2400 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर गेहूं बेचने के लिए किसान 16 मार्च तक करा सकते हैं पंजीयन

देश के कई राज्यों में गेहूं की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर जल्द ही शुरू होने वाली है, ऐसे में अधिक से किसान अपनी उपज बेचकर समर्थन मूल्य योजना का लाभ ले सके इसके लिए किसानों से पंजीकरण कराये जा रहे हैं। इस कड़ी में अधिक से अधिक किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं की उपज बेच सके इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार ने पंजीयन की अंतिम तिथि को आगे बढ़ाकर 16 मार्च तक कर दिया है, ऐसे में जो किसान अभी तक अपना पंजीयन नहीं करा सके हैं वे किसान पंजीयन कर योजना का लाभ ले सकते हैं।

इससे पहले राज्य में रबी विपणन वर्ष 2024-25 में गेहूं पंजीयन के लिए अंतिम तिथि 10 मार्च 2024 तक निर्धारित की गई थी। ऐसे में जो किसान अभी तक अपना पंजीकरण नहीं करा पाये हैं उन्हें भी मूल्य समर्थन योजना का लाभ मिल सके इसके लिए सरकार ने पंजीयन की तिथि को आगे बढ़ाकर 16 मार्च 2024 तक कर दिया है।

पंजीकृत किसानों को मिलेगा गेहूं पर बोनस

इस वर्ष मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP की खरीद पर 125 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने का फैसला लिया है। यह बोनस राशि का लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जो सरकार को एमएसपी पर गेहूं की उपज बेचेंगे। ऐसे में सरकार को गेहूं बेचने के लिए किसानों का पंजीकरण होना आवश्यक है।

बता दें कि इस वर्ष यानि की रबी विपणन वर्ष 2024-25 में किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले गेहूँ पर 125 रूपये प्रति क्विंटल बोनस का भुगतान राज्य सरकार करेगी। वहीं इस वर्ष केंद्र सरकार द्वारा घोषित गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल है। जिस पर सरकार किसानों को 125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बोनस देगी। इस तरह राज्य के किसानों को गेहूं का भाव 2400 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगा।

किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कहाँ करें?

सरकार द्वारा किसानों के पंजीयन के लिए ऑनलाइन एवं ऑफ लाइन दोनों तरह की सुविधा दी गई है। किसान गेहूं के लिए ऑनलाइन पंजीयन ई-उपार्जन पोर्टल www.mpeuparjan.nic.in पर कर सकते हैं। किसान यह पंजीकरण एमपी ऑनलाईन, कॉमन सर्विस सेंटर, लोक सेवा केन्द्र, सायबर कैफे और स्वयं के मोबाईल अथवा कम्प्यूटर से भी निर्धारित लिंक पर जाकर अपनी फसल का पंजीयन करा सकते हैं। इसके अतिरिक्त किसान ग्राम पंचायत कार्यालयों में स्थापित सुविधा केन्द्र, सहकारी समिति पर निःशुल्क पंजीयन करा सकते हैं।

मुफ्त बिजली योजना के तहत सोलर पैनल पर दी जा रही है 78 हजार रुपये तक की सब्सिडी, शुरू हुए आवेदन

हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का लाभ अब देश के लोगों को दिया जाने लगा है, इसके लिए कई राज्य सरकारों के द्वारा आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। योजना के अंतर्गत देश के 1 करोड़ घरों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। मध्य प्रदेश में लोगों को इस योजना का लाभ मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने देना शुरू कर दिया है।

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अपने क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले भोपाल, नर्मदापुरम्, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के 16 जिलों के बिजली उपभोक्ताओं को योजना से जोड़ने जा रही है। इस नई योजना में छत पर सौर ऊर्जा स्थापित करने और एक करोड़ घरों के लिए हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान की जाएगी, शेष बिजली को बेचकर लाभार्थी अतिरिक्त आमदनी भी कर सकते हैं।

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत कितनी सब्सिडी दी जाएगी?

इस योजना के अंतर्गत एक किलोवॉट के सोलर संयन्त्र लगाने पर 30 हजार रूपये, दो किलोवॉट सोलर संयन्त्र लगाने पर 60 हजार रुपए तथा तीन किलोवॉट या उससे ऊपर के सोलर संयन्त्र स्थापना पर 78 हजार रुपए की सब्सिडी केन्द्र सरकार द्वारा दी जा रही है। यह सब्सिडी पहले से ज्यादा है।

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुताबिक़ दिसम्बर 2023 की स्थिति में केन्द्र सरकार द्वारा प्रति किलोवॉट 14 हजार 588 रुपये की सब्सिडी दी जा रही थी जो कि जनवरी 24 में बढ़ाकर 18 हजार रुपए प्रति किलोवॉट कर दी गई थी। जिसे अब और बढ़ाकर दो किलोवॉट तक 30 हजार रुपए प्रति किलोवॉट कर दी गई है। इस तरह दिसंबर की तुलना में दिनांक 13 फरवरी 2024 के बाद लगने वाले दो किलोवॉट तक के सौर्य संयन्त्र पर मिलने वाली सब्सिडी 36 हजार रुपए के स्थान पर अब उपभोक्ता को 60 हजार रुपए की सब्सिडी मिलेगी।

सब्सिडी पर सोलर पैनल के लिये आवेदन कहाँ करें

अधिक से अधिक व्यक्ति योजना का लाभ ले सके इसके लिए सरकार ने ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया है, जहां इच्छुक व्यक्ति आसानी से आवेदन कर सकते हैं। योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक व्यक्ति को राष्ट्रीय पोर्टल pmsuryaghar.gov.in पर आवेदन करना होगा या pmsuryaghar App डाउनलोड करके भी पंजीयन किया जा सकता है। पोर्टल पर छत पर सौर ऊर्जा स्थापित करने के लिए एक कंपनी का चयन करना होगा। इसके अलावा पोर्टल पर सोलर संयंत्र लगाने के लिए आवश्यक जगह, उससे होने वाले लाभ, विक्रेता की रेटिंग आदि की जानकारी भी देखी जा सकती है।

24 लाख से अधिक किसानों को धान खरीदी पर दिया गया 917 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस

देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे है। इसमें किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिल सके इसके लिए अलग-अलग राज्य सरकारों के द्वारा किसानों को फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP की खरीद पर बोनस दिया जा रहा है। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के किसानों को इस वर्ष खरीदी गई धान पर 917 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बोनस राशि जारी कर दी है।

मंगलवार 12, मार्च के दिन राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 24 लाख 72 हजार किसानों को कृषक उन्नति योजना के तहत 13 हजार 320 करोड़ रुपये की आदान सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में अंतरित की। इससे राज्य के किसानों को धान का भाव 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्राप्त हुआ है।

किसानों को जारी किए गए 13 हजार 320 करोड़ रुपये

12 मार्च के दिन आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में 24 लाख 75 हजार से अधिक किसानों के खातों में राशि जारी की गई है। इनमें से 24 लाख 72 हजार वे किसान हैं, जिन्होंने इस साल धान बेचा था। उन्हें कृषि उन्नति योजना के अंतर्गत 13 हजार 289 करोड़ रुपए के अंतर की राशि का भुगतान किया गया है। इसी तरह 02 हजार 829 धान बीज उत्पादक किसानों को भी बीज निगम के माध्यम से अंतर राशि, 31 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया गया है।

किसानों को प्रति एकड़ मिले 19, 257 रुपये

इस वर्ष छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी है। किसानों से यह खरीदी केंद्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP यानि की 2,183 रुपये प्रति क्विंटल पर की गई। कृषक उन्नति योजना में राज्य के किसानों को समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान पर प्रति क्विंटल 917 रुपये के मान से बोनस राशि जारी कर दी गई है। बोनस राशि भुगतान के बाद किसानों को धान का प्रति क्विंटल भाव 3100 रुपये तो प्राप्त हुआ है।

इससे कृषक उन्नति योजना के माध्यम से राज्य के किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान में 19,257 रुपये प्रति एकड़ आदान सहायता राशि मिली है। किसानों को धान के प्रति क्विंटल के मान से भुगतान की जा रही यह राशि देश में सर्वाधिक है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इस साल के बजट में 10 हजार करोड़ रुपये और पिछले साल के अनुपूरक बजट में 3 हजार करोड़ रुपये इस प्रकार कुल 13 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई थी।

सरकार ने किया ऐलान, किसानों को अब गेहूं की खरीद पर मिलेगा बोनस

किसान आंदोलन के बीच किसानों के लिए एक बड़ी खबर आई है, मध्यप्रदेश सरकार किसानों को गेहूं खरीद पर बोनस देने जा रही है। मध्य प्रदेश कैबिनेट ने गेहूं पर 125 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बोनस देने का ऐलान किया है। 11 मार्च के दिन मंत्री मंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं इसमें किसानों को गेहूं खरीद पर बोनस दिया जाना भी शामिल है।

मध्य प्रदेश कैबिनेट ने आज यानी की 11 मार्च के दिन कई अहम फैसले लिए हैं जिसमें गेहूं के MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बोनस देने का भी फैसला शामिल है। इस फैसले में कहा गया है कि गेहूं के मौजूदा एमएसपी 2275 रुपये पर 125 रुपये का बोनस जोड़ कर दिया जाएगा।

किसानों को अब 2400 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगा गेहूं का भाव

रबी विपणन वर्ष 2024-25 में किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले गेहूँ पर 125 रूपये प्रति क्विंटल बोनस का भुगतान सरकार करेगी। वहीं इस वर्ष केंद्र सरकार द्वारा घोषित गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल है। जिस पर सरकार किसानों को 125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बोनस देगी। इस तरह राज्य के किसानों को गेहूं का भाव 2400 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगा। मध्य प्रदेश सरकार पर इससे 3850 करोड़ रूपये का वित्तीय भार आएगा।

अन्य सरकारें भी दे रही है बोनस

इससे पहले ही छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान सरकार किसानों को बोनस दे रही है। इस वर्ष छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों के धान 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर खरीदने की घोषणा कर चुकी है जिसके मुताबिक़ इस वर्ष यहाँ के किसानों को धान पर 917 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बोनस मिलेगा। वहीं राजस्थान सरकार भी किसानों को गेहूं की खरीद पर 125 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देगी, जिससे राजस्थान के किसानों को भी इस वर्ष गेहूं का भाव 2400 रुपये प्रति क्विंटल प्राप्त होगा।

12 मार्च के दिन किसान होंगे मालामाल, सरकार किसानों के बैंक खाते में डालेगी धान खरीदी का बोनस 

12 मार्च के दिन किसान मालामाल होने वाले हैं, इस दिन छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के 24 लाख से अधिक किसानों को धान खरीदी का बोनस देने जा रही है। राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 12 मार्च के दिन कृषक उन्नति योजना के तहत समर्थन मूल्य और राज्य सरकार द्वारा घोषित किए गए उपार्जन मूल्य की अंतर राशि किसानों को देने का निर्णय लिया है। बता दें कि सरकार इसके लिए किसानों के बैंक खातों में 13 हजार करोड़ रुपये की राशि जारी करेगी।

जशपुर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री साय ने 12 मार्च को मोदी जी की गारंटी के अनुरुप कृषक उन्नति योजना के तहत किसानों को समर्थन मूल्य और 3100 रुपए प्रति क्विंटल की अंतर की राशि प्रदान करने का ऐलान किया है। कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को अंतर की राशि के रुप में लगभग 13 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया जाएगा।

24 लाख से अधिक किसानों को मिलेगा धान का बोनस

सरकार के मुताबिक खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में सरकार ने किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान की खरीदी की है। सरकार ने इस वर्ष किसानों से कुल 144.92 लाख मेट्रिक टन धान खरीदा है। जिसमें इस वर्ष लगभग 24 लाख 72 हजार किसानों ने सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेची है। कृषक उन्नति योजना में राज्य के किसानों को समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान में प्रति क्विंटल 917 रुपये के मान से अंतर की राशि दी जाएगी। अंतर की राशि भुगतान के बाद किसानों को धान का प्रति क्विंटल भाव 3100 रुपये मिलेगा।

किसानों को धान के प्रति क्विंटल के मान से भुगतान की जा रही यह राशि देश में सर्वाधिक है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इस साल के बजट में 10 हजार करोड़ और पिछले साल के अनुपूरक बजट में 3 हजार करोड़ इस प्रकार कुल 13 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। किसानों से समर्थन मूल्य पर की गई धान खरीदी के एवज में 31,913 करोड़ की राशि भुगतान सरकार ने किया है। बता दें कि इससे पहले 25 दिसंबर के दिन राज्य के 12 लाख से अधिक किसानों के बैंक खाते में दो साल के बकाया धान के बोनस के रुप में 3716 करोड़ रुपए की राशि अंतरित की जा चुकी है।

महतारी वंदन योजना: 70 लाख महिलाओं को प्रधानमंत्री मोदी ने जारी की 1000 रुपये की किस्त 

लंबे समय से 1,000 रुपये की किस्त की राह देख रही महिलाओं को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली किस्त जारी कर दी है। महिलाओं को यह किस्त महतारी वंदन योजना के तहत जारी की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानि की 10 मार्च के दिन छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना की शुरूआत करते हुए 70 लाख 12 हजार 417 महिलाओं के खाते में 1000-1000 रुपये की प्रथम किश्त की राशि अंतरित की। महिलाओं के खाते में आज कुल 655 करोड़ रुपए 57 लाख रुपए की राशि अंतरित की गई।

इस अवसर पर प्रधान मंत्री मोदी ने कहा कि ये मोदी की गारंटी है हमारी माताओं-बहनों को छत्तीसगढ़ सरकार नियमित रूप से प्रति माह 1000 रुपये की राशि अंतरित करेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उनकी टीम ने इस योजना का जितनी तेजी से क्रियान्वयन किया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और उनके मंत्रिमंडल सहयोगी राजधानी रायपुर के र्साइंस कालेज मैदान में आयोजित समारोह में उपस्थित रहे।

महिलाओं को जारी की गई 655 करोड़ रुपये की राशि

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज मुझे नारी शक्ति को सशक्त बनाने वाली महतारी वंदन योजना को समर्पित करने का सौभाग्य मिला है। महतारी वंदन योजना के तहत छत्तीसगढ़ की 70 लाख से अधिक माताओं बहनों को हर महीने एक हजार रुपए देने का वायदा किया गया। सरकार ने अपना वायदा पूरा किया। आज महतारी वंदन योजना के तहत 655 करोड़ रुपए की पहली किश्त जारी कर दी गई है।

देश की तीन करोड़ बहनों को बनाया जायेगा लखपति दीदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले दस वर्षों में हमारी सरकार ने सेल्फहेल्प ग्रूप के माध्यम से 10 करोड़ से अधिक महिलाओं का जीवन बदला। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य देश की तीन करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने का है। आप कल दस ग्यारह बजे जुड़ें आप देखें नमो ड्रोन दीदी कैसा कमाल कर रही हैं। सरकार बहनों को ड्रोन भी देगी, ड्रोन पायलेट की ट्रेनिंग भी देगी। एक दीदी ने कहा कि मुझे तो साइकिल भी नहीं चलानी आती थी अब मैं ड्रोन पायलट हूँ, इससे खेती विकसित होगी।

बता दें कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में 01 मार्च 2024 से नवीन महतारी वंदन योजना लागू की गई है। योजना के तहत 21 वर्ष से अधिक आयु की पात्र विवाहित महिलाओं को एक-एक हजार रुपये की मासिक वित्तीय सहायता दी जाएगी। इस प्रकार महिलाओं को 12 हजार रुपये सालाना मिलेंगे। योजना के तहत 10 मार्च को पहली बार सहायता राशि जारी कर दी गई है, जिसका लाभ राज्य की 70 लाख महिलाओं को मिला है।

सब्सिडी पर ट्रैक्टर लेने के लिए अभी आवेदन करें

खेती-किसानी के कामों में ट्रैक्टर सबसे महत्वपूर्ण कृषि यंत्र है, ट्रैक्टर का उपयोग फसलों की बुआई से लेकर कटाई तक कई कार्यों में किया जाता है। लेकिन अधिक क़ीमत होने के चलते अधिकांश किसान ट्रैक्टर खरीद नहीं पाते हैं, ऐसे में अधिक से अधिक किसान ट्रैक्टर खरीदकर खेती में इसका उपयोग कर सकें इसके लिए सरकार द्वारा किसानों को ट्रैक्टर पर भारी अनुदान दिया जा रहा है। इसके लिए किसान जल्द से जल्द आवेदन करके इस सब्सिडी योजना का लाभ उठा सकते हैं।

हरियाणा सरकार द्वारा राज्य के अनुसूचित जाति के किसानों को ट्रैक्टर पर अनुदान देने के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। किसान योजना का लाभ लेने के लिए 11 मार्च 2024 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सरकार की इस योजना का लाभ मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकृत किसानों को ही मिलेगा।

ट्रैक्टर पर कितना अनुदान मिलेगा?

खेती किसानी में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले ट्रैक्टर की खरीद के लिए हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति के किसानों को 45 एचपी और उससे अधिक क्षमता वाले ट्रैक्टर पर 1 लाख रुपये की सब्सिडी दे रही है। योजना का लाभ हरियाणा राज्य के अनुसूचित जाति SC वर्ग के किसानों को ही दिया जाएगा। योजना का लाभ राज्य के उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनके पास कृषि योग्य भूमि है और वे मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकृत हैं।

ड्रॉ की मदद से किया जाएगा किसानों का चयन

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से बताया गया है कि प्रत्येक जिले में लाभार्थी का चयन गठित जिला स्तरीय कार्यकारी कमेटी द्वारा ऑनलाइन ड्रॉ के माध्यम से किया जाएगा। चयन के बाद चयनित किसानों को भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त ट्रैक्टर निर्माताओं से मोल-भाव कर अपनी पसंद के निर्माता से ट्रैक्टर की खरीद करनी होगी। इसके साथ ही किसान को उसके चुने हुए ट्रैक्टर के साथ बिल, बीमा, टेंपरेरी नंबर, आरसी के आवेदन शुल्क की रसीद जैसे दस्तावेजों को विभागीय पोर्टल पर अपलोड करने होंगे।

किसानों को लाभ देने से पहले विभाग फिजिकल वेरिफिकेशन करेगा। इसके लिए जिला स्तरीय कार्यकारी कमेटी को ट्रैक्टर के मूल दस्तावेजों सहित फिजिकल वेरिफिकेशन प्रस्तुत करना होगा। समिति सभी दस्तावेजों की जांच करने के बाद फिजिकल वेरिफिकेशन रिपोर्ट फार्म के साथ पोर्टल पर अपलोड करेगी। फिर निदेशालय को ईमेल के माध्यम से सूचित करेगी। निदेशालय स्तर पर जांच के बाद किसानों को ई-वाउचर के माध्यम से सब्सिडी दी जाएगी।

ट्रैक्टर पर अनुदान के लिए आवेदन कहाँ करें?

किसान अनुदान पर ट्रैक्टर लेने के लिए 11 मार्च 2024 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। किसान इसके लिए कृषि विभाग की वेबसाइट agriharyana.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। वहीं ट्रैक्टर खरीदने के लिए किसान अधिक जानकारी के लिए जिला कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक और सहायक कृषि अभियंता के कार्यालय से संपर्क कर सकते है। वहीं इसके अलावा टोल फ्री नंबर 1800-180-2117 पर भी जानकारी हासिल की जा सकती है।

समर्थन मूल्य पर गेहूं, चना, सरसों एवं मसूर बेचने के लिए किसान 10 मार्च तक करा सकते हैं अपना पंजीयन

गेहूं, चना, सरसों एवं मसूर MSP पर बेचने के लिए किसान पंजीयन

रबी फसलों की कटाई के साथ ही किसानों से इन फसलों की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी करने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही किसानों के पंजीकरण की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में हैं। मध्य प्रदेश में किसान रबी सीजन की मुख्य फसलें जैसे गेहूं, चना, सरसों एवं मसूर समर्थन पर बेचने के लिए 10 मार्च तक पंजीकरण करा सकते हैं। बता दें कि राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष गेहूं एवं चने का उपार्जन सभी जिलों में तो वहीं मसूर 37 जिलों में और सरसों की उपज 40 जिलों में खरीदी जाएगी।

रबी विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी करने के लिये पंजीयन की अवधि 6 मार्च तक निर्धारित की गई थी। जिसे अब 10 मार्च 2024 तक बढ़ा दिया गया है। ऐसे में जो किसान अभी तक MSP पर इन फसलों को बेचने के लिए पंजीकरण नहीं करा पाये हैं, वे किसान 10 मार्च तक अपना पंजीकरण करा सकते हैं।

क्या है गेहूं, चना, सरसों एवं मसूर के लिए समर्थन मूल्य

केंद्र सरकार ने इस वर्ष के लिए सभी रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP की घोषणा कर दी है। सरकार की ओर से इस वर्ष गेहूं के लिये 2275 रुपये प्रति क्विंटल, चना के लिए 5440 रुपये प्रति क्विंटल, मसूर के लिए 6425 रुपये प्रति क्विंटल एवं सरसों के लिए 5650 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किए गए हैं। ऐसे में पंजीकृत किसानों से सरकार इन भावों पर ही फसलों की खरीद करेगी।

किसान उपज बेचने के लिए पंजीयन कहाँ करें?

सरकार द्वारा किसानों के पंजीयन के लिए ऑनलाइन एवं ऑफ लाइन दोनों तरह की सुविधा दी गई है। किसान गेहूं, चना, मसूर एवं सरसों की फसलों के लिए ऑनलाइन पंजीयन ई-उपार्जन पोर्टल www.mpeuparjan.nic.in पर कर सकते हैं। किसान यह पंजीकरण एमपी ऑनलाईन, कॉमन सर्विस सेंटर, लोक सेवा केन्द्र, सायबर कैफे और स्वयं के मोबाईल अथवा कम्प्यूटर से भी निर्धारित लिंक पर जाकर अपनी फसल का पंजीयन करा सकते हैं। इसके अतिरिक्त किसान ग्राम पंचायत कार्यालयों में स्थापित सुविधा केन्द्र, सहकारी समिति पर निःशुल्क पंजीयन करा सकते हैं।

किसानों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने के लिए सरकार कर रही है यह काम

देश में किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने और फसलों की लागत कम करने के लिए सरकार किसानों मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने की योजना पर काम कर रही है। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश मंत्रीमंडल ने हाल ही में खेतों में लगे निजी नलकूपों को मुफ्त बिजली देने का फैसला लिया है। जिसके उपलक्ष्य में संकल्प से सिद्धि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 15 लाख किसान परिवारों के माध्यम से 75 लाख से अधिक लोग इस कार्यक्रम से प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 14 लाख 78 हजार 591 निजी नलकूप हैं। इनमें 13 लाख 48 हजार 93 निजी नलकूप 10 हॉर्स पॉवर या उससे कम क्षमता के 01 लाख 28 हजार 944 निजी नलकूप 10 से 15 हॉर्स पॉवर क्षमता के तथा 8,923 निजी नलकूप 15 हॉर्स पॉवर से अधिक क्षमता के हैं। इन सभी को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने के कार्यक्रम से जोड़ा जा रहा है। यह कार्यक्रम 01 अप्रैल 2023 से लागू होगा। सरकार ने इसके लिए पिछले साल बजट में 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था, इस वर्ष इसके लिए 2400 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

14 लाख से अधिक किसानों को सौर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के लिए अन्य योजनाएँ भी हैं, जिनसे जुड़कर वह स्वच्छ ईंधन की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के 14 लाख 78 हजार अन्नदाता किसानों को प्राथमिकता के आधार पर पीएम कुसुम योजना या ऊर्जा विभाग की सोलराइजेशन पॉलिसी के अन्तर्गत सोलर पैनल उपलब्ध कराने से जोड़ देना चाहिए। इससे जब उन्हें सिंचाई की आवश्यकता होगी, उस समय पानी ले सकते हैं। अन्य समय जो बिजली बनेगी उसे बेच सकते हैं। इससे किसानों को आमदनी तो होगी ही साथ ही बिजली बिल से भी मुक्ति मिलेगी।

महतारी वंदन योजना: 70 लाख महिलाओं को इस दिन जारी की जाएगी 1000 रुपये की पहली किस्त

महिलाओं को आर्थिक सशक्त बनाने के लिए अब राज्य सरकारों के द्वारा महिलाओं को सीधे आर्थिक सहायता दी जा रही है। इस कड़ी में अलग-अलग राज्य सरकारों के द्वारा अलग-अलग योजनाएँ शुरू की गई हैं। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ की महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना की पहली किस्त के लिए तारीख का ऐलान कर दिया गया है। राज्य की सभी पात्र महिलाओं के बैंक खाते में पहली किस्त 10 मार्च के दिन जारी की जाएगी।

महतारी वंदन योजना को लेकर प्रदेश की पात्र महिलाओं को पहली किस्त की राशि देने की तारीख 8 मार्च यानि की महिला दिवस के दिन देने का निर्णय लिया गया था। उसके बाद सरकार ने तारीख बदलते हुए 7 मार्च कर दी थी। इस दिन माना जा रहा था कि पीएम मोदी वर्चुअल रूप से जुड़कर प्रदेश की महिलाओं को संबोधित करते हुए उनके खातों में पैसे डालेंगे। लेकिन राज्य सरकार ने दिनांक परिवर्तित करते हुए अब 10 मार्च को महिलाओं के खाते में योजना की पहली किस्त भेजने का निर्णय लिया है।

प्रधानमंत्री मोदी जारी करेंगे पहली किस्त

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में 10 मार्च को प्रदेश की राजधानी रायपुर के साथ सभी जिला मुख्यालय, ब्लॉक मुख्यालय, नगरीय निकाय क्षेत्रों में महतारी वंदन सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राज्य मुख्यालय, जिला मुख्यालय, ब्लॉक मुख्यालय एवं नगरीय निकायों में आयोजित कार्यक्रमों से सीधे वर्चुअल जुड़कर लोगों को संबोधित करेंगे और हितग्राहियों से बात करेंगे।

इस अवसर पर महतारी वंदन योजना के तहत प्रदेश की 70 लाख से अधिक महिलाओं के खाते में डी.बी.टी. के माध्यम से पहली किश्त का अंतरण किया जाएगा। इससे प्रत्येक महीने महिलाओं के खाते में 1000 रूपये आएंगे। राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में दोपहर 1 बजे आयोजित मुख्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय शामिल होंगे।

महिलाओं को सालाना मिलेंगे 12000 रुपये

राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में 01 मार्च 2024 से नवीन महतारी वंदन योजना लागू की गई है। योजना के तहत 21 वर्ष से अधिक आयु की पात्र विवाहित महिलाओं को एक-एक हजार रुपये की मासिक वित्तीय सहायता दी जाएगी। इस प्रकार महिलाओं को 12 हजार रुपये सालाना मिलेंगे। योजना के तहत 10 मार्च को पहली बार सहायता राशि दी जाएगी। इससे लगभग 70 लाख से अधिक महिलाएँ लाभान्वित होंगी।