नाम से पंजीकृत चार पहिया वाहन (ट्रेक्टर सहित) हैं, वे भी इस योजना के लिए अपात्र होंगी। 

कब शुरू होंगे लाड़ली बहना योजना के लिए आवेदन?

मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 5 मार्च को लांच की जायेगी और इसी दिन से इसके आवेदन लेना प्रारंभ किये जायेंगे। होली और रंगपंचमी के बाद 15 मार्च से आवेदन भरे जाएंगे। मार्च और अप्रैल में आवेदन भरने का काम पूरा हो जाएगा। मार्च-अप्रैल में फार्म भरने के बाद मई में इनकी जाँच कर ली जाएगी। योजना में 10 जून से पैसा लाभार्थी के बैंक खाते में डलना प्रारंभ हो जाएगा और फिर हर महीने की इसी निश्चित तारीख को पैसे डाले जाएंगे। 

लाड़ली बहना योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कैसे करें?

योजना के लिए प्रपत्र, ग्राम पंचायत/वार्ड कार्यालय/शिविर स्थल पर उपलब्ध होंगे। महिला को स्वयं उपस्थित होना होगा। महिला का फोटो खींचने का कार्य और समग्र में आधार ई-केवाईसी की जाएगी। फार्म में उपलब्ध जानकारी स्थल पर पोर्टल/एप में डाटा एंट्री की जाएगी। आधार लिंक बैंक एकाउंट का सत्यापन किया जाएगा। आवेदन के सफलतापूर्वक दर्ज होने पर आवेदक को पावती मिलेगी, जिस पर आवेदन क्रमांक भी दर्ज होगा। योजना में राशि का भुगतान जून माह से प्रारंभ होगा।

महिला एवं बाल विकास विभाग ने शिविर से पहले किओस्क जाकर समग्र में आधार ई-केवाईसी करवाने का परामर्श दिया है, जो नि:शुल्क रूप से होता है। महिला का यदि स्वयं के नाम से स्वतंत्र बैंक एकाउंट नहीं है तो उसे बैंक जाकर खाता खुलवाना होगा और संबंधित बैंक के किओस्क पर जाकर अपना बैंक एकाउंट आधार से लिंक करवाना होगा

किसान परिवार को सालाना मिलेंगे 22 हजार रुपए

मध्य प्रदेश में एक किसान परिवार को प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना एवं मुख्य मंत्री किसान कल्याण योजना के तहत सीधे 10,000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है। वही अब राज्य में लाड़ली बहना योजना के शुरू हो जाने से किसान परिवार को अब 12,000 रुपए और दिए जाएँगे, जिससे राज्य के एक किसान परिवार को एक वर्ष में 22,000 हजार रुपए प्राप्त होंगे। 

हालाँकि मुख्य मंत्री लाड़ली बहना योजना का लाभ उन किसान परिवारों को नहीं मिलेगा जिनके पास किसी भी तरह के चार पहिया वाहन है या ट्रैक्टर है। साथ ही उन किसान परिवारों को भी नहीं मिलेगा जिन परिवारों के सदस्यों के पास संयुक्त रूप से कुल पाँच एकड़ से अधिक भूमि है। इन किसान परिवारों को केवल पीएम किसान सम्मान निधि एवं किसान कल्याण योजना का लाभ मिलेगा अर्थात् इन किसान परिवारों को 10,000 रुपए सालाना मिलते रहेंगे। 

पता चल गया, किस दिन किसानों के बैंक खाते में दी जाएगी 2 हजार रुपए की किस्त

पीएम किसान सम्मान निधि योजना किस्त

देश में किसानों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना चलाई जा रही है, योजना के तहत एक किसान परिवार को एक वर्ष में 3 किश्तों में 6 हजार रुपये दिए जाते हैं। योजना के अंतर्गत किसानों को अभी तक 12 किस्तें दी जा चुकी हैं, 13 वीं किस्त जल्द ही किसानों के बैंक खाते में सीधे अतंरित किया जाना है। इसके लिए सरकार ने तारीख़ एवं समय बता दिया है।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार यानी 27 फरवरी को पीएम किसान योजना की 13 किस्त जारी करेंगे। खास बात यह है की इस बात की जानकारी खुद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दी है। उन्होंने ट्विट करते हुए कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि के लभार्थियों के खाते में 13वीं किस्त की राशि सोमवार को जारी की जाएगी 

किस समय जारी की जाएगी 13वीं किस्त 

प्रधान मंत्री मोदी कर्नाटक के बेलगावी से दोपहर 3 बजे पीएम किसान योजना की किस्त जारी करेंगे। इस दौरान वे किसानों से सीधा संवाद भी करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी है कि अभी क़रीब 8 करोड़ किसान परिवारों को यह किस्त जारी की जाएगी। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल 17 अक्टूबर के दिन किसानों को 12वीं किस्त जारी की थी।

कृषि मंत्री ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक 12 किश्तों के माध्यम से 11.30 करोड़ से अधिक पात्र लाभार्थी किसानों को 2.4 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि हस्तांतरित की जा चुकी है।

पीएम किसान की किस्त लेने के लिए किसानों को करना होगा यह काम

केवल पात्र किसान परिवारों को योजना का लाभ दिया जा सके इसके लिए सरकार ने किसानों के लिए ई-केवाईसी कराना अनिवार्य कर दिया है। इसके साथ ही किसानों को आधार-सीडिंग एवं लैंड सीडिंग भी करवाना होगा। इसके बाद ही किसानों आगे किस्त दी जाएगी। जिन किसानों का खसरा सीडिंग नही हुआ है वह तत्काल कृषि विभाग के अधिकारी/कर्मचारी या विकासखंड/जिला कार्यालय से संपर्क कर कार्य पूर्ण करा लें।

इस योजना के तहत गाय-भैंस खरीदने के लिए सरकार देगी 90 प्रतिशत का अनुदान, ऐसे करें आवेदन

मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम के तहत अनुदान

ग्रामीण क्षेत्रों में गाय-भैंस पालन रोजगार का एक अच्छा जरिया होने के साथ ही किसानों की आमदनी का मुख्य स्त्रोत भी है, खेती से अधिक आय किसानों को पशुपालन से ही होती है। पशुपालन के महत्व को देखते हुए सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजना चला रही है, जिसके तहत इच्छुक व्यक्तियों को दुधारू पशु खरीदने के लिए भारी अनुदान दिया जा रहा है।

इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री दुधारू गाय प्रदाय कार्यक्रम’’ को संशोधित करते हुए मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम’’ के रूप में लागू किया है। योजना में अब लाभार्थी को दुधारू गाय के अलावा भैंस खरीदने के लिए भी अनुदान दिया जाएगा। साथ ही गाय-भैंस खरीदने के लिए दिए जाने वाले अनुदान में भी वृद्धि भी की गई है।

गाय-भैंस खरीदने के लिए अब कितना अनुदान (Subsidy) दिया जाएगा?

मध्य प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने कहा है कि योजना के अंतर्गत प्रति पशुपालक 2 दुधारू पशु गाय/भैंस दिए जाएँगे। कार्यक्रम में 90 प्रतिशत शासकीय अनुदान दिया जाएगा और लाभार्थी को सिर्फ 10 प्रतिशत राशि ही देना होगा। क्रय किये गये सभी पशुओं का बीमा भी योजना के तहत किया जाएगा। मिल्क रूट और दुग्ध समितियों का गठन मध्यप्रदेश दुग्ध महासंघ और पशुपालन विभाग द्वारा किया जायेगा।

साथ ही कार्यक्रम का लाभ अब विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा के साथ सहरिया और भारिया को भी मिलेगा। इन जनजातियों की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए हितग्राही अंशदान की राशि 25 प्रतिशत से घटा कर 10 प्रतिशत कर दी गई है।

गाय-भैंस खरीदने के लिए देने होंगे मात्र इतने रुपए

योजना के अंतर्गत गाय प्रदाय के लिये 1 लाख 89 हजार 250 रूपये की लागत आएगी जिस पर 1 लाख 70 हजार 325 रूपये का सरकारी अनुदान दिया जाएगा। जिससे हितग्राही को मात्र 18 हजार 925 रूपये ही देने होंगे। वहीं भैंस के लिए शासन द्वारा 2 लाख 43 हजार रूपये की राशि निर्धारित की गई है। जिस पर शासन की और से लाभार्थी को 2 लाख 18 हजार 700 रूपये का शासकीय अनुदान दिया जाएगा। जिससे लाभार्थी को मात्र 24 हजार 300 रूपये का अंशदान होगा।

सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिये 750-750 गाय-भैंस प्रदाय का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिये 29 करोड़ 18 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है। 

योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कहाँ करें?

मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा के लिये 6 जिले डिण्डोरी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, मण्डला और बालाघाट, भारिया के लिये छिन्दवाड़ा और सहरिया जनजाति के लिये ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, श्योपुरकला, मुरैना और भिण्ड जिले में कार्यक्रम चलाया जा रहा है। 

हितग्राही को आवेदन निर्धारित प्रपत्र में अपने निकटतम पशु चिकित्सा संस्था या दुग्ध सहकारी समिति को देना होगा। चयन के बाद हितग्राहियों को पशुपालन, पशु आहार और पशु प्रबंधन प्रशिक्षण के साथ परिचयात्मक दौरा भी करवाया जायेगा।