जानिए उत्तरप्रदेश में किसान कब एवं कैसे समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए करवा सकेंगे पंजीयन

समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए किसान पंजीकरण

लगभग 15 फ़रवरी से उत्तर भारत में रबी फसलों में दलहन एवं तिलहन फसलों की कटाई शुरू हो जाती है | इसके अलावा गेहूं की कटाई मार्च माह से शुरू कर दी जाती है | केंद्र सरकार के द्वारा घोषित इन फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिए राज्य सरकारों के द्वारा पंजीकरण करवाए जाते हैं | मध्यप्रदेश, हरियाणा राज्य के बाद अब उत्तरप्रदेश सरकार ने भी गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदी के लिए पंजीकरण शुरू कर दिए हैं जबकि राजस्थान में पंजीकरण 15 मार्च से प्रारंभ किये जाएंगे | किसान समाधान उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए पंजीयन तथा विक्रय की पूरी जानकारी लेकर आया है |

किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए यहाँ कराएँ पंजीकरण

उत्तरप्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी हेतु पंजीकरण 1 मार्च से प्रारंभ कर दिए गए है जो भी किसान मंडी में समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचना चाहते हैं वह किसान ऑनलाइन पंजीकरण करवा सकते हैं | इसके बाद सरकार के द्वारा 1 अप्रैल 2021 से गेहूं की खरीदी की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी | प्रदेश के सभी जिलों के किसानों के लिए गेहूं की उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए पंजीयन करना जरुरी है | किसान गेहूं विक्रय के लिए पंजीयन खाद्य तथा रसद विभाग की वेबसाइट fcs.up.gov.in पर पर सकते हैं | 

इस बार खरीदी रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन के माध्यम से की जाएगी

राज्य के खाद आयुक्त श्री मनीष चौहान ने बताया कि खाद्य तथा रसद विभाग द्वारा रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन सेन्टर, लखनऊ के सहयोग से एक मोबाईल एप विकसित किया गया है, जिसके प्रयोग से किसान अपने मोबाईल पर गेहूं खरीदी केन्द्रों की लोकेशन ज्ञात कर सकते हैं | इसके अतिरिक्त यह मोबाईल एप चुने गये गेहूं खरीदी केंद्र के प्रभारी तथा उसके मोबाईल नंबर को भी बताया है | किसान इस एप के माध्यम से केंद्र तक पहुँचने का मार्ग भी जान सकते हैं | किसान खाद एवं रसद के पंजीकरण पोर्टल से यह एंड्राइड एप डाउनलोड कर सकते हैं |

फसल पंजीयन हेतु आवश्यक दिशा निर्देश

  • किसान पंजीकरण में गेहूँ हेतु उपयोग की जाने वाली सभी भूमियों का विवरण देना अनिवार्य है ।
  • भूमि विवरण के साथ खतौनी/खाता संख्या, प्लाट/खसरा संख्या, भूमि का रकबा (हेक्टेयर में) एवं फसल (गेहूँ) का रकबा (हेक्टेयर में) भरना अनिवार्य है ।
  • आधार कार्ड , बैंक पास बुक व राजस्व अभिलेखों का सही विवरण दर्ज करना होगा।
  • किसान अपना आधार संख्या , आधार कार्ड में अंकित अपना नाम तथा लिंग सही-सही अंकित करें ।
  • अपना बैंक खाता सी.बी.एस.खाता खुलवाये तथा बैंक खाता व आईएफएससी (IFSC) कोड भरने में विशेष सावधानी रखे ।
  • पीएफएमएस के माध्यम से त्वरित भुगतान सुनिश्चित हो सके, इसके लिए किसानो से अपील है कि अपने एकल बैंक खाते का न. ही पंजीकरण के समय दें ।
  • जो कृषक खरीफ विपणन वर्ष 2020 -21 में धान खरीद हेतु पंजीकरण करा चुके है , उन्हे गेहूं विक्रय हेतु पुनः पंजीकरण कराने की आवश्यता नहीं है , संशोधन कर या बिना संशोधन के पुनः लॉक कराना होगा ।
  • गेहूं विक्रय के समय पंजीयन प्रपत्र के साथ कम्प्यूटराइज़्ड खतौनी, फोटोयुक्त पहचान पत्र, बैंक के पासबुक के प्रथम पृष्ठ के छायाप्रति एंव आधार कार्ड साथ लाये ।
  • विक्रय के समय किसान अपने पंजीकरण प्रपत्र अवश्य लेकर आये । पंजीकरण प्रपत्र में यह देख ले कि उनके विक्रय की मात्रा 100 कुन्टल से अधिक होने पर, नाम का मिसमैच होने पर अथवा चकबंदी ग्राम होने पर उक्त जिलाधिकारी से सत्यापन हो गया । साथ ही पंजीकरण में पी. एफ. एम.एस. से बैंक खाता सत्यापित हो गया है ।
  • गेहूं बेचने के बाद केन्द्र प्रभारी से पावती पत्र अवश्य प्राप्त कर ले ।

क्या है इस वर्ष गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य

देश भर केंद्र सरकार के द्वारा 23 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाता है, इस भाव पर ही राज्य सरकारों के द्वारा खरीदी की जाती है | केंद्र तथा राज्य की एजेंसियां इस रेट पर खरीदी करती है | राज्य में गेहूं की खरीदी केंद्र सरकार के द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रूपये प्रति क्विंटल है |

किसान बन्धु मोबाइल एप में दी गयी जानकारी के सम्बन्ध में अपने जनपद के जिला खाद्य विपणन अधिकारी, क्षेत्रीय विपणन अधिकारी, विपणन निरीक्षक या टोल फ्री नम्बर 18001800150 पर सम्पर्क कर सकतें है।

समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने हेतु पंजीकरण के लिए क्लिक करें

मार्च 2021 मौसम पूर्वानुमान: जानिए मार्च महीने में कब हो सकती है बारिश

मार्च 2021 मौसम पूर्वानुमान

इस वर्ष फरवरी अंत से मार्च के प्रारंभ में उत्तर भारत में पारा लगातार ऊपर चढ़ता जा रहा है, कई स्थानों पर अधिकतम तापमान ने पिछले कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है | पिछले वर्ष कई राज्यों में असमय बारिश एवं ओलावृष्टि के चलते किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ था परन्तु इस वर्ष यह बहुत कम है | भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने मार्च महीने के लिए मौसम का पूर्वानुमान जारी किया है | इसके अनुसार मार्च में कुछ स्थानों पश्चिमी विक्षोभ के चलते कुछ स्थानों पर गरज चमक के साथ बारिश हो सकती है | मार्च माह में कुछ स्थानों पर अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान भी जताया है |

उत्तर भारत के मैदानों के निकटवर्ती हिमालय, पश्चिम, पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत और मध्य भारत के कुछ उपखंडों में सामान्य रूप से रहने वाले अधिक तापमान से ज्यादा तापमान रहने की संभावना है। उत्तर भारत के अधिकांश उपखंडों से साथ-साथ हिमालय की पहाडियों, उत्तर पूर्व भारत और पश्चिम तथा पश्चिमी तटीय भारत के कुछ उपखंडों में सामान्य न्यूनतम तापमान से ज्यादा तापमान रहने की संभावना है। ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, रायलसीमा और तटीय आंध्र प्रदेश के उपखंडों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है। उत्तर भारत के साथ-साथ हिमालय की तलहटियों, उत्तर-पश्चिम, पश्चिम, उत्तर पूर्व और पूर्वी भारत तथा पश्चिमी तट के कुछ उपखंडों में सामान्य मध्यम तापमान से ज्यादा तापमान रहने की संभावना है।

6 मार्च से 11 मार्च के दौरान इन स्थानों पर हो सकती है बारिश

ताजा पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण 6 से 8 मार्च के दौरान जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 07 मार्च को बिजली कड़कने और बर्फबारी के साथ कहीं-कहीं पर भारी बारिश होने की संभावना है। 06 और 07 मार्च को पंजाब में छिटपुट से लेकर कहीं-कहीं हल्की बारिश या बूंदाबांदी होने की संभावना है। उत्तर हरियाणा, चंडीगढ़ और इससे सटे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 07 मार्च को अलग-अलग स्थानों हल्की बारिश या बूंदाबांदी होने की संभावना है।

वहीँ 11 से 13 मार्च 2021 के दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश होने बादल गरजने और बिजली चमकने की संभावना है।

12 मार्च से 18 मार्च तक इन स्थानों पर हो सकती है बारिश

दूसरे सप्ताह के दौरान जम्मू और कश्मीर में सामान्य से अधिक तथा शेष पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। देश के शेष हिस्सों में सामान्य से कम या सामान्य बारिश होने की संभावना है। वहीँ 12 से 13 मार्च 2021 के दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश होने बादल गरजने और बिजली चमकने की संभावना है।

19 से 25 मार्च के दौरान इन जगहों पर हो सकती है बारिश

तीसरे सप्ताह में जम्मू और कश्मीर सहित भारत के अधिकांश हिस्सों और उत्तरी भारत के आसपास के हिस्सों में सामान्य के कम बारिश होने की संभावना है। किसी प्रमुख पश्चिमी विक्षोभ की कमी में दक्षिण-पश्चिमी प्रायद्वीपीय भारत और पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।

26 से 31 मार्च, 2021 के दौरान इन जगहों पर हो सकती है बारिश

चौथे सप्ताह में  जम्मू-कश्मीर और पंजाब के कुछ हिस्सों, हरियाणा, राजस्थान के कुछ हिस्सों, पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों, महाराष्ट्र और प्रायद्वीपीय भारत के दक्षिणी हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। देश के शेष हिस्सों में सामान्य से कम या सामान्य बारिश होने की संभावना है।

गेहूं, चना, मसूर एवं सरसों की सरकारी खरीद के लिए पंजीयन का आज आखरी दिन

चना, मसूर, सरसों एवं गेहूं पंजीयन

रबी फसल की खरीदी के लिए अलग-अलग राज्य सरकारों के द्वारा किसानों से पंजीकरण करवाए जा रहे हैं | इसके लिए कुछ राज्यों में किसानों का पंजीयन का अंतिम दौर चल रहा है | पंजीकृत किसान ही अपनी उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार को मंडी पर बेच सकते है | मध्य प्रदेश में रबी फसल के लिए पंजीयन 25 फरवरी को बंद कर दिए गए थे , जिससे राज्य के बहुत से किसान पंजीयन से वंचित रह गये थे | इसको देखते हुए मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने रबी फसल गेहूं, चना, मसूर एवं सरसों के पंजीयन हेतु पोर्टल 3,4 तथा 5 को पुन: शुरू किया था जिसका आज अंतिम दिन है | किसान आज शाम तक रबी फसल का पंजीयन करवा सकते हैं |

यह पंजीयन कहाँ हो रहा है ?

मध्य प्रदेश सरकार ने 3 दिनों के लिए रबी फसल की पंजीयन शुरू किया है | यह पंजीयन सिर्फ सहकारी समितियों के केन्द्रों पर ही किये जा सकेंगे | इन 3 दिनों में किसान ऑनलाइन पंजीयन नहीं करवा सकते हैं | पंजीयन का आज अंतिम दिन है | दुबारा से खोले गये पोर्टल में सिर्फ 5 मार्च तक ही पंजीकरण किया जाना है, इसके बाद पोर्टल बंद हो जायेगा |

खरीदी कब से शुरू होगा

मध्य प्रदेश में रबी फसल की कटाई अलग–अलग जिलों में अलग–अलग समय पर होती है इसको देखते हुए राज्य में रबी फसल की सरकारी खरीदी संभाग के अनुसार अलग – अलग समय पर शुरू की जाएगी | 22 मार्च से इन्दौर तथा उज्जैन संभाग में रबी फसल की सरकारी खरीदी की जावेगी तथा शेष संभागो में 1 अप्रैल से रबी फसल की खरीदी शुरू की जाएगी इस वर्ष सरकार ने 15 मई तक सभी रबी फसलों की खरीदी करने का लक्ष्य रखा है |

फसल पंजीयन हेतु आवश्यक दस्तावेज

किसानों को अनिवार्य रुप से समिति स्तर पर पंजीयन हेतु आधार नंबर, बैंक खाता नंबर, मोबाइल नंबर की जानकारी उपलब्ध करवाना होगा | किसानों को पंजीयन करवाते समय कृषक का नाम, समग्र आई डी नम्बर, ऋण पुस्तिका, आधार नम्बर, बैंक खाता नम्बर, बैंक का आईएफएससी कोड, मोबाइल नम्बर की सही जानकारी देना होगा | वनाधिकार पट्टाधारी एवं सिकमी किसानों को पंजीयन के लिए वनपट्टा तथा सिकमी अनुबंध की प्रति होनी चाहिए |

किसान कर्ज माफी के अलावा जानिए क्या रहा खास झारखंड सरकार के बजट में

झारखंड किसानों के लिए बजट 2021-22

केंद्र सरकार के बजट के बाद अब झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने 3 मार्च को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश कर दिया है। वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने दिन में 12 बजे विधानसभा में 91,277 करोड़ का बजट पेश किया। बजट में किसान-गांव और सामाजिक कल्याण को ध्यान में रखा गया है । बजट में कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रों के लिए कई घोशनाएँ की गई हैं |

किसानों के लिए बजट में क्या ख़ास है ? 

सरकार ने किसान कर्ज माफी की बात प्रमुखता से कही है इसके आलवा सिंचाई के लिए नई योजना किसान सर्विस सेन्टर की स्थापना के आलावा कृषकों और व्यापारियों के बीच बेहतर समन्वय के लिए चैंबर ऑफ कॉमर्स की तर्ज पर झारखंड में चैंबर ऑफ फार्मर्स के गठन का प्रावधान किया गया है।

झारखंड कृषि ऋण माफ़ी योजना

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य की 75 प्रतिशत आबादी कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्र पर निर्भर है | किसानों के लिए राज्य सरकार कृषि ऋण माफी योजना लेकर आई है | इस योजना का शुभारम्भ 1 फ़रवरी से किया जा चूका है | झारखंड कृषि ऋण माफ़ी योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1200 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया जा रहा है | इसके अलावा कुछ नई योजनाएं भी लाई गई हैं |

किसान सर्विस सेंटर की स्थापना

समेकित बिरसा ग्राम विकास योजना के तहत प्रत्येक जिले से ग्राम का चयन करते हुए बिरसा ग्राम के रूप में नामित किया जायेगा | इस योजना के अंतर्गत किसान सर्विस सेंटर की स्थापना कर कृषक समूह को प्रशिक्षित करते हुए कृषि के विभिन्न आयामों से जोड़ते हुए किसानों को बाजार उपलब्ध कराया जायेगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि की जा सके | इस वित्तीय वर्ष में योजना के तहत 61 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है |

किसान सम्रद्धि योजना

योजना के तहत प्रत्येक जिले के विभिन्न प्रखंडों में सोलर आधारित डीप बोरिंग करते हुए सिंचाई सुविधा सामूहिक रूप से उपलब्ध करवाई जाएगी | इस हेतु आगामी वितीय वर्ष में 45.83 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है |

उद्यानिकी फसलों की खेती

शहरी क्षेत्रों में उद्यानिकी फसलों की खेती का उद्देश्य श्री क्षेत्रों में घरों के आस-पास खाली पड़ी भूमि में गृह वाटिका विकसित करते हुए शहर के निवासियों के लिए अत्यंत कम लागत पर ताज़ी सब्जियों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है | इसके तहत इस वित्तीय वर्ष में 5000 पौष्टिक गृह वाटिका के लिए 2 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है |

झारखंड राज्य उद्यान प्रोत्साहन सोसाइटी

योजना का मुख्य उद्देश्य एक ऐसी संस्थागत व्यवस्था का विकास करना है, जो क्षेत्र स्तर पर उद्यान निदेशालय एवं राज्य बागवानी मिशन के द्वारा संचालित योजनाओं का बेहतर अनुश्रवण एवं मूल्यांकन कर सकें | इस सोसाइटी के गठन के फलस्वरूप पर्याप्त संख्या में तकनिकी रूप से सक्षम मानव बल की सेवा प्राप्त की जा सकेगी | इस सोसाइटी के गठन के पश्चात् कृषकों, कृषि उद्यमियों एवं व्यापारियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो सकेगा | इस हेतु इस बजट में 10 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है |

चैम्बर ऑफ कॉमर्स का गठन

इसका मुख्य उद्देश्य किसानों एवं व्यापारियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना एवं मार्किट लिंकेज की सम्भावना को बढ़ाना है | चैम्बर ऑफ कॉमर्स के गठन के फलस्वरूप कृषक समूह विकसित होंगे एवं राज्य में लघु कृषि उद्योग का विकास हो सकेगा तथा कृषकों को अपने उपज का उचित मूल्य प्राप्त होगा एवं कई छोटी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना की जा सकेगी | इस हेतु इस वित्तीय वर्ष में सरकार ने 7 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है |

पोस्ट हार्वेस्ट एवं प्रिजर्वेशन आधारभूत सरंचना का विकास

योजना का मुख्य उद्देश्य उद्यानिकी फसलों के कटाई के पश्चात् होने वाले नुकसान की रोकथाम करना एवं फलों एवं सब्जियों की सेल्फलाइफ को बढ़ाते हुए ज्यादा समय तक संरक्षित रखना है | इसके तहत राज्य में कुल 24 शीतग्रह/ लघु शीतग्रह की स्थापना के लिए 31 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है |

झारखंड राज्य फसल राहत योजना

राज्य में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के स्थान पर झारखंड राज्य फसल राहत योजना की शुरुआत की गई है | जिसके अंतर्गत प्रतिकूल मौसम के कारन फसलों के उत्पादन में नुकसान होने की स्थिति में क्षति का आकलन कर किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी | इसके लिए राज्य सरकार ने इस वर्ष कुल 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है |

पशुपालन क्षेत्र में किसानों को क्या मिला

झारखंड को बनाया जायेगा गोट स्टेट (Goat Estate)
  • चतरा जिला के अन्दर वृहद भेड़ प्रजनन प्रक्षेत्राधीन बकरा विकास के लिए गोट स्टेट का विकास किया जायेगा | इसका मुख्य उद्देश्य दुग्ध और मांस का उत्पादन बढ़ाना है | इस योजना के सञ्चालन से सरकार को राजस्व की प्राप्ति भी होगी |
  • गौरियाकरमा एवं खूँटी में चूजा प्रजनन केंद्र स्थापित किये जाने की योजना है | इससे मुर्गी पालकों को कम दर पर स्थानीय स्तर से चूजा उपलब्ध कराया जा सकेगा | साथ ही साथ स्थानीय नस्ल की मुर्गी का उत्पादन भी बढाया जा सकेगा |
  • गो मुक्ति धाम के लिए नई योजना की शुरुआत की जाएगी जिससे मृत्यु के बाद गो शारीर को पवित्र तरीके से निशापदन कराया जा सके | इसके लिए प्रत्येक प्रमंडल में एक-एक गो मुक्ति धाम स्थापित किये जाने का प्रस्ताव है |
  • जोड़ा बैल वितरण योजना के अन्तरगत राज्य के प्रक्षेत्रों तथा अन्य गो पालकों द्वारा प्राप्त नर बछाओं को बैल के रूप में तैयार किया जायेगा | इस बैलों को राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में कार्यरत किसानों को वितरित किया जायेगा, ताकि किसानों को कम लागत में खेती कार्यों में सहयोग मिल सके तथा अधिक मुनाफा प्राप्त हो सके |

डेयरी किसानों को क्या मिला

दुधारू मवेशी पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा के तहत राज्य के 30 हजार डेयरी किसानों को लाभान्वित किया जायेगा | ग्रामीण दुग्ध उत्पादकों/ प्रगतिशील डेयरी के लिए अतिरिक्त आमदनी के सृजन तथा स्वरोजगार के उद्देश्य से अनुदानित दर पर 2 दुधारू गाय वितरण, कामधेनु डेयरी फार्मिंग, प्रगतिशील डेयरी कृषकों को सहायता, हस्त एवं विद्युत चालित चेफ कटर का वितरण तथा तकनिकी इनपुट सामग्रियों के वितरण की योजना प्रस्तावित है | इसके अलावा गिरडीह में नए डेयरी प्लांट एवं रांची में मिल्क प्रोडक्ट प्लांट एवं मिल्क पाउडर प्लांट की स्थापना की जाएगी |

मछली पालन के लिए बजट में क्या है

  • आगामी वित्तीय वर्ष में सरकार ने 2,65,000 मेट्रिक टन मछली के उत्पादन का लक्ष्य रखा है | स्थानीय स्तर पर मत्स्य बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु 7,390 स्थानीय मत्स्य बीज उत्पादकों को अनुदान पर मत्स्य स्पान, स्पान-आहार तथा फ्राई कैचिंग नेट उपलब्ध कराया गया है | इस वर्ष 7,500 स्थानीय मत्स्य बीज उत्पादकों के माध्यम से 1100 करोड़ मछली बीज उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है |
  • वित्तीय वर्ष 2021-22 में जलाशयों में मछली मारने वाले स्थानीय विस्थापितों मछुआरों के लिए सामाजिक मत्स्यिकी के तहत मत्स्य अंगुलिकाओं का संचयन तथा अनुदान पर नाव देने का प्रस्ताव है | मत्स्य उत्पादन में वृद्धि के लिए फीड बेस्ड फिशरीज एवं इम्प्रूव वेराइटी की मछलियों का पालन किया जायेगा | प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना अंतर्गत केन्द्रांश तथा राज्यांश के सहयोग से राज्य के मछुआरों/ प्रगतिशील मत्स्य कृषकों/मत्स्य विक्रेताओं/ रंगीन मछली पलकों तथा लघु उद्यमियों को अनुदान/ आर्थिक सहायता दी जाएगी |
  • केज कल्चर विस्तार योजना के तहत जलाशयों में नए केजों का अधिष्ठापन कर मछली पालन तथा पुराने केजों का रिमोडलिंग कराते हुए मछली पालन कराया जायेगा | समेकित मत्स्य पालन योजना प्रायोगिक तौर पर मछली-सह-बत्तख एवं मछली-सह-सूकर पालन हेतु आरम्भ की जाएगी |

राज्य के 35 हजार 161 किसानों को दिया जाएगा कृषि पम्पों के लिए स्थाई बिजली कनेक्शन

कृषि पम्प के लिए बिजली कनेक्शन

एक वर्ष में एक से अधिक फसलें लेने के लिए खेतों में सिंचाई की उपयुक्त व्यवस्था होना आवश्यक है ताकि समय पर सिंचाई की जा सके | बहुत से किसान बिजली कनेक्शन न होने के चलते न तो एक से अधिक फसल ले पते हैं और न ही समय पर सिंचाई की व्यवस्था कर पाते हैं | इसको देखते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने स्थायी विद्युत कनेक्शन हेतु लंबित 35 हजार 161 कृषि पम्पों के ऊर्जीकरण करने की विधानसभा में घोषणा की है |

मुख्यमंत्री की घोषणा उपरांत विद्युत कनेक्शन हेतु लंबित सभी कृषि पम्पों को वित्तीय वर्ष 2021-22 में स्थायी विद्युत कनेक्शन देने की प्रक्रिया पूर्ण की जायेगी। इस वित्तीय वर्ष में प्रदेश के 10 हजार 504 पम्पों को विद्युत कनेक्शन दिए गए हैं । प्रदेश में किसानों द्वारा दो फसल लेने की शुरूआत की गई है, जिससे कृषि पम्पों के विद्युत कनेक्शन की मांग में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इसे दृष्टिगत रखते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने किसानों के हित में लंबित कृषि पम्पों के ऊर्जीकरण कार्य को प्राथमिकता से पूर्ण करने की घोषणा की।

कृषि पम्पों को दिया जायेगा निःशुल्क विद्युत कनेक्शन

गौरतलब है की इस वर्ष के बजट में छत्तीसगढ़ सरकार ने कृषक जीवन ज्योति योजना के अंतर्गत कृषि पम्पों को निःशुल्क विद्युत प्रदाय हेतु 2 हजार 500 करोड़ का प्रावधान रखा है। योजना में लगभग साढ़े 5 लाख किसानों को लाभान्वित किया जायेगा। कृषि पम्पों के ऊर्जीकरण के लिये डेढ़ सौ करोड़ का बजट प्रावधान रखा गया है। सौर सुजला योजना अंतर्गत वर्ष 2021-22 में किसानों को अनुदान पर सोलर पम्प देने के लिए 530 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

जानिए मध्य प्रदेश बजट 2021-22 में किसानों के लिए क्या रहा खास

मध्यप्रदेश किसानों के लिए बजट 2021-22

केंद्र सरकार के बजट 2021-22 पेश किये जाने के बाद अब अलग-अलग राज्य सरकारों के द्वारा भी बजट पेश किये जा रहे हैं | मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार के चौथे कार्यकाल का पहला बजट वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने मंगलवार 2 मार्च को विधानसभा में पेश किया | वित्त वर्ष 2021-22 का कुल अनुमानित बजट 2 लाख 40 हजार करोड़ रुपए का है। इसमें इस वित्त वर्ष में कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रों के कार्यों के लिए सरकार ने 35 हजार 353 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित किया है | इस बार के बजट में सरकार का मुख्य केंद्र आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश रहा |

इस बजट में मध्यप्रदेश सरकार ने अनाज खरीदी के लिए नई योजना मख्यमंत्री फसल उपार्जन सहायता योजना लागू करने की घोषणा की है | जिसके लिए सरकार ने 2 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया है | इसके अलावा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत किसानों को 4 हजार रुपये सालाना देने एवं किसानों को ब्याज मुक्त फसली ऋण देने के लिए भी बजट में प्रावधान किया गया है | बजट में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लिए कई नए कार्यों को करने की भी बात कही गई है |

मध्यप्रदेश के बजट में किसानों को क्या मिला

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है | कृषि उत्पादकता बढ़ाये जाने तथा कृषकों को उचित मूल्य दिलाये जाने पे सरकार का विशेष ध्यान है | इसके बाद सरकार द्वारा पिछले वर्ष किये गए कार्यों के बारे में जानकारी दी | वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में इस वित्तीय वर्ष में कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रों के लिए बजट में किये गए प्रावधानों की जानकारी दी |

मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी किसानों के लिए किसान कल्याण योजना चलाई जा रही है, जिसमें किसानों को वर्ष में 4 हजार रुपये दिए जाएंगे | मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत अब तक लगभग 57 लाख 50 हजार किसानों को 2000 रुपये की किश्त दी गई है | शेष किसानों को वित्तीय वर्ष 2020-21 में लगभग 400 करोड़ रुपये का भुगतान किया जायेगा | वहीँ इस वित्त वर्ष में इस योजना के लिए 3 हजार 200 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है |

किसानों को दिया जायेगा शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण

कृषि कार्यों को के लिए राज्य के 25 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड पर ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है वहीँ सहकारी बैंकों से किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसल ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है | इस वित्त वर्ष में सरकार ने इस योजना के बजट में लगभग 4 गुना की वृद्धि कर 1 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित किया है |

मुख्यमंत्री फसल उपार्जन सहायता योजना की शुरुआत

किसानों की फसल खरीदी सुगमता से की जा सके इस उद्देश्य से एक नई योजना “मुख्यमंत्री फसल उपार्जन सहायता योजना” लागू करना प्रस्तावित है | इस योजना में राज्य की उपार्जन संस्थाओं, जैसे नागरिक आपूर्ति निगम तथा मार्कफेड को आवश्यकता अनुसार वित्तीय सहायता दी जाएगी | इस योजना हेतु इस वित्तीय वर्ष में सरकार ने 2 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है |

किसानों के लिए अन्य योजनाओं के लिए बजट

  • आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की कार्ययोजना अनुसार कृषि क्षेत्र के अल्पकालीन कार्यक्रमों के अंतर्गत उथले और मध्यम खड्डों वाली 75 हजार हेक्टेयर भूमि विकास हेतु प्रोजेक्ट बनाया जायेगा | फलदार वृक्षों एवं औषधीय पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देना, प्रमाणित बीज पैकिंग पर होलोग्राम लगाना अनिवार्य किया जायेगा, छोटे अनाजों के मूल्य संवर्धन के लिए विशेष योजना बनाई जाएगी |
  • जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर में मृदा एवं क्रियाशील फाइटोसेनेटरी प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी |
  • मध्यकालिक व दीर्घ कालिक कार्यक्रमों के अंतर्गत राज्य स्तरीय कौशल उन्नयन केंद्र को स्थापित करना, जी.आई.एस. एवं रिमोट सेंसिंग जैसी तकनीक का उपयोग करना, रेज्ड-बेड प्लान्टर एवं रिज फेरो प्लान्टर जैसे यंत्रों के सहयोग से 15 लाख हेक्टेयर भूमि रेज्ड-पद्धति का विस्तार, 3 हजार एग्री क्लिनिक एवं एग्री सर्विस केन्द्रों की स्थापना, प्रमाणीकृत जैविक खेती के क्षेत्रफल को बढाकर 4 लाख हेक्टेयर तक पहुँचाने आदि कार्य किये जाएंगे |
  • सहकारी साख समितियों को वाणिज्यिक बैंकिंग प्रणाली के सामान बनाया जायेगा इसके लिए सरकार ने बजट में 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है |

उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण

  • आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के तहत उद्यानिकी नर्सरियों को मजबूत एवं टिशुकल्चर लैब सुविधा पर कार्य किया जायेगा | कृषि एवं उद्यानिकी उत्पादों हेतु जैविक प्रमाणीकरण प्रक्रिया प्रोटोकॉल स्थापित करना, चिन्हित कृषि उपज मंडियों में फल, सब्जियों की सफाई/ग्रेडिंग/पैकजिंग और कोल्ड स्टोरेज सुविधाएँ उपलब्ध करना आदि कार्य किये जाएंगे |
  • एक जिला एक उत्पाद” कार्यक्रम के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को प्रोत्साहित करने का कार्य तथा मार्किट लिंकेज और कोल्ड स्टोरेज की सुविधा विकसित की जाएगी |

पशुपालन क्षेत्र में किसानों को क्या मिला

  • पशुपालकों को ऋण सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए 76 हजार किसान क्रेडिट कार्ड स्वीकृत किये गए हैं | युवाओं को पशुपालन के क्षेत्र में आकर्षित करने हेतु नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञानं विश्वविद्यालय, जवालपुर द्वारा ज्ञान पोर्टल बनाया जायेगा |
  • गौवंश के सरंक्षण हेतु ग्राम पंचायतों के माध्यम से निराश्रित गौवंश के उचित व्यवस्थापन के लिए प्रेअदेश की 1 हजार ग्राम पंचायतों में 1 हजार गौशालाएं स्थापित की जा रही है | इस वर्ष 2 हजार 300 से अधिक गौशालाएं स्थापित की गई है | गौशालाएं आत्मनिर्भर बन सकें सी उद्देश्य से गौ काष्ठ, साइलेज मशीन, पंचगव्य उत्पदान निर्माण हेतु उपकरण, वर्मी पिट, गमला बनाने की मशीन आदि दी जाएँगी |

मछलीपालन

प्रदेश में उपलब्ध 4 लाख 33 हजार हेक्टेयर जलक्षेत्र में से लगभग 99 प्रतिशत क्षेत्र में मछली पालन किया जा रहा है | प्रदेश के लगभग 1 लाख 75 हजार मछुआरों को दुर्घटना बीमा योजना से जोड़ा गया है | प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना में मछली उत्पादन एवं मछली पलकों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य है |

मध्यप्रदेश बजट 2021-22 समबन्धित सम्पूर्ण जानकारी के लिए क्लिक करें 

छत्तीसगढ़ बजट 2021-22: जानिए किसानों को क्या-क्या मिला

छत्तीसगढ़ किसानों के लिए बजट 2021-22

केंद्र सरकार के बजट 2021-22 पेश किये जाने के बाद अब अलग-अलग राज्य सरकारों के द्वारा भी बजट पेश किये जा रहे हैं | 1 मार्च को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ का वार्षिक बजट पेश कर दिया | वित्तीय वर्ष 2021-22 के इस बजट में 97 हजार 106 करोड़ के बजट में पुरानी योजनाओं को HEIGHT देने की नई अर्थनीति दिखाने की कोशिश हुई है। बजट के नये प्रावधानों में खेतिहर मजदूरों के लिए न्याय योजना की घोषणा की गई है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, इस बजट में अंग्रेजी के शब्द HEIGHT के हर अक्षर से विकास के विभिन्न आयामों को परिभाषित करने की कोशिश की गई है। इसमें H से होलिस्टिक डेवलपमेंट यानी समग्र विकास, E से एजुकेशन यानी सबके लिए समान शिक्षा, I से इंफ्रास्ट्रक्चर यानी विकास की पोषक अधोसंरचना, G से गवर्नेंस यानी संवेदनशील एवं प्रभावी प्रशासन, H से हेल्थ यानी स्वस्थ तन और T से ट्रांसफार्मेशन यानी जनता के लिए बदलाव का प्रतीक है। किसान समाधान आपे लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में कृषि एवं समन्धित क्षेत्रों में किये गए प्रावधानों की जानकारी लेकर आया है |

बजट में किसानों को क्या मिला

वित्त वर्ष 2021-22 में अलग से किसानों के लिए किसी नई योजना की घोषणा सरकार द्वारा नहीं की गई है | सरकार ने किसान न्याय योजना एवं कृषि पम्पो एवं फसली ऋण योजना के विस्तार की बात कही है | सरकार ने मत्स्य पालन पर भी कृषि की तरह ही जोर दिया है |

किसानों के लिए न्याय योजना

राजीव गांधी किसान न्याय योजना में धान एवं अन्य फसलों को शामिल करके बोये गये रकबे के आधार पर किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इस वर्ष 20 लाख 53 हजार किसानों से 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है, जो छत्तीसगढ़ के इतिहास में सर्वाधिक है। इस वर्ष वन अधिकार मान्यताधारी 32 हजार 23 कृषकों से भी 10 लाख 70 हजार क्विंटल धान की खरीदी की गई है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना हेतु वर्ष 2021-22 के बजट में 5 हजार 703 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

सिंचाई हेतु कृषि पम्प

कृषक जीवन ज्योति योजना अंतर्गत कृषि पम्पों को निःशुल्क विद्युत प्रदाय हेतु 2 हजार 500 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। योजना में लगभग साढ़े 5 लाख किसानों को लाभान्वित किया जायेगा। कृषि पम्पों के ऊर्जीकरण के लिये डेढ़ सौ करोड़ का बजट प्रावधान रखा गया है। सौर सुजला योजना अंतर्गत वर्ष 2021-22 में इस योजना के लिये 530 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

किसानों को दिया जायेगा बिना ब्याज का फसली ऋण

किसानों को शून्य ब्याज दर पर 5 हजार 900 करोड़ का अल्पकालीन कृषि ऋण वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। ब्याज अनुदान के भुगतान हेतु वर्ष 2021-22 में 275 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

बजट में किसानों के लिए अन्य मुख्य योजनायें

  • फसल बीमा योजना में 606 करोड़, कृषक समग्र विकास योजना में 81 करोड़, कृषि यंत्र सेवा केन्द्र की स्थापना एवं कृषि यंत्रों पर अनुदान एवं निःशुल्क वितरण हेतु 95 करोड़ का प्रावधान किया गया है। । प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना एवं शाकम्बरी योजना में 123 करोड़ का प्रावधान किया गया है। ।
  • नगद आमदनी के कारण फल-फूल एवं सब्जियों की खेती के प्रति कृषकों की रूचि बढ़ रही है। इस वर्ष 5 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बहुवर्षीय फलोद्यान, 4 हजार 500 हेक्टेयर में सब्जी उत्पादन तथा 13 सौ हेक्टेयर क्षेत्र में फूलों की खेती हेतु अनुदान देने का लक्ष्य रखा गया है। कुल उद्यानिकी फसलों के लिए 2021-22 में 495 करोड़ के बजट का प्रावधान रखा गया है।
  • बस्तर संभाग के 7 आदिवासी बहुल जिले एवं मुंगेली जिले के चयनित 14 विकास खण्डों में पोषण सुरक्षा तथा किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु चिराग योजना के लिए 150 करोड़ का प्रावधान।

बजट में पशुपालकों को क्या मिला

  • गोठानों को रोजगारोन्मुखी बनाने के लिए गोधन न्याय योजना प्रारंभ की गई है। गोठान समितियों द्वारा पशुपालकों से 2 रू. किलो की दर से गोबर क्रय हेतु 80 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है।
  • स्व सहायता समूहों द्वारा गोबर से वर्मी कंपोस्ट एवं अन्य उत्पाद तैयार किया जा रहा है। अब तक 71 हजार 300 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जा चुका है।
  • वर्तमान में 7 हजार 841 स्व-सहायता समूह गोठान की गतिविधि संचालित कर रहे हैं। इन समूहों के लगभग 60 हजार सदस्यों को वर्मी खाद उत्पादन, सामुदायिक बाड़ी, गोबर दिया निर्माण इत्यादि विभिन्न गतिविधियों से 942 लाख की आय प्राप्त हो चुकी है।
  • गोठान योजना के लिये वर्ष 2021-22 के बजट में 175 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

बजट में मछली पालकों को क्या मिला

  • मत्स्य पालन हेतु उपलब्ध जल क्षेत्रों में से 95 प्रतिशत क्षेत्र को विकसित करके 2 लाख से अधिक मछुआरों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
  • स्वयं की भूमि पर तालाब निर्माण कर मत्स्य पालन की योजना राज्य में काफी लोकप्रिय है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, नील क्रांति योजना एवं प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत निजी तालाबों का निर्माण करवाया जा रहा है। वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में 79 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
  • मत्स्य पालन को बढ़ावा देने हेतु इसे कृषि के समान दर्जा दिये जाने की कार्यवाही की जायेगी। वर्ष 2021-22 के बजट में मत्स्य पालन की गतिविधियों के लिये 171 करोड़ 20 लाख का प्रावधान किया गया है।

छत्तीसगढ़ बजट 2021-22 की सम्पूर्ण जानकारी के लिए क्लिक करें 

ट्रैक्टर, पावर टिलर एवं अन्य कृषि यंत्र अनुदान पर लेने के लिए अभी आवेदन करें

ट्रैक्टर एवं पॉवर टिलर सब्सिडी हेतु आवेदन

खेती-किसानी एवं बागवानी के कार्यों में बुआई से लेकर कटाई एवं खुदाई तक कृषि यंत्रों का महत्वपूर्ण योगदान है खासकर ट्रेक्टर | ट्रेक्टर एक ऐसा कृषि यंत्र है जो किसानों के लिए अत्याधिक महत्वपूर्ण है | आज के समय आधुनिक खेती में बैलगाडी की जगह ट्रैक्टर ने ले ली है | इसकी मांग को देखते हुए सरकार कृषि एवं बागवानी कर रहे किसानों को इसका लाभ देने के लिए सब्सिडी पर ट्रेक्टर एवं अन्य कृषि यंत्र सब्सिडी पर देती है |

बागवानी फसलों के उत्पादन में बड़े ट्रेक्टर का उपयोग कर पाना बहुत मुश्किल होता है | बागवानी में ज्यादातर छोटे ट्रेक्टर, पावर टिलर या विडर का प्रयोग किया जाता है | इसको ध्यान में रखते हुए एकीकृत बागवानी मिशन योजना के तहत मध्य प्रदेश के किसानों को सब्सिडी पर छोटे कृषि यंत्र उपलब्ध कराये जा रहे हैं | इस योजना के तहत राज्य के किसानों को ट्रेक्टर / पावर टिलर चलित उपकरण – 20 एच.पी.से. कम (बुआई, रोपाई, कटाई और खुदाई के उपकरण), ट्रेक्टर (पी.टी.ओ. 20 एच.पी.), यंत्रचालित नेपसैक स्पेयर / विधुत चलित ताइवान स्पेयर – क्षमता 16 लीटर से अधिक के कृषि यंत्र सब्सिडी पर देने के लिए आवेदन आमंत्रित किये गए हैं |

मध्य प्रदेश के किसानों को एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के अंतर्गत सब्सिडी पर ट्रेक्टर उपलब्ध कराया जा रहा है | इसके लिए किसानों से आनलाइन आवेदन मांगे गये हैं | जिन जिलों के किसानों को 20 एच.पी. का ट्रेक्टर दिया जायेगा उनका लक्ष्य तथा नाम जारी किया गया है |

इन जिले के किसानों को 20 एच.पी. का ट्रेक्टर सब्सिडी पर

मध्य प्रदेश के 16 जिलों के 16 तहसीलों को माडल विकास खण्ड के लिए चयन किया गया है | इन सभी जिलों को माडल विकास खण्ड के साथ लक्ष्य जारी किए गए हैं | इन सभी माडल विकास खण्ड के किसानों को सब्सिडी पर ट्रेक्टर उपलब्ध कराया जा रहा है |

ट्रेक्टर के लिए कुल जारी लक्ष्य

कूल 16 जिलों के 31 किसानों को 20 एच.पी. के ट्रेक्टर उपलब्ध कराया जा रहा है , इसमें सामान्य वर्ग के लिए 19 अनुसूचित जाति के लिए 5 तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 7 ट्रेक्टर उपलब्ध कराया जा रहा है | माडल विकास खण्ड को छोड़कर जिले के शेष विकास खण्ड हेतु के लिए 19 ट्रेक्टर सब्सिडी पर उपलब्ध कराये जा रहे हैं | इसमें से 13 सामान्य वर्ग , 3 अनुसूचित जाति तथा 3 अनुसूचित जनजाति के लिए है | यह सभी ट्रेक्टर ऊपर दिए हुए 9 जिलों के लिए हैं |

यंत्रचालित नेपसैक स्प्रेयर/विदयुत चालित स्प्रेयर के लिए कुल जारी लक्ष्य

राज्य के 16 विकास खण्डों के लिए कुल 2609 लक्ष्य जारी किया गया है , इसमें से समान्य वर्ग के लिए 1720, अनुसूचित जन जाति के लिए 381, अनुसूचित जनजाति के लिए 508 लक्ष्य दिया गया है | माडल विकास खण्ड को छोड़कर राज्य के 18 जिलों के लिए लक्ष्य जारी किया गया है | इन सभी 18 जिलों के लिए 1391 का लक्ष्य दिया गया है | इसमें से समान्य वर्ग के लिए 880, अनुसूचित जनजाति के लिए 292, अनुसूचित जाति के लिए 292 लक्ष्य निर्धारित किया गया है |

जारी लक्ष्य सम्बंधित जानकारी विस्तार से देखने के लिए क्लिक करें

किसानों को ट्रेक्टर, पॉवर टिलर एवं अन्य कृषि यंत्रों पर दी जाने वाली सब्सिडी

पावर टिलर तथा 20 एच.पी. तक ट्रेक्टर पर सभी वर्गों के किसानों को सब्सिडी उपलब्ध करवाई जा रही है | सभी वर्गों के किसानों को अलग – अलग सब्सिडी दी जाती है | जो इस प्रकार है :-

पावर टिलर (8 बीएचपी से कम)

8 बीएचपी पावर से कम क्षमता वाले पावर टिलर पर सामान्य वर्ग के किसानों के लिए अधिकतम 40,000 रूपये/इकाई | इसके अलावा महिला किसानों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, छोटे तथा कमजोर वर्ग के किसानों के लिए अधिकतम 50,000 रूपये/ईकाई की सब्सिडी दी जाती है |

पावर टिलर (8 बीएचपी और उससे अधिक) :- इस वर्ग के पावर टिलर के लियी सामान्य वर्ग के के किसानों के लिए 60,000 रूपये/इकाई | महिला किसानों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, छोटी और कमजोर किसानों के लिए अधिकतम 75,000 रूपये/इकाई दी जायेगी |

यंत्रचालित नेपसैक स्प्रेयर (क्षमता 16 लीटर से अधिक) :- सामान्य वर्ग के किसानों के लिए अधिकतम 0.08 रूपये/इकाई \ महिला किसानों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, छोटे और कमजोर किसानों के लिए अधिकतम 0.10 रूपये/इकाई |

किसान कब से आवेदन कर सकते हैं

मध्यप्रदेश के उद्यानिकी विभाग के द्वारा इन कृषि यंत्रों के लिए आवेदन आमंत्रित किये गए हैं जो अभी चल रहे हैं | इच्छुक व्यक्ति अभी आवेदन कर सकते हैं | इन सभी योजनाओं के लिए आवेदन लक्ष्य पूरा होने तक लिया जायेगा |

नियम और शर्ते

  • मध्य प्रदेश कृषि विभाग के द्वारा एकीकृत बागबानी मिशन के विभिन्न घटकों के तहत आवेदन मांगे गए है | इन दिए हुए योजनाओं के लिए आवेदन लक्ष्य से 10 प्रतिशत अधिक तक स्वीकार किया जायेगा |
  • विभाग द्वारा जिले वार लक्ष्य स्वीकृत किया गया है जिसमें माडल विकासखंड को 75 प्रतिशत लक्ष्य आरक्षित करने का निर्णय लिया गया है |
  • निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध 10 दिवस में आवेदन प्राप्त नहीं होने की स्थिति में शेष लक्ष्य की पूर्ति सभी विकासखंड द्वारा की जा सकती है |
  • लक्ष्य से अधिक आवेदनों को SHDO/ADH/DDH कार्यालय द्वारा निरस्त किया जायेगा |

किसानों का चयन इस आधार पर किया जायेगा

किसानों को सब्सिडी पर कृषि यंत्र उपलब्ध करने के लिए कुछ नियम और शर्ते रखे गये हैं जो इस प्रकार है :-

  • कृषक को आधार नंबर सहित ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य है |
  • योजना का क्रियान्वयन कृषक की निजी भूमि में किया जावेगा |
  • हितग्राही के पास सिंचाई के पर्याप्त साधन उपलब्ध होना चाहिए |
  • हितग्राही कृषक की रूचि व इच्छा रोपण में तथा रोपित किये जाने वाले फलों में होनी चाहिए |
  • सामान्य, अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के हितग्राहियों हेतु पृथक – पृथक लक्ष्यों का निर्धारण किया जाता है |
  • कृषकों को नवीन भूमि पर अथवा खाद्यान फसलों के स्थान पर फलोदयान विकसित करने पर ही अनुदान की पत्रता होगी

योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज

एकीकृत बागबानी विकास मिशन (MIDH) योजना का लाभ लेने के लिए फोटो, आधार नम्बर, खतोनी की प्रति, बैंक पासबुक एवं जाती प्रमाण पात्र होना चाहिए | किसान योजना से जुडी कसी भी तरह की जानकारी के लिए जिले के उप/सहायक संचालक उद्यानिकी विभाग या विकासखंड स्तर पर वरिष्ठ उद्यान अधिकारी से सम्पर्क कर सकते हैं |

ऑनलाइन आवेदन कहाँ करें

किसान आवेदन उधानिकी एवं खाध प्रसंस्करण विभाग मध्य प्रदेश के द्वारा आमंत्रित किये गए हैं अत: किसान भाई यदि योजनाओं के विषय में अधिक जानकारी चाहते हैं तो उधानिकी एवं मध्य प्रदेश पर देखे सकते हैं  अथवा जिला उद्यानिकी विभाग में संपर्क करें| मध्य प्रदेश में किसानों को आवेदन करने के लिए आनलाईन पंजीयन उधानिकी विभाग मध्यप्रदेश फार्मर्स सब्सिडी ट्रैकिंग सिस्टम https://mpfsts.mp.gov.in/mphd/#/ पर जाकर कृषक पंजीयन कर सकते हैं | किसान कीओसको पर जाकर अथवा mponline पर जाकर पंजीयन करें जहाँ ekyc (उँगलियों के निशान) सत्यापन कर सकें |

ट्रेक्टर एवं अन्य कृषि यंत्रों पर अनुदान हेतु आवेदन करने के लिए क्लिक करें

इस वर्ष रबी की 6 फसलें समर्थन मूल्य पर खरीदेगी यह राज्य सरकार, होगा 48 घंटे में भुगतान

रबी फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीद

तीनों कृषि कानूनों के विरोध एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर कानून की मांग को लेकर चल रहे किसान आन्दोलन का असर राज्य सरकारों के द्वारा की जाने वाली सरकारी खरीद पर दिखने लगा है | अब राज्य सरकारें अधिक से अधिक फसलें समर्थन मूल्य पर खरीदने का प्रयास कर रहीं हैं | इस वर्ष जहाँ मध्प्रदेश सरकार किसानों से गेहूं, चना, सरसों एवं मसूर 4 प्रमुख रबी फसलें किसानों से खरीदने वाली है वहीँ हरियाणा सरकार किसानों से रबी सीजन की 6 फसलें किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदेंगी |

यह 6 फसलें समर्थन मूल्य पर खरीदेगी सरकार

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश सरकार फसल खरीद सीजन को लेकर पूरी तरह तैयार है और पहली बार जौ की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदा जाएगा। राज्य में आगामी सीजन में पहली बार छह फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की जाएगी, जिनमें गेहूं, सरसों, धान व सूरजमुखी के साथ-साथ चना एवं जौ शामिल हैं।

किसानों को समर्थन मूल्य MSP पर उपज बेचने के लिए क्या करना होगा

जो भी इच्छुक किसान यह 6 फसलें समर्थन मूल्य पर बेचना चाहते हैं उन किसानों को “मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल” पर पंजीकरण करवाना होगा | सरकार प्रत्येक पंजीकृत किसान की फसल के एक-एक दाने को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगी | किसानों से अपील की गई है कि वे अपनी फसल  का ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन जरूर करवा लें।

हरियाणा के किसान ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर रबी फसलों  (गेहूं, सरसों, जौ, सूरजमुखी, चना एवं धान) के पंजीकरण करवा सकते हैं | इस वर्ष पंजीकरण के लिए ‘परिवार पहचान-पत्र’ का होना अनिवार्य कर दिया है। किसानों द्वारा अपने कृषि उत्पादों को मंडियों में बेचने एवं कृषि या बागवानी विभाग से संबंधित योजनाओं का लाभ उठाने हेतु अपनी फसलों का पंजीकरण ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल https://fasal.haryana.gov.in में करवाना अनिवार्य है। यह पंजीकरण कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भी करवा सकते हैं।

48 घंटे के अन्दर किया जायेगा किसानों को भुगतान

मंडियों में किसानों की फसल खरीद के लिए ऐसी व्यवस्था की  जा रही है जिससे किसानों को जल्द भुगतान किया जा सके | इस बार 48 घंटे में किसानों के खातों में फसल बिक्री की राशि डाल दी जाएगी। जैसे ही आढ़ती किसानों का जे-फॉर्म काटेगा, उसके 48 घंटे में किसानों की फसल के भुगतान की राशि की अदायगी कर दी जाएगी।

क्या है इस वर्ष रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)

केंद्र सरकार के द्वारा फसल बुआई के पूर्व ही फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP घोषित कर दिए जाते हैं | इस वर्ष भी केंद्र सरकार ने रबी सीजन की मुख्य 6 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर दिए हैं जो इस प्रकार है-

  1. गेहूं – 1975 रुपये प्रति क्विंटल
  2. जौ – 1600 रुपये प्रति क्विंटल
  3. चना – 5100 रुपये प्रति क्विंटल
  4. मसूर – 5100 रुपये प्रति क्विंटल
  5. रेपसीड एवं सरसों – 4650 रुपये प्रति क्विंटल
  6. कुसुम – 5327 रुपये प्रति क्विंटल

समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के लिए किसान पंजीकरण हेतु क्लिक करें 

राजस्थान बजट 2021-22: विस्तार से जानिए किसानों को क्या-क्या मिला

राजस्थान कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रों के लिए बजट 2021-22

गाँधीजी ने कहा था की “अगर भारत को शांतिपूर्ण सच्ची प्रगति करनी है तो पैसे वाले यह समझ लें की किसानों में ही भारत की आत्मा बस्ती है |” के साथ मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 24 फ़रवरी को कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रों के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बजट पेश किया | कोरोना के बीच यह राज्य का पहला ‘पेपरलेस’ बजट है | मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार अगले साल से कृषि का बजट अलग से पेश करेगी | राज्य सरकार अपने आगामी बजट में किसानों सहित समाज के सभी वर्गों की खुशहाली और कल्याण का ध्यान रखेगी साथ ही इस बजट में सरकार ने पशुपालकों के लिए भी कई घोशनाएँ की है |

गहलोत सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 2 लाख 50 हजार 747 करोड़ का बजट पेश किया जो पिछले साल के बजट से 25 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है। पिछले साल के लिए 2 लाख 25 हजार 731 करोड़ का बजट पेश किया गया था।  इस वर्ष गहलोत सरकार ने कई नई घोशनाएँ की है इनमें किसानों के लिए अगले वर्ष से अलग से कृषि बजट, कृषक कल्याण योजना, कृषि क्षेत्र के लिए अलग से विद्युत वितरण कंपनी, मिनी फ़ूड पार्क की स्थापना एवं 50 हजार सोलर पम्पों की स्थापना आदि शामिल है | किसान समाधान आपके लिए विस्तार से कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रों के लिए प्रस्तावित बजट की जानकारी लेकर आया है |

किसानों को बजट में क्या-क्या मिला

 कृषकों एवं पशुपालकों की आय में वृद्धि तथा समग्र विकास सुनिश्चित करने की दृष्टि से “कृषक कल्याण योजना” की घोषणा की गई | योजना के तहत सरकार 2 हजार करोड़ रुपये का खर्च करेगी | योजना के तहत प्रदेश के तहत किसानों को निम्न लाभ दिए जाएंगे-

कृषक कल्याण योजना की मुख्य बातें
  • 3 लाख किसानों को निः शुल्क Bio-Fertilizers एवं Bio-Agents दिए जाएगें,
  • एक लाख किसानों के लिए कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना की जाएगी,
  • तीन लाख किसानों को “माइक्रोन्यूट्रीएन्ट्स किट” उपलब्ध करवाई जाएँगी,
  • पांच लाख किसानों को उन्नत किस्म के बीज वितरित किये जाएंगे,
  • 30 हजार किसानों के लिए डिग्गीफार्म पोण्ड बनाये जाएंगे,
  • 1 लाख 20 हजार किसानों को स्प्रिंकलर व मिनी स्प्रिंकलर दिए जाएंगे,
  • 120 फार्मर प्रोडूसर आर्गेनाईजेशन (FPO) का गठन किया जायेगा, जिसके उत्पादों की क्लीनिंग, ग्राइंडिंग एवं प्रोसेसिंग इकाइयाँ स्थापित की जाएँगी, ताकि किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त हो सके |

राज्य में ड्रिप एवं फव्वारा सिंचाई प्रणाली की उपयोगित को देखते हुए आगामी 3 वर्षों में लगभग 4 लाख 30 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को सूक्ष्म सिंचाई के तहत लाया जायेगा | साथ ही फर्टिगेशन एवं ऑटोमेशन आदि तकनीकों को भी व्यापक प्रोत्सहन दिया जायेगा | इसके लिए सरकार ने 732 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान प्रस्तावित किया है |

स्थापित किये जाएंगे मिनी फ़ूड पार्क

कृषि जिंसो एवं उनके प्रोसेस्ड उत्पादों के व्यवसाय व निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आगामी तीन वर्षों में प्रत्येक जिले में चरणवद्ध रूप से मिनी फ़ूड पार्क स्थापित किये जाएंगे | आगामी वर्ष में पाली, नागौर, बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, सवाई माधोपुर, करौली, बीकानेर एवं दौसा जिलों में 200 करोड़ रुपये की लागत से मिनी फ़ूड पार्क बनाये जायेंगे | साथ ही मथानिया-जोधपुर में लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से मेगा फ़ूड पार्क की स्थापना की जाएगी |

ज्योतिबा फूले कृषि उपज मंडी की स्थापना

किसानों को उनकी उपज के विपणन व बेहतर मूल्य दिलाये जाने के लिए आंगणवा-जोधपुर में आधुनिक सुविधा युक्त 60 करोड़ रुपयों की लागत से ज्योतिबा फूले कृषि उपज मंडी स्थापित की जाएगी |

खोले जायेंगे किसान सेवा केंद्र

किसानों को विभिन्न प्रकार की सेवाएँ देने के उद्देश्य से आगामी 3 वर्षों में 125 करोड़ रुपये की लागत से भारत निर्माण राजीव गाँधी सेवा केन्द्रों में 1 हजार किसान सेवा केन्द्रों का निर्माण करवाया जायेगा | इसके लिए कृषि पर्यवेक्षकों के 1 हजार नए पद भी सृजित किये जाएंगे |

नहीं बढेंगी बिजली की दरें, बनाई जाएगी कृषि विद्युत वितरण कंपनी

5 सालों के लिए बिजली दरें न बढे इसके लिए सरकार ने इस वर्ष 12 हजार 700 करोड़ रुपये की सब्सिडी दे रही हैं तथा आगामी वर्षों के लिए भी 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान प्रस्तावित है | खेती हेतु पर्याप्त बिजली की उपलब्धता, बिजली खरीद में पारदर्शिता व अच्छे वित्तीय प्रबन्धन के लिए नई कृषि विद्युत वितरण कंपनी बनाने की घोषणा की गई |

ग्रामीण कृषि उपभोक्ताओं जिनक बिल मीटर से आ रहा है उनको सर्कार प्रतिमाह 1 हजार रुपये तक व प्रतिवर्ष अधिकतम 12 हजार रुपये तक की राशि दिए जाने की घोषण की गई | इस पर 1 हजार 450 करोड़ रुपये का वार्षिक व्यय संभावित है | 150 यूनिट तक बिजली के बिल अब प्रत्येक माह के स्थान पर अब 2 माह में भेजे जायेंगे |

50 हजार किसानों को दिए जाएंगे सोलर पम्प

किसानों को निरंतर बिजली मिल सके, इसके लिए 50 हजार किसानों को सोलर पम्प उपलब्ध करवाए जाएंगे इसके आलवा 50 हजार किसानों को कृषि विद्युत कनेक्शन दिए जाएंगे इसके अलावा कटे हुए कृषि कनेक्शन को फिर से शुरू किया जायेगा |

किसानों के लिए अन्य योजनाएं

  • राज्य की कृषि उपज मंडी समितियों में सड़क निर्माण, अन्य आधारभूत संरचना विकसित करने तथा मंडियों को ऑनलाइन करने हेतु आगामी तीन वर्षों में एक हजार करोड़ रुपये की लागत कार्य किये जायेंगे |
  • खेती की लागत कम करने तथा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ष 2019 में जीरो बजट प्राकृतिक खेती योजना शुरू की थी | इसके अंतर्गत आगामी तीन वर्षों में 60 करोड़ रुपये खर्च कर 15 जिलों के 36 हजार किसानों को लाभान्वित किया जायेगा |
  • कृषि कार्य में समय की बचत तथा खेती की लागत कम करने के उद्देश्य से लघु एवं सीमांत किसानों को उच्च तकनीक के कृषि उपकरण किराये पर उपलब्ध करवाने हेतु PPP मोड पर GSS एवं एनी जगहों पर एक हजार कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्तःपना करना प्रस्तावित है | इस पर 20 करोड़ रुपये की लागत संभावित है |
  • वर्ष 2021-22 में 100 पैक्स/ लैम्प्स में प्रत्येक में 100 मीट्रिक तन क्षमता के गोदाम का निर्माण करवाया जायेगा | इस पर 12 करोड़ रुपये का व्यय होगा |

कृषि ऋण को लेकर बजट में क्या है

जो किसान कर्ज माफी से वंचित रह गए हैं, उन किसानों को भी अपने बजट में राहत देने की घोषणा की है। ऐसे किसानों की ओर से कॉमर्शियल बैंकों से लिया गया कर्ज वन टाइम सैटलमेंट के जरिए कर्ज माफ करने की घोषणा की है। इस साल 16 हजार करोड़ का ब्याज मुक्त फसली कर्ज दिया जाएगा। 3 लाख नए किसानों को कर्ज मिलेगा, इस योजना में पशुपालकों और मत्स्य पालकों को भी शामिल किया जाएगा।

पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्र के लिए बजट में प्रावधान

बीकानेर के राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञानं विश्वविद्यालय तथा शररे कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर-जयपुर में डेयरी विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालयों की स्थापना की जाएगी | बस्सी-जयपुर में डेयरी व खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय खोला जाना प्रस्तावित है | साथ ही डूंगरपुर, हिंडौली-बूंदी एवं हनुमानगढ़ में नवीन कृषि महाविद्यालयों की स्थापना की जाएगी |

दूध उत्पदान को बढ़ावा देने व उत्पादकों की सहूलियत के लिए राजसमन्द में स्वतंत्र रूप से नए दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के गठन किया जायेगा | वर्ष 2021-22 के लिए राज्य में नए दुग्ध संकलन रूट प्रारंभ करने के साथ ही जिला दुघ्ध संघों में संचालित 1 हजार 500 दुग्ध संकलन केन्द्रों को प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहाकरी समितियों के रूप में पंजीकृत किया जाना प्रस्तावित है |

पशुपालकों को घर पर ही दी जाएगी चिकित्सा सेवा

राज्य की गोशालाओं व पशुपालकों को उनके घर पर ही आपातकालीन पशु चिकित्सा उपलब्ध करवाने के लिए 108 एम्बुलेंस की तर्ज पर “102-मोबाइल वेटेनरी सेवा” शुरू की जाएगी जिस पर 48 करोड़ रुपये का व्यय किया जायेगा |

  • पशु चिकित्सा सेवाओं को सुद्रढ़ एवं आधुनिक बनाने हेतु प्रत्येक पशु चिकित्सालय में राजस्थान पशु चिकित्सा रिलीफ सोसाइटी का गठन किया जायेगा |
  • प्रत्येक ब्लॉक में नंदी शाला की स्थापना की जाएगी | नंदी शालाओं को 1 करोड़ 50 लाख रुपये के मॉडल के आधार पर बनाया जाना प्रस्तावित है | इस हेतु आगामी वर्ष 111 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी |
  • प्रदेश के प्रगतिशील किसानों की तरह ही, प्रगतिशील पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष राज्यस्तरीय पशुपालक सम्मान समाहरोह आयोजित किये जायेंगे |